Gwalior : दुआ करो, दवा लो और फिर लो दारू, सब एक लाइन में उपलब्ध
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नई आबकारी नीति को लेकर जहां भाजपा नेत्री उमा भारती लगातार सरकार पर दबाव बनाने में लगी हुई है कि मंदिर से शराब दुकान की दूरी इतने मीटर होना चाहिए। इस तरह के नियम तो पहले भी बने है, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा है। मंदिर व नेशनल हाईवे से शराब दुकान की दूरी कितनी होना चाहिए इसका निर्धारण पहले से है, लेकिन दोनों ही स्थानों से शराब की दुकान की दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। नेशनल हाईवे से सटी कई शराब दुकानें खुली हुई है तो शहर के अंदर ही मंदिर से सटी शराब की दुकानें खुली है।
शहर के थाटीपुर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है कि वहां कोई भी मंदिर जाकर दुआ कर सकता है और पास ही दवा भी खरीद सकता है और अगर जरूरत है तो दारू भी खरीदने के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि मंदिर, मेडिकल व दारू की दुकान एक लाइन में बनी है। अब इससे समझ सकते है कि जब शहर के अंदर ही नियम का पालन नहीं हो रहा है तो फिर शहर के बाहर क्या हो रहा होगा। हालात यह है कि इस शराब की दुकान के सामने से होकर आबकारी विभाग के अधिकारी हर रोज निकलते है और उनकी जानकारी में भी है कि मंदिर व मेडिकल पास ही है तो फिर उस दुकान को वहां से हटाने के लिए कार्यवाही क्यों नहीं की? इसको लेकर नाम न छापने की शर्त पर आबकारी विभाग के अधिकारी का कहना था कि क्या करें दुकानदार कहता है कि उसे जिस क्षेत्र में लायसेंस शराब दुकान खोलने का मिला है वहां कोई किराए पर जगह ही नहीं दे रहा है तो फिर जो जगह किराए पर मिली वहां दुकान खोलना मजबूरी बन गया है। नियम के हिसाब से तो मेडिकल की दुकान भी शराब दुकान के पास नहीं होना चाहिए, क्योंकि मेडिक ल दुकान पर भी महिलाएं व बच्चे दवा खरीदने आते है और ऐसे में अगर पास में शराब की दुकान है तो उनको काफी झिझक महसूस होती है और कई बार तो महिलाओं के साथ अश्लील हरकते भी शराबी करते देखे जा सकते हैं।
शराब दुकान पास होने से मंदिर की पवित्रता पर पड़ता है असर :
मंदिर एक पवित्र स्थल माना जाता है और वहां हर व्यक्ति पूजा अर्चना करने पहुंचता है, जिसमें महिलाओ की संख्या काफी होती है। ऐसे में पास ही अगर शराब की दुकान व अहाता हो तो समझा जा सकता है कि मंदिर की पवित्रता के साथ किस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है। थाटीपुर क्षेत्र में मंदिर के पास ही शराब व मेडिकल की दुकान होने से वहां महिलाएं कम ही संख्या में जाती है, क्योंकि उनकी मजबूरी यह है कि अगर वह जाती है तो शराब दुकान के बाहर नशे में लोग कुछ भी बोलने से नहीं बचते। इसी तरह हाईवे पर भी नियम है कि शराब दुकान दूर होना चाहिए, लेकिन मोहना में ही देख सकते है कि हाईवे किनारे ही शराब दुकान खुली हुई है जो आबकारी विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाती दिख रही है, लेकिन विभाग इसके बाद भी कार्यवाही करने से बचता दिखता है। अब ऐसे मे अगर उमा भारती मांग कर रही है तो उसके पीछे कारण कुछ ऐसे ही है, क्योकि उन्होंने कई स्थानों पर मंदिरों के पास शराब की दुकानें देखी है तो इसको लेकर ही वह मुख्यमंत्री को पत्र लिख रही हैं और नई आबकारी नीति में उनके द्वारा दिए गए सुझाव पर अमल करने की मांग कर रही हैं।
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