ताला, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा व तेंदुआ स्टेट पूरे विश्व की निगाहों में अपनी छवि अलग ही रखता है, जिसके संबंध में भारत सरकार और राज्य सरकार ने टाइगर रिजर्व को बचाने हेतु कई प्रकार की गाइडलाइन बनाई गई हैं किंतु उपरोक्त पार्क का अस्तित्व खत्म करने में वन विभाग का अमला लगा हुआ है। उपरोक्त मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत उपवन मंडल मानपुर वन परिक्षेत्र मानपुर के अंतर्गत कुचवाही बीट कंपार्टमेंट नंबर 185 जो एक जो इको सेंसिटिव जोन है, जिसके अंदर आराजी खसरा नंबर 37/292 जो कभी किसी निजी आदमी के कब्जे में नहीं थी, उक्त भूमि पर रिसोर्ट का निर्माण हो रहा है। निर्माण के संबंध में विगत वर्ष पूर्व तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा रोक लगाई गई थी, उपरोक्त अधिकारी का स्थानांतरण होने के बाद पुन: कार्य निर्माण चालू है।
इकोसेंसिटिव जोन में नहीं हो सकता निर्माण :
भारत सरकार के राज्य पत्र दिनांक 13 दिसंबर 2016 में पारित नियमों के अधीन संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल व इको सेंसेटिव जोन के आसपास बगैर टाइगर रिजर्व के बनाए गए, कमेटी के अनुमति बिना कोई भी कमर्शियल कार्य निर्माण नहीं हो सकता किंतु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रबंधन की मिलीभगत में खुलेआम रिसोर्ट का निर्माण हो रहा है, जिस पर प्रबंधन के कार्यशैली पर कहीं ना कहीं संदिग्धता जताई जा रही है।
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