जेल में बंद बीमार कैदियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
जेल में बंद बीमार कैदियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएंRaj Express

Gwalior : अब जेल में बंद बीमार कैदियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : नियमित किया जा रहा बीपी चैक, सभी बीमार कैदियों को अस्पताल के पास वाली बैरिकों में पहुंचाया। डॉक्टर करता है नियमित राउण्ड, मौसम के हिसाब से डाइट पर भी दिया जा रहा ध्यान।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सेन्ट्रल जेल में बंद कैदियों को अब और भी अधिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। व्यवस्थाओं में सुधार के लिए जेल प्रबंधन ने न केवल स्थानीय स्तर पर बदलाव किए हैं, बल्कि जेल मुख्यालय को भी व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। प्रबंधन द्वारा कुछ सुविधाओं को लागू कर दिया गया है। वहीं शेष के लिए तैयारी की जा रही है।

सेन्ट्रल जेल में लगभग तीन हजार कैदी बंद हैं। जिनमें से करीब तीन सैकड़ा कैदी बीमार पड़े हैं। बीमार कैदियों में बीपी, शुगर, ट्यूबर क्लोसिस, मानसिक रोगों से पीड़ित रोगी शामिल हैं। यह बीमार कैदी अंचल की जेलों से यहां पर लाए जाते हैं, क्योंकि कई जगह पर पर्याप्त इलाज का इंतजाम नहीं हैं। जेल में बंद सभी बीमार कैदियों का समुचित इलाज हो सके, इस बात को ध्यान में रख कर जेल प्रबंधन ने कई नए इंतजाम किए हैं।

अब 6 बैरिकों में रहेंगे बीमार कैदी :

अब तक बीमार कैदियों को अस्पताल की सिर्फ 2 बैरिकों में रखा जाता था। शेष बीमार कैदी सामान्य कैदियों के साथ रहते थे, लेकिन अब जेल अस्पताल के आसपास मौजूद 6 बैरिकों में बीमार कैदियों को ही रखा जाएगा। जिससे 24 घण्टे बीमार कैदी डॉक्टर, कम्पाउण्डर और स्वास्थ्य रक्षकों की निगरानी में रह सके।

नियमित किया जा रहा बीपी चैक, रोज लगता है डॉक्टर का राउण्ड :

अब जेल की 6 बैरिकों में करीब तीन सैकड़ा बीमार कैदियों को रखा गया है। इन सभी कैदियों का रोज नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चैक किया जाता है। इस काम में जेल के ही ऐसे कैदी जो शिक्षित हैं और चिकित्सा के संबंध में जानकारी रखते हैं। उन्हें लगाया गया है। इन कैदियों को जेल में स्वास्थ्य रक्षक नाम दिया गया है। इसके अलावा इन सभी कैदियों का परीक्षण करने के लिए जेल डॉक्टर नियमित रूप से राउण्ड करते हैं। साथ ही जेल के मेल नर्स भी इस काम में जुटे रहते हैं।

बाहर के कम्बलों को दी हरी झण्डी :

इन दिनों सर्दी बढ़ती जा रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जेल अधीक्षक ने जेल में बंद कैदियों के लिए उनके परिजनों द्वारा दिए जाने वाले गर्म कपड़े व कंबलों को हरी झण्डी दे दी है। जबकि अब तक ऐसा नहीं होता था। साथ ही जेल अधीक्षक विदित सिरवैया द्वारा सामाजिक संस्थाओं से सम्पर्क किया गया। जिनके माध्यम से जेल की करीब डेढ सैकड़ा महिला कैदियों को गर्म कपड़े व कम्बल उपलब्ध कराए गए। अब जेल प्रबंधन जेल के ऐसे डेढ सैकड़ा कैदी, जिनसे मिलने के लिए उनके परिजन नहीं आते हैं। उनके लिए गर्म इनर व पजामी का इंतजाम भी किया जाना है। प्रबंधन ने शहर की विभिन्न संस्थाओं से इस संबंध में चर्चा की है। सम्भावना है कि जल्द ही कैदियों को गर्म कपड़े उपलब्ध हो जाएंगे।

कैंसर रोगी को जमानत दिलाने का प्रयास :

जेल में बंद विचाराधीन बंदी राजू पुत्र बालादीन अहिरवार निवासी छतरपुर की जमानत कराने के लिए जेल प्रबंधन प्रयास कर रहा है। कैदी राजू कैंसर का रोगी है। राजू को चिकित्सकों ने कैंसर की अंतिम स्टेज पर होना बताया है। इसलिए जेल प्रबंधन ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि राजू को जमानत दे दी जाए। जिससे कि वह अपनी जीवन का अंतिम समय परिजनों के साथ बिता सके।

अटैक आने से हो चुकी है दो कैदियों की मौत :

बीते दो माह के अंदर जेल के दो कैदियों की मौत हो चुकी है। कैदी सुबोध पुत्र धनीराम नरवरिया को जेल में रहते हुए अटैक आया था। इसके बाद उसे जेएएच में भर्ती कराया गया था। जहां पर 12 घण्टे के अंदर उसकी मौत हो गई थी। इसी प्रकार एक अन्य कैदी की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। यह सब हालत देखते हुए जेल प्रबंधन ने व्यवस्थाओं में बदलाव किया। अब नियमित रूप से हो रहे ब्लड प्रेशर की जांच में कई ऐसे भी कैदी सामने आए हैं। जो स्वयं को स्वस्थ समझते थे, लेकिन उनका बीपी बढ़ा हुआ पाया गया।

खास-खास :

  • जेल में बंद है करीब 3600 कैदी।

  • अंचल की 22 जेलों से भेजे जाते हैं बीमार कैदी।

  • प्रदेश की कई जेलों से भेजे जाते हैं मानसिक रोगों से पीड़ित कैदी।

  • सेन्ट्रल जेल में अभी बंद हैं 300 बीमार कैदी।

  • अब 2 की जगह 6 बैरिकों का बनाया जेल अस्पताल।

इनका कहना :

मौसम को देखते हुए हमने बीमार कैदियों के स्वास्थ्य के विशेष इंतजाम किए हैं। उनके खाने से लेकर पहनने तक पर ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही उनका नियमित चैकअप किया जा रहा है। बीमार होने पर तुरंत इलाज कराने की सुविधा दी जाती है।

विदित सिरवैया, जेल अधीक्षक

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