इंदौर : आयकर विभाग आपके सोशल मीडिया अकॉउंट पर नज़र रखे हुए हैं

इंदौर, मध्य प्रदेश : बजट में लेट या रिवाइज़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर हो गयी है। किसी भी परिस्थिति में यह 31 दिसम्बर से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती।
आयकर विभाग आपके सोशल मीडिया अकॉउंट पर नज़र रखे हुए हैं
आयकर विभाग आपके सोशल मीडिया अकॉउंट पर नज़र रखे हुए हैंसांकेतिक चित्र

इंदौर, मध्य प्रदेश। बजट में लेट या रिवाइज़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर हो गयी है। किसी भी परिस्थिति में यह 31 दिसम्बर से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती। रिटर्न फाइल करिये और निश्चित हो कर न्यू ईयर मनाइये l यह कहना है मुख्य वक्ता दिल्ली से सीए डॉ गिरीश आहूजा का।

इंदौर सीए शाखा की ओर से सीए भवन में दो दिवसीय सब रीजनल कांफ्रेंस की शुरुआत शनिवार से हुई। पूरे प्रदेश के 400 से अधिक चार्टेड अकाउंटेंटस ने व्यक्तिगत एवं वर्चुल मोड़ में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए पार्टिसिपेट किया l सीए आहूजा ने कहा आज कल कानून बहुत तेजी से बदल रहा और करदाता से अनजाने में भी कुछ भी गलत होता है तो इस बदलते हुए परिवेश में करता कोई और है भरता कोई और है मुहावरें को चरितार्थ करते हुए उसका खामयाजा करदाता के कंसल्टेंट को भी भरना पड़ता हैl करदाता कई बार जाने अनजाने में कई सूचनाएँ आयकर रिटर्न में नहीं देता है परन्तु अब विभाग की फायनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट बहुत स्ट्रांग हो गयी है एवं उनके पास 360 डिग्री सूचनाएँ उपलब्ध है l विभाग के पास आपके पेन नंबर से न केवल आपकी मुख्य आय व्यय का ब्योरा है बल्कि उनके पास आपके समस्त बैंक खाते, समस्त एफडी, शेयर्स की होल्डिंग, म्यूच्यूअल फण्ड आदि की पिछले 10 वर्षों की समस्त जानकारी उपलब्ध है यहाँ तक की विभाग के पास पिछले 10 वर्षो के आपके विदेश यात्रा का पूर्ण ब्योरा है चाहे यह यात्रा आपने स्वयं के ख़र्चे से की हो या किसी कम्पनी ने स्पॉसंर की हो। अब तो विभाग के पास आपके द्वारा भारत के भीतर की गयी हवाई यात्रा का भी पूरा रिकॉर्ड है एवं विभाग आपके फेसबुक एवं इन्सटाग्राम अकाउंट पर भी नजर रखे हुए है एवं अब यदि कोई करदाता अपने रिटर्न में उपरोक्त खर्चो की अपेक्षा में कम आय पर टैक्स भरेगा तो उसे आयकर के नोटिस का सामना करना होगा l फेसलेस के इस दौर में अब करदाता को अपने ई-मेल एवं मोबाइल के एसएमएस को भी निरंतर रुप से चैक करना होगा अन्यथा करदाता को नोटिस का पता भी नहीं चलेगा और उसका केस फ़ाइनल हो जायेगा l

जनवरी से नए जीएसटी रिटर्न का सिस्टम भी लागू हो गया :

