वर्षों पुराने वाचनालय को लाईब्रेरी में बदला
वर्षों पुराने वाचनालय को लाईब्रेरी में बदलासांकेतिक चित्र

Gwalior : वर्षों पुराने वाचनालय को लाईब्रेरी में बदला, 100 बच्चे कर रहे निशुल्क पढ़ाई

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : सरकारी नौकरी के लिए लाइब्रेरी में दी जा रही है निशुल्क शिक्षा। मुरार में क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 9 के बगल में स्थित है लाईब्रेरी।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। मुरार के खुला संतर क्षेत्र में नगर निगम का क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 9 स्थित है। इस क्षेत्रीय कार्यालय के बगल में वर्षों पुराना वाचनालय था जो जीर्ण र्शीण अवस्था में था। इस वाचनालय को अब लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया गया है। समाज सेवी गणेश समाधिया और उनकी टीम ने लाइब्रेरी में हर विषय से संबंधित किताब की व्यवस्था की है और यहां छात्र-छात्राओं को निशुल्क काम्पटीशन की तैयारी भी कराई जाती है। वर्तमान में 100 छात्र-छात्राएं यहां सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। अगर आपके पास भी किसी तरह की पुरानी किताबें हैं जो उन्हें लाईब्रेरी में दान करिए ताकि गरीब बच्चे इन किताबों से अपना भविष्य संवार सकें।

शिक्षा का अधिकार सभी को हैं लेकिन गरीबी एवं तंगहाली कई युवाओं के भविष्य को अधर में डूबो देती है। सही समय पर पढ़ाई की व्यवस्थान होने पर युवा मजदूरी करने लगते हैं और धीरे-धीरे उनके पढऩे की चाह भी खत्म हो जाती है। ऐसे ही छात्र-छात्राओं की पीड़ा समझते हुए मुरार क्षेत्र के पुराने वाचनालय को निशुल्क लाईब्रेरी में बदला गया है। मुरार क्षेत्र में रहने वाले समाज सेवी गणेश समाधिया ने अपनी टीम के साथ इस लाईब्रेरी का जीर्णोद्धार कराया और यहां खराब पड़े पंखे एवं लाईटों को सही कराया। इसके बाद पूरी भवन की पुताई कराकर यहां फर्नीचर की व्यवस्था की। अब इस वाचनालय में 100 छात्र-छात्राएं प्रतिदिन आकर सरकारी नौकरी के लिए कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहे हैं। छात्र -छात्राएं बेहतर माहौल में पढ़ सकें इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है और इंजीनियरिंग सहित अन्य विषयों की किताबें भी यहां उपलब्ध कराई गई हैं।

आप भी दान कर सकते हैं किताबें :

लाईब्रेरी में अधिकतर किताबों समाज के सहयोग से ही आई हैं। जिन लोगों के पास पुरानी किताबें रखी हैं वह लाईब्रेरी में दान कर रहे हैं। साथ ही नए कोर्स की किताबें भी चंदे में पैसे एकत्रित करके मंगाई जा रही हैं। अगर आप भी किसी गरीब बच्चे का भविष्य संवारना चाहते हैं तो यहां पुरानी या नई किताबें दान कर सकते हैं। साथ ही किताबों के लिए जो सहयोग करना चाहे उसके लिए भी लाईब्रेरी में जाकर संचालकों से संपर्क किया जा सकता है।

इनका कहना है :

हमारे क्षेत्र में कई बच्चे गरीबी के चलते पढ़ नहीं पाते। ऐसे बच्चों को निशुल्क किताबें एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लाईब्रेरी का संचालन शुरू किया है। वर्तमान में यहां 100 छात्र-छात्राएं निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

गणेश समाधिया, समाज सेवी, खुला संतर मुरार

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