जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रहे कार्ड, रजिस्ट्रेशन अटके
जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रहे कार्ड, रजिस्ट्रेशन अटकेRaj Express

Gwalior : जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रहे कार्ड, रजिस्ट्रेशन अटके

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : एक अगस्त से शुरू हुई योजना चार माह बाद भी पटरी पर नहीं आई। पोर्टल भी कर रहा दिक्कत, आरटीओ विभाग को हो रही परेशानी।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। परिवहन विभाग द्वारा ऑनलाइन वाहनो के रजिस्ट्रेशन की नई योजना शुरू की गई, लेकिन चार माह बाद भी वह योजना पटरी पर नहीं आई है, जिसके कारण हजारो की संख्या में वाहनो के रजिस्ट्रेशन कार्ड अटके हुए है। वहीं जो ऑनलाइन व्यवस्था के लिए पोर्टल चालू किया गया है वह भी अभी तक अपनी गति के हिसाब से संचालित नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने में भी दिक्कते हो रही है। अब आरटीओ को जो कार्ड सप्लाई किए जाते है वह निर्धारित संख्या में नहीं मिल रहे है, जिसके कारण वाहनो के रजिस्ट्रेशन महीनो से अटके हुए है।

वाहनो के पंजीयन तो हो रहे है, लेकिन उनको रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल रहे है, जिसके कारण वाहन चालक परेशान है और आरटीओ के पास शिकायते लेकर पहुंच रहे है। अब स्थिति यह है कि आरटीओ के हाथ में भी कुछ नहीं है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने का काम राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के हाथ पहुंच गया है। पहले यही काम स्मार्ट चिप कंपनी के पास था तो आरटीओ उनसे रुका हुआ काम करा लेते थे। नई व्यवस्था के तहत काम शुरू हुए चार माह से अधिक का समय हो चुका है पर कार्ड बनाने की गति फिलहाल सिर्फ 40 प्रतिशत ही है।

यहां बता दें कि परिवहन विभाग में अभी तक रजिस्ट्रेशन कार्ड से लेकर ड्राइविंग लायसेंस बनाने का काम स्मार्ट चिप कंपनी करती थी, लेकिन एक अगस्त से यह काम स्मार्ट चिप कं पनी के हाथ से छीन कर एनआईसी के हाथ पहुंच गया है, लेकिन कार्ड की सप्लाई स्मार्ट चिप कंपनी ही कर रही है। एनआईसी के हाथ में काम तो पहुंच गया पर काम पूरी तरह से बिगड़ गया है, जिसके कारण शिकायते लेकर लोग आरटीओ के पास पहुंच रहे है। बताया गया है कि ई ट्रांसपोर्ट के तहत वाहन 4.0 पोर्टल व्यवस्था 1 अगस्त से शुरू की गई है। इस व्यवस्था के शुरू करने के पीछे कारण यह है कि ऑनलाइन काम शुरू हो जाएगा और वाहन खरीदने वाला ऑनलाइन फीस जमा कर अपने वाहन का नंबर पा सकता है, सिर्फ कार्ड पाने के लिए उसे आरटीओ दफ्तर जाना होगा, क्योंकि कार्ड तभी जनरेट होगा जब आरटीओ दफ्तर में इस शाखा का काम देखने वाला बाबू कम्प्यूटर पर अगूंठा लगाएगा।

2000 वाहनो के कार्ड बनाने पर मिले सिर्फ 600 :

एक अगस्त से वाहन 4.0 पोर्टल व्यवस्था शुरू होने के बाद से यह सोचा गया था कि व्यवस्था अब गति प्रदान करेगी और लोगों को आरटीओ दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे, लेकिन चार माह होने के बाद भी व्यवस्था में फिलहाल कोई सुधार नहीं दिख रहा है। इसके पीछे कारण सिर्फ आरटीओ विभाग के पास कार्ड की सप्लाई नियमित रूप से नहीं हो पाना है। चालू माह में 2000 वाहनो के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाएं जाना है, लेकिन विभाग के पास कार्ड सिर्फ 600 ही आएं है। वैसे विभागीय सूत्र का कहना है कि कार्ड जल्द ही और आने की संभावना है।

आखिर रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए कब तक करना होगा इंतजार :

चार माह से जो नई योजना शुरू हुई है उसके बाद कार्ड एक माह बाद धीमी गति से बन सके थे, लेकिन अब काफी संख्या में रजिस्ट्रेशन कार्ड अटके है जिसके कारण लोग परेशान है। वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड न होने से सड़को पर चैकिंग के दौरान पुलिस ऐसे वाहनो के खिलाफ चालानी कार्यवाही करती है। रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए लोग आरटीओ के पास पहुंचते है तो वहां से एक ही जवाब मिलता है कि हमारे पास जितने कार्ड आ रहे है वह तत्काल बनाकर दिए जा रहे है।

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