कार्यक्रम की दूसरी वक्ता अमृतसर से आई सीए आँचल कपूर ने जीएसटी विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा अब जीएसटी पोर्टल खुद बताएगा की व्यापारी की इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है। अब जनवरी से नए जीएसटी रिटर्न का सिस्टम भी लागू हो गया है। क्यूआरएमपी स्कीम में ऐसे करदाता जिनकी पिछले वित्त वर्ष की टर्नओवर 5 करोड़ से कम है उन्हें उनका जीएसटी 3बी त्रैमासिक दाखिल कर सकते हैं एवं यदि आप त्रैमासिक रिटर्न वाला ऑप्शन लेते हैं तो भी आपको टैक्स का चालान मासिक रुप से दाखिल करना होगा l यदि किसी करदाता ने गलती से जनवरी से मासिक रिटर्न का ऑप्शन ले लिया है तो वे फरवरी एवं मार्च माह में अगले वित्त वर्ष के वार्षिक एवं त्रैमासिक रिटर्न अपनाने के लिए एक विंडो उपलब्ध होगा एवं उस आधार पर विकल्प का चयन किया जा सकेगा परन्तु उसकी एक शर्त यह भी होगी की करदाता को अपने पुराने सारे रिटर्न जमा कराने होंगे l

जीएसटी विभाग से हजारों नोटिस आने वाले हैं :

बैंगलोर से आए सीए मधुकर हिरेगंगे तीसरे वक्ता थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में करदाता को जीएसटी विभाग से हजारों नोटिस आने वाले हैं और ऐसे में जीएसटी ऑडिट ना होने पर व्यापारी से गलती होने की संभावना बढ़ जाएगी एवं इसका खामियाजा उन्हें भविष्य में पेनल्टी एवं ब्याज के रूप में चुकाना होगा। अब व्यापारी पर जवाबदेही और बढ़ गई है क्योंकि अब मेकर चेकर का पुराना सिद्धांत जीएसटी में समाप्त हो गया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटी में वही महत्व रखती है जो महत्व जीवन में रुपया रखता है परंतु विभाग ने इसे दिया एक हाथ से है और लिया दोनों हाथों से साथ ही उन्होंने यह भी कहा की यदि जीएसटी रिफंड मिलने में देरी होती है तो करदाता को विभाग से उस देरी का ब्याज अवश्य मांगना चाहिए क्योंकि रिफंड में देरी होने पर ब्याज प्राप्त करना करदाता का अधिकार है यदि किसी वस्तु एवं सेवा से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने पर संशय हो तो इनपुट टैक्स क्रेडिट अवेल करना चाहिए परंतु उसे यूटिलाइज नहीं करना चाहिए अन्यथा विभाग गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने पर व्यापारी के विरुद्ध ब्याज वसूल सकता है एवं उन्हें कारण बताओ का नोटिस भी जारी कर सकता है कई बार व्यापारी उचित मार्गदर्शन के अभाव में अपनी इनपुट टैक्स क्रेडिट से हाथ धो बैठता है।

आने वाले नोटिस के लिए रहें तैयार :

इंदौर सीए शाखा के अध्यक्ष सीए हर्ष फ़िरोदा ने बताया की कई करदाताओं ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न एवं जीएसटी रिटर्न में में अलग विवरण दिए हैं ऐसे करदाताओं को अब आने वाले नोटिस का जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि विभाग 2017-18 वित्त वर्ष के नोटिस 2023 तक जारी कर सकता है। शैक्षणिक संस्था एवं हॉस्पिटल की समस्त सेवाएं जीएसटी में कर मुक्त नहीं है जबकि सामान्यता वे इस बात का ध्यान ही नहीं रखते हैं उन्हें भविष्य में पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है ऐसे व्यक्ति जिनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं है या कंपोजीशन वाले करदाता हैं उनसे व्यापार करने पर क्रेडिट चेन दूर जाती है और अतिरिक्त लागत आती है l कार्यक्रम का संचालन सीए गौरव माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम में सीए कीर्ति जोशी, सीए अंकुश जैन, सीए समकित भंडारी, सीए चर्चिल जैन, सीए नीलेश गुप्ता, सीए आनंद जैन, सीए अतुल अग्रवाल एवं सीए शशि चंद्राकर उपस्थित थे l

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