जिसने दिलवाया पद अब उसी से किया किनारा
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Gwalior : जिसने दिलवाया पद अब उसी से किया किनारा

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, क्योंकि जिनके हाथ में संगठन की कमान है उनको लेकर विरोध होने लगा है।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। भाजपा के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, क्योंकि जिनके हाथ में संगठन की कमान है उनको लेकर विरोध होने लगा है। भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी को जिसने बनवाने में अहम रोल अदा किया था अब उन्ही से अध्यक्ष ने किनारा कर लिया है ओर सिंधिया का साथ पकड़ लिया है। कुछ दिन पहले ही मंडल अध्यक्षो ने विरोध किया था जिसके स्वर भोपाल तक सुनाई दिए थे ओर ऐसे में डैमेज कंट्रोल करने का काम वरिष्ठ नेताओ ने किया तो है, लेकिन इसके बाद भी आग अभी ठंडी नहीं हुई है।

भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए शहर से कई दावेदार थे जिसमें नरेन्द्र सिंह समर्थक भी शामिल थे, लेकिन सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने पहल कर अपने समर्थक माने जाने वाले कमल माखीजानी को अध्यक्ष पद का ताज दिलवा दिया था ओर वह सोच रहे थे कि माखीजानी उनके हिसाब से चलेंगे, लेकिन ऐसा अब नहीं हो रहा है। जब कमल अध्यक्ष बने थे तो नरेन्द्र सिंह तोमर के समर्थको ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था ओर जमकर विरोध किया गया था तथा शिकायते भी की गई थी। इन शिकायतो के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओ के सामने संकट यह था कि अगर निर्णय बदला जाता है को किरकिरी अधिक होगी यही कारण था कि विरोध करने वालो को किसी तरह से समझा बुझाकर शांत करा दिया था ओर उनको आश्वासन दिया गया था कि आगे चलकर देखेंगे। इस आश्वासन के बाद विरोधी खामौश हो गए थे ओर अध्यक्ष की चाल पर निगाह रखे हुए थे। अब जब अध्यक्ष ने अपने हिसाब से चाल चलना शुरू कर दी तो मंडल अध्यक्षो ने भी विरोध कर दिया था, लेकिन सिंधिया का सहारा पाकर फिलहाल वह अपने आपको मजबूत समझकर अपने हिसाब से संगठन को संचालित कर रहे है।

अब शेजवलकर से नहीं लेते कोई सलाह :

कमल माखीजानी की अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति कराने में सांसद शेजवलकर उस समय सफल हुए जब हर नेता माखीजानी का विरोध कर रहा था, लेकिन इसके बाद भी शेजवलकर उनको अध्यक्ष बनवाने में सफल हो गए थे। उस समय शेजवलकर ने सोचा था कि संगठन में उनके हिसाब से संचालन होगा, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद ही माखीजानी ने एकाएक पलड़ा बदलते हुए केन्द्रीय मंत्री 'योतिरादित्य सिंधिया का पाला पकड़ लिया है। भाजपा सूत्र का कहना है कि कुछ समय से माखीजानी की चाल सिंधिया समर्थको के हिसाब से संचालित हो रही है इसकी भनक लगने के बाद शेजवलकर ने भी अब दूरी बना ली है। इस तरह कहा जा सकता है कि जिसके सहारे पद मिला अब उन्ही से किनारा कर लिया गया है।

विरोधी खैमा हो सकता है सक्रिय :

माखीजानी का शुरू से ही विरोध करने वाला खैमा अब जल्द ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल सकता है, लेकिन भाजपा के अंदर हालत यह है कि वह विरोध करने की चाहत तो रखते है, लेकिन खुलकर बोलने से बचते है। कुछ दिन पहले मंडल अध्यक्षो ने जिस तरह से कमल का विरोध किया उसके चलते अब कहा जा सकता है कि विरोधी भी अब सक्रिय हो सकते है ओर एक बार फिर कमल के खिलाफ मोर्चा खुल सकता है। वैसे यहा बता दे कि विरोध के स्वर को शुरूआत में यह कह कर शांत किया गया था कि कुछ माह बाद विरोध का आंकलन कर फैसला लिया जाएगा, लेकिन इस आश्वासन को कमल भांप गए थे तो उन्होंने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया का सहारा पकड़ लिया।

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