जेसी मिल श्रमिक आवास
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जेसी मिल श्रमिक आवास : 1800 में से फिलहाल सिर्फ 167 को मिलेंगे पट्टे

विधानसभा चुनाव में उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की घोषणा के मुताबिक आज से श्रमिकों को पट्टा दिए जाने की शुरूआत हो रही है। समारोह में केंद्रीय मंत्री सिंधिया व ऊर्जा मंत्री तोमर रहेंगे मौजूद।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। पिछले तीस साल से जेसी मिल श्रमिक एवं उनके परिजन श्रमिक आवास का मालिकाना हक मिलने का इंतजार कर रहे थे। विधानसभा चुनाव में उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की घोषणा के मुताबिक आज से श्रमिकों को पट्टा दिए जाने की शुरूआत हो रही है। जेसी मिल के कुल 1800 आवास हैं, जिसमें से शासकीय भूमि पर पट्टे देने के लिए 710 श्रमिकों के नाम चिन्हित किए गए थे, जिसमें से प्रथम चरण में 7 जनवरी को इंटक मैदान में आयोजित होने जा रहे कार्यक्रम में 167 आवासों के पट्टे दिए जाएंगे।

इसके लिए 7 जनवरी को दोपहर 3:30 बजे इंटक मैदान में समारोह आयोजित किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया श्रमिकों को पट्टे बांटेंगे। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष अभय चौधरी भी मौजूद रहेंगे।

श्रमिकों की उम्मीदों को लगे पंख :

पट्टे दिए जाने की घोषणा से श्रमिकों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। जिस भूमि पर श्रमिक आवास बने हैं, उसमें से अभी सिर्फ आधी से कम भूमि शासकीय घोषित होने से सिर्फ 710 श्रमिक आवासों कोपट्टे देने का रास्ता साफ हो सका हैं। इन 710 श्रमिकों में से कितने लोगों ने पट्टे हासिल करने के लिए आवेदन किए ये तो पता नहीं लग सका।

30 साल से सता रहा बेघर होने का डर :

प्रशासनिक सूत्रों से जानकारी के मुताबिक अभी फिलाहल सिर्फ लगभग 167 श्रमिकों को पट्टे दिए जा रहे हैं। शेष आवेदन अभी प्रक्रियाधीन हैं और जांच उपरांत उनका निराकरण होगा कि वो पट्टे दिए जाने के पात्र हैं अथवा नहीं। लेकिन सरकार के इस फैसले से पिछले 30 साल से बेघर होने के डर में जी रहे जेसीमिल श्रमिकों की उम्मीदों को पंख लगे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इसके बाद 710 में से शेष लोगों को भी पट्टे दिए जाने का रास्ता साफ होगा। फिलहाल जो 8 हैक्टेयर भूमि शासकीय घोषित की गई है, उस पर बने श्रमिक आवासों में से 167 लोगों को समारोह पूर्वक पट्टे दिए जा रहे हैं।

शेष श्रमिकों को पट्टे कब मिलेंंगे?

वहीं 11 सौ से अधिक श्रमिक एवं उनके परिजनों को पट्टे मिलेंगे अथवा नहीं,यह फिलहाल एक सवाल बना हुआ है,क्योंकि उक्त आवास जिस भूमि पर बने हैं, वो शासकीय भूमि न होकर फ्रीहोल्ड भूमि है, जिसके ऊपर शासन की ओर से परिसमापक अधिकारी नियुक्त हैं।

फ्रीहोल्ड की भूमि पर बने आवास को लेकर अभी भी बना हुआ है संशय :

पिछले दिनों जेसीमिल श्रमिकों के हितों को लेकर इंदौर में परिसमापक अधिकारी ने बैठक ली, जिसमें मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों ने परिसमापक अधिकारी के समक्ष यह मांग रखी थी कि वो कोर्ट के सामने सभी श्रमिक आवासों को पट्टे दिए जाने के लिए प्रस्ताव रखें,ताकि शेष श्रमिकों को भी पट्टे दिए जाने का रास्ता साफ हो। इससे साफ है कि शेष श्रमिकों को पट्टे दिए जाने का रास्ता कठिन भले ही है,लेकिन असंभव नहीं हैं, क्योंकि स्थानीय विधायक उर्जामंत्री सभी श्रमिकों से पट्टे देने का वादा कर चुके हैं। पिछले दिनों वे जेसी मिल श्रमिकों के साथ भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिले थे, उसी के बाद लंबे अंतराल के बाद परिसमापक अधिकारी ने इंदौर में बैठक बुलाई। और अब लंबे इंतजार कुछ श्रमिकों को ही सही, श्रमिकों को पट्टे देने की शुरूआत हो रही है, जिससे श्रमिकों की पथराई आंखों मेें चमक आना लाजिमी है।

इनका कहना है :

जेसी मिल श्रमिकों को लंबे समय से इंतजार था कि उनके आवास पर उनका मालिकाना हक मिलेगा, जो प्रदेश सरकार की पहल पर पूरा होने जा रहा है। अभी हम पट्टे देने की शुरूआत कर रहे हैं। जिन श्रमिकों को अभी पट्टे नहीं मिल रहे हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। वे भरोसा रखें सबको पट्टे दिलवाए जाएंगे।
प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जामंत्री

जेसी मिल के पट्टों के लिए 710 आवास चिन्हित किए गए हैं, जिसमें से 310 लोगों के आवेदन किया था,लेकिन निर्धारित राशि 173 लोगों ने जमा की थी, जिसमेें से 6 लोगों को मुख्यमंत्री पहले ही कार्यक्रम के दौरान पट्टे दे चुके हैं। शनिवार को कुल 167 लोगों को पट्टे दिए जाएंगे और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।

विनोद सिंह, एसडीएम

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