मेडिकल स्टूडेंट मानसी तिवारी ने की अनोखी पहल, नि:शक्त बच्चों संग मनाया नए साल का जश्न
होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। अपनी और अपनों की खुशी देखकर तो हर कोई खुश होता है, लेकिन दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर जो खुशी मिलती है वह शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। नए वर्ष का मौका था, लोगो ने घरों में परिवार के साथ तो रिश्तेदारों और मित्रों के साथ नए साल की खुशियां मनाई लेकिन शहर में कुछ ऐसे यंगस्टर्स भी है, जिन्होंने नए साल की खुशियां निशक्त और अनाथ बच्चों के बीच जाकर मनाई। निशक्त बच्चों के बीच पहुंच कर उन्हें मिठाई चॉकलेट और तेज सर्दी से बचाव के लिए जब स्वेटर और गर्म कपड़े दिये तो बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे। शहर की यंगस्टर मानसी तिवारी मेडिकल स्टूडेंट नए वर्ष में परिवार के पास इंदौर से होशंगाबाद आई और नए साल का पहला दिन कुछ नए अंदाज में ही मनाने का विचार किया। आज वह भविष्य नि:शक्त विशेष विद्यालय पहुंची, जहां नि:शक्त बच्चे रहते हैं। गरीब परिवार के दिव्यांग बच्चे स्पेशल भी हैं, उनकी इच्छा है, भावनाएं और जरूरत है। आम बच्चों से अलग नहीं है, लेकिन मजबूरी ऐसी की वह अपने मन की इच्छा व्यक्त नहीं कर सकते, व्यक्त कर भी दें, तो भला समझने और महसूस करने वाले बहुत ज्यादा नहीं है।
युवाओं की दुनिया बड़ों से बिल्कुल अलग होती हैं, इस उम्र में दोस्त, मित्र, परिजन और अपनों के साथ सेलिब्रेशन का स्वभाविक मन करता है, लेकिन आध्यात्मिक और संस्कारित वातावरण में पली-बढ़ी मानसी की सोच थोड़ी हटकर है। यही कारण रहा कि आज वह बच्चों को खुश करने लायक ढेर सारा सामान और उपहार लेकर जब निशक्त आश्रम पहुंची, तो बच्चे उन्हें देखते ही खुश हो उठे। मानसी तिवारी इन बच्चों के बीच पहुंचकर खुद बच्ची बन गई और उन्होंने बच्चों को लाड़ और दुलार किया। उनसे बातचीत की। उनके हाव भाव समझे तथा नव वर्ष की खुशियां इन बच्चों के बीच बांटी। चॉकलेट, मिठाई, कपड़े जैसे उपहार पाकर बच्चों के चेहरे पर जो खुशी और चमक दिखाई दी, उसने मानसी के न्यू ईयर सेलिब्रेशन की खुशियों को हजारों गुना बढ़ा दिया। इस मौके पर भविष्य नि:शक्त विशेष विद्यालय आनंद नगर की संचालक अफरोज खान योगेश शर्मा अध्यक्ष, प्रवीश शुक्ला, राखी परसाई, अरुणा उपाध्याय, चंपा सोनी, मधु वर्मा, विनोद गोलिया, प्रीति राजपूत, ममता तिवारी कुणाल तिवारी, मृणाल तिवारी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
खुद के लिए जिए तो क्या जिए :
निशक्त बच्चों के बीच नव वर्ष की खुशियां बांटने के बाद बेहद प्रसन्न और संतुष्ट नजर आयी मानसी तिवारी ने बताया कि खुद के लिए जिए तो क्या जिए। नए साल की खुशियां हर वर्ष मनाते हैं, लेकिन वास्तव में खुशी क्या होती है, इन बच्चों के बीच न्यू ईयर मनाकर पहली बार महसूस हो रहा है। बच्चों के चेहरे पर चमक और खुशी को देखते हुए मानसी ने संकल्प लिया है कि अब वह अपना जन्मदिन या अन्य कोई मांगलिक अवसर इसी तरह दूसरों को खुशियां बांटकर ही मनाएंगे।
मूक बधिर बच्चों ने गानों पर किया डांस :
बच्चों के बीच उपहार बांटकर और नए वर्ष का सेलिब्रेशन करने के दौरान मानसी तिवारी के साथ मूक बधिर बच्चे भी बेहद खुश नजर आए। इस अवसर पर बच्चों का डांस कंपटीशन जैसा आयोजन किया गया। न्यू ईयर और देशभक्ति के गीतों पर मूक बधिर बच्चों ने क्या कदम ताल की, मानसी उन्हें देखकर आश्चर्यचकित रह गई। वह इसलिए, क्योंकि यह बच्चे न तो बोल सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं। इसके बावजूद उन्होंने इतना बढिय़ा परफॉर्मेंस दिया की माहौल एकदम उमंग से भर गया। बच्चों ने तालियां बजाकर एक दूसरे का उत्साह बढ़ाया और ऐसा लग रहा था। जैसे यह बच्चे मन के कानों से सुन रहे हैं और मन की जुबान से बोल भी रहे हैं।
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