Gwalior : छात्राओं की आड़ में एबीवीपी ने की गुड़ाई, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को धुना
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। धन्यवाद और ज्ञापन को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी छात्र नेताओं में झड़प हो गई। छात्राओं ने एनएसयूआई कार्यकर्ताओंं में चप्पल तक जड़ दी। इसमें से एक चप्पल पुलिस अधिकारी को भी जाकर लगी। आक्रोश में आकर पुलिस ने दोनों पक्षों को खदेड़ा और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में मामले को लेकर आए। तब कहीं जाकर विवाद शांत हो सका और अंत में एनएसयूआई ने ज्ञापन सौंपा, एबीवीपी ने धन्यवाद दिया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्वलांबी भाषण प्रतियोगिता का आयोजन आगामी दिनों में ग्वालियर में होने वाला है। इसके पोस्टर का अनावरण गत दिवस जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने किया था। पोस्टर का अनावरण करने के लिए अभाविप के छात्र नेता कुलपति का धन्यवाद देने के लिए पहुंचे थे। इसी बीच एनएसयूआई छात्र नेता भी कुलपति को पोस्टर का अनावरण और छात्रों की समस्याओं से संबंधित मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे। दोनों गुटों के विश्वविद्यालय में पहुंचने की जानकारी मिलते ही पुलिस अमला भी वहां पहुंच गया। एनएसयूआई छात्र नेताओं को आते देख अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। इससे गुस्साये एनएसयूआई छात्र नेता गेट के बाहर एनएसयूआई का पोस्टर लगाकर जेयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इधर, गेट पर चढ़कर अभाविप के कार्यकर्ता उन्हें चिढ़ाने लगे। साथ ही अभाविप छात्र नेताओं के बीच से ही कुछ छात्रायें आईं और एनएसयूआई का पोस्टर छीनकर ले जाने लगीं। बैनर को लेकर दोनों गुटों में काफी देर तक खींचतान चलती रही।
बैनर में आग लगाने के बाद हुआ विवाद :
अभाविप में छात्राओं की संख्या अधिक होने और एनएसयूआई में प्रदर्शन के दौरान एक भी छात्रा न होने से उन्होंने एनएसयूआई छात्र नेताओं से पोस्टर छीन लिया और उसमें आग लगा दी। हालांकि पुलिस ने बैनर को जलने से बचाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहे।
छात्राओं ने उठाई चप्पल, युवकों ने की हाथापाई :
एनएसयूआई के बैनर में आग लगाने के बाद छात्र नेता उग्र हो गए। उन्होंने जब इसका विरोध करना चाहा तो अभाविप ने छात्राओं को आगे कर दिया। इससे वह बेबस हो गए । इसका फायदा उठाते हुए अभाविप छात्र नेताओं ने एनएसयूआई कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को धून दिया। पुलिस ने बीच बचाव कर दोनों गुटों को शांत किया।
एबीवीपी ने दिया धन्यवाद, एनएसयूआई ने सौंपा ज्ञापन :
करीब दो-ढ़ाई घंटे का हंगामा प्रदर्शन होने के बाद कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी और विश्वविद्यालय सीएसपी और पुलिस अमले की निगरानी में एनएसयूआई छात्र नेता यतेन्द्र सिंह, पवन शर्मा और संकल्प गोस्वामी सहित सैकड़ों नेताओं ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से सुरक्षा एजेंसी को हटाने की मांग की और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद पुलिस निगरानी में ही इन्हें विश्वविद्यालय से बाहर किया गया। इसके बाद एबीवीपी ने कुलपति को पोस्टर का विमोचन करने के लिए धन्यवाद दिया।
चप्पलों का किया पूजन, भरी पिण्ड :
अभाविप छात्रा नेताओं के जाने के बाद एनएसयूआई छात्र नेताओं ने परिसर में पड़ी छात्राओं की चप्पलों की पूजा की और पिण्ड भरा। बोले-हम सभी का सम्मान करते हैं।
मंत्री का संरक्षण इसलिए है क्या :
ग्वालियर में जब से विभाग संगठन का दायित्व संदीप वैष्णव ने संभाला है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र हो गई है। इसके पीछे उच्च शिक्षा मंत्री का हाथ होना बताया जा रहा है। क्योंकि, गत दिवस संदीप जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव के साथ अभद्रता से पेश आए थे। उसके चंद दिनों बाद ही उच्च शिक्षा मंत्री ने अपने पास में बिठाकर नाश्ता कराया था।
इनका कहना है :
जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति को शांतिपूर्ण रूप से ज्ञापन सौंपने जा रहे छात्रों पर एबीवीपी के कार्यकताओं और विश्वविद्यालय प्रशासन ने बर्बरतापूर्ण और कायराना हमला किया है। प्रदेश की पुलिस ना सिर्फ मूकदर्शक बनी रही अपितु हमलवारों को शह देती रही। सभी को समान शिक्षा का अधिकार है, मेरी अनुपस्थित भारत जोड़ो यात्रा में मेरी पूर्व की प्रतिबद्धता के कारण आज मैं मेरे साथियों के साथ नहीं था। मगर लौटूंगा और लौटते हीं इस निम्न कृत्य के सभी दोषियों से एक एक कर हिसाब लूंगा। प्रदेश में छात्र हितों की रक्षा के लिए कल भी दृढ़ संकल्पित था और अंतिम स्वांस तक रहूंगा।
सचिन द्विवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, एनएसयूआई
एनएसयूआई वाले अपने पोस्टर पर कुलपति को एबीवीपी का कार्यकर्ता लिखे हुए थे। इसलिए हमने उनसे पोस्टर छिना। छात्राओं ने उन्होंने अभद्रता की। इसलिए छात्राओं ने उन्हें पीटा। हम तो शांतिपूर्ण तरीके से कुलपति को धन्यवाद देने के लिए पहुंचे थे, क्योंकि इतना बड़ा कार्यक्रम छात्र हित में होने जा रहा है। ऐसा नहीं है कि संदीप वैष्णव के यहां आने से विवादों में इजाफा हुआ है।
हिमांशू श्रोती, प्रदेश सहमंत्री, अभाविप
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