इंदौर नगर निगम के नाम एक और उपलब्धि, EPR credit अर्जन करने वाला पहला नगरीय निकाय

Indore Municipal Corporation EPR credit: वेस्ट मैनेजमेंट और सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ नगर निगम द्वारा किये गए प्रयासों और अभियानों के चलते निगम को यह उपलब्धि हासिल हुई है।
Indore Municipal Corporation EPR credit
Indore Municipal Corporation EPR creditRE-Bhopal

Indore Municipal Corporation EPR credit: इंदौर नगर निगम ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इंदौर नगर निगम देश का पहला निगम बन गया है जिसने EPR क्रेडिट हासिल किया है। सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने की दृष्टि से यह बहुत बड़ी उपलब्धी है। वेस्ट मैनेजमेंट और सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ नगर निगम द्वारा किये गए प्रयासों और अभियानों के चलते निगम को यह उपलब्धि हासिल हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिनसह चौहान ने समस्त इंदौरवासियों और इस कार्य में लगे अधिकारीयों को इसके लिए बधाई दी है। सीएम ने कहा कि जान भागीदारी द्वारा चलाये गए अभियानों और प्रयासों से ये सफलता मिली है इससे पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ा है।

वेस्ट टू वेल्थ:

सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के ईपीआर पोर्टल पर पंजीकृत होने वाला यह पूरे देश का पहला नगर निगम है। इसके पहले ही इंदौर नगर निगम ने कार्बन क्रेडिट भी प्राप्त किया था। अब इंदौर नगर निगम EPR क्रेडिट हासिल कर 'वेस्ट टू वेल्थ' की अवधारणा को आगे बढ़ाएगा।

इंदौर नगर निगम का जनभागीदारी मॉडल :

जब किसी भी कार्य में जनभागीदारी जुड़ जाती है तो वह कार्य अवश्य हे सफल होता है। इसे तर्ज पर नगर निगम इंदौर ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को रोकने और अपशिष्ट के बेहतर प्रबंधन के लिए जानता को इस कार्य में शामिल किया। नगर निगम द्वारा "मैं हूँ झोलाधारी इंदौरी", "प्लास्टिक प्रीमियर लीग" और "हल्ला बोल ड्राइव" जैसे जन जागरूकता अभियान चलाये गए जिसके चलते प्लास्टिक के उपयोग के प्रति लोगों में जागरूकता आयी।

6 प्रकार के कचरे का सफल पृथक्करण:

प्राप्त डाटा के अनुसार इंदौर शहर में 1हज़ार 162 मीट्रिक टन तक ठोस कचरा उत्पन्न होता है। निगम और इन अभियानों से जुड़े लोगों ने जो जनजागरूकता अभियान चलाया यह उसी का परिणाम है कि घर, फैक्ट्री, ऑफिस आदि में 6 अलग-अलग तरह के कचरे को पृथक किया जा रहा है। इसमें प्लास्टिक, नॉन प्लास्टिक, ई- अपशिष्ट, सेने अपशिष्ट, घरेलू खतरनाक अपशिष्टन और गीले कचरे का स्त्रोत पर ही सफलतापूर्वक पृथक्करण किया जा रहा है।

निरीक्षण टास्क फाॅर्स का गठन:

ठोस कचरे के अलावा इंदौर शहर में हर दिन करीब 163 टन प्लास्टिक वेस्ट उत्पन्न होता है। निगम द्वारा इसका घर-घर जाकर कलेक्शन किया जाता है। इसके बाद इस वेस्ट को मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी तक पहुँचाया जाता है। इन कचरे को 100 % उसी दिन ट्रीट कर दिया जाता है जिस दिन इसे एकत्र किया जाता है। इन कार्यों के निरीक्षण के लिए एक टास्क फाॅर्स का गठन भी किया गया है। यह निरीक्षण दल मानदंडों का उलंघन करने पर रिपोर्ट करता है। हर दिन यह निरीक्षण कार्य किया जाता है। यदि कोई उल्लंघन करता पाया जाया है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है।

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