जेयू ने आय से अधिक दिखाया खर्चा
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Gwalior : जेयू ने आय से अधिक दिखाया खर्चा, 9 करोड़ 60 लाख रूपए घाटे का बजट पेश

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : 1 अरब 99 करोड़ 16 लाख दिखाई आय, खर्चा दिखाया 2 अरब से अधिक। ईसी सदस्यों ने बजट पर लगाई मौहर, बैठक के दौरान बेहोश हुईं प्राचार्य।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्यपरिषद की बैठक में 9 करोड़ 60 लाख रूपए घाटे का बजट पेश किया है। विश्वविद्यालय ने अपनी आय 1 अरब 99 करोड़ 16 लाख 82 हजार बताई है। जबकि खर्च 2 अरब रूपए से अधिक बताया है। इस घाटे के बजट को कार्यपरिषद सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। ईसी की बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू हुई जो शाम 5:20 बजे चक चली। इस दौरान एक कार्यपरिषद सदस्य बेहोश हो गईं और दूसरे का बीपी बढ़ गया। इस कारण वह बीच बैठक को छोड़कर चले गए। हालांकि दोनों सदस्यों की तबीयत अब ठीक बताई जा रही है।

कार्यपरिषद की बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कुलपति ने कार्यपरिषद सदस्यों के समक्ष बजट पेश किया। इसमें विश्वविद्यालय की आय 1 अरब 99 करोड़ 16 लाख 82 हजार बताई है और व्यय 2 अरब 08 करोड़ 77 लाख 31 हजार दिखाया गया है। यानि विश्वविद्यालय ने आय से अधिक रूपए का खर्चा दर्शाया है। हालांकि ईसी मेम्बरों ने इस घाटे के बजट को स्वीकार कर लिया है।

अनुमानित बजट वर्ष 2023-24 :

आयोजनेत्तर - आय : 1,67,21,37,000; व्यय : 1,82,70,63,000

योजना - आय : 4,78,00,000; व्यय : 1,14,50,000

विशेष प्रयोजनार्थ - आय : 11,42,50,000; व्यय : 10,84,78,000

ऋण शीर्ष - आय : 1,49,25,000; व्यय : 1,26,70,000

स्ववित्तीय - आय : 14,25,70,000; व्यय : 12,80,70,000

कुल - आय : 1,99,16,82,000; व्यय : 2,08,77,31,000

बजट की यह हैं विशेषताएं :

  • स्टार्टअप ग्रान्ट / इन्क्यूवेटर के लिए विशेष प्रावधान।

  • व्यवसायिक पाठ्यक्रमों एवं विज्ञान के आधारभूत पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहन ।

  • महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को कम आय प्राप्ति होने के बाद भी प्रोत्साहन ।

  • निर्धारित मापदण्डों के अनुसार फर्नीचर/उपकरण एवं शोध के लिए प्रावधान।

  • पूंजीगत योजनाओं में विवि के सर्वागीण विकास के लिए रू. 52.27 करोड़ की योजनाओं का प्रावधान।

  • अध्ययनशालाओं के क्लास रूम एवं लेब हेतु राशि रू. 1 करोड का प्रावधान।

  • छात्रावासों के परिरक्षण, विवि के सौंदर्यीकरण एवं रखरखाव का प्रावधान।

  • विभिन्न अध्ययशालाओं में शोधार्थियों के शोध कार्य के लिए विशेष प्रावधान।

  • केन्द्रीय पुस्तकालय में ई-जर्नल्स राशि रू. 1.75 करोड का प्रावधान।

  • अभियांत्रिकी संस्थान के विस्तार हेतु राशि 7.50 करोड़ का प्रावधान।

  • नवीन सेंटर फॉर मेडिकल साइंसेज, आयुर्वेद, एग्रीकल्चर की अधोसंरचना हेतु यंत्र उपकरण एवं फर्नीचर, निर्माण सम्बंधी कार्य हेतु राशि रु. 10.00 करोड़ का प्रावधान ।

  • एम.बी.ए. लेक्चरर कॉम्प्लेक्स निर्माण हेतु राशि रु.8.00 करोड़ का प्रावधान।

  • पुरातत्व अध्ययनशाला विस्तार हेतु राशि रु. 2.00 करोड़, पानी की टंकी का निर्माण एवं पाइप लाइन का विकास हेतु राशि रु. 1.00 करोड़ एवं जल संरक्षण / वर्षा-संबर्धन/पर्यावरण विकास हेतु राशि रु. 2.00 करोड़ का प्रावधान।

बैठक में इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा, लगी मौहर :

  • स्टार ग्रुप कॉलेज ग्वालियर, वैष्णव विद्यापीठ कॉलेज मुरार को सत्र 2022-23 की सम्बद्धता नहीं दी गई है। यदि इन कॉलेजों में छात्र अध्ययनरत हैं तो विवि इनकी परीक्षायें आयोजित करायेगा।

  • एमएमडी कॉलेज अटेर, भिण्ड के प्रबंधन ने 28/17 के तहत नियुक्ति और संबंधित शर्तों की प्रतिपूर्ति नहीं की। साथ ही निरीक्षण के दौरान जो कमिया मिली थीं। इसलिए उक्त महाविद्यालय पर एक लाख रूपए का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। 15 मार्च तक यह दण्ड की राशि कॉलेज प्रबंधन को जमा कराना है, जमा नहीं करने पर धरोहर राशि जप्त की जायेगी।

  • शेष 19 महाविद्यालयों ने अधोसंरचना एवं अन्य कमियों की प्रतिपूर्ति नहीं की। इससे इन महाविद्यालयों पर पचास हजार रूपए का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है।

  • 4सी के अंतर्गत नियुक्त डॉ.नीतू सिकरवार और डॉ.अल्पना शर्मा के कार्यकाल में 6 माह की वृद्धि करने का निर्णय हुआ।

  • अतिथि शिक्ष के मानदेय की वृद्धि की मांग के संबंध में पांच सदस्यी कमेटी का गठन कर दिया है। उक्त कमेटी में प्रो.डीएन गोस्वामी, प्रो.एके सिंह, प्रो.आईके पात्रो, वित्त नियंत्रक और सहायक कुलसचिव शामिल हैं।

बैठक के दौरान बीमार हुए दो सदस्य :

कार्यपरिषद की 5 घंटे चली मैरथन बैठक के दौरान कार्यपरिषद सदस्य प्रो.रमा त्यागी का ब्लड़ प्रेशर लॉ हो गया। इससे वह सीट पर ही बेहोश हो गईं। ईसी सदस्य को बेहोश देख सभी कार्यपरिषद सदस्यों के पैरों तले जमीन खिसक गई। ईसी मेम्बरों ने पानी के छींटे देकर उन्हें उठाया और नमक-शक्कर का घोल पिलाकर घर छुड़वाया। इसके कुछ देर बार ही ईसी मेम्बर संजय यादव की भी तबीयत बिगड़ने लगी। वह भी तबीयत खराब होने की बात बोलकर बैठक छोड़कर चले गए।

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