पटवारी भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध अनसुना क्‍यों कर रही BJP सरकार: जीतू पटवारी

MP News: पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना और कहा- गड़बड़ी की जांच से बच रही भाजपा सरकार
जीतू पटवारी ने CM को घेरा
जीतू पटवारी ने CM को घेराSocial Media

हाइलाइट्स-

  • एमपी में पटवारी भर्ती को लेकर जारी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

  • पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा

  • जीतू पटवारी बोले- गड़बड़ी की जांच से बच रही भाजपा सरकार

MP News: मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द कराने को लेकर आंदोलन थमता नजर नहीं आ रहा है। इस प्रदर्शन के खिलाफ और पटवारियों को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि, मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध भाजपा सरकार अनसुना क्‍यों कर रही है।

जीतू पटवारी ने कहा कि, भोपाल में प्रदर्शन के लिए जुटे अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच SIT से चाहते हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. यही वजह है बेरोजगार छात्र अब दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जुटने की तैयारी कर रहे हैं! बुधवार को जब नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले Bhopal में जुटे अभ्यर्थी धरना देने के बाद वल्लभ भवन की ओर कूच कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक लिया। भाजपा सरकार निरुत्तर हो चुकी है, इसीलिए अभ्यर्थी तार्किक सवाल उठाकर अब सरकार से मांग कर रहे-

• पटवारी फर्जी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द की जाए!

• 06 महीने के अंदर पुन: परीक्षा कराई जाए!

• जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए!

• तकनीकी विशेषज्ञों की SIT गठित की जाए!

• फर्जीवाड़े के दोषियों को सजा दी जाए!

आगे जीतू पटवारी ने कहा- यदि सरकार भूल रही है तो याद दिला दें कि 30 जून 2023 को पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद शुरू हुए इस विवाद के बाद तत्कालीन शिवराज सरकार ने जांच होने तक नियुक्ति पर रोक लगा दी थी, 19 जुलाई 2023 में जांच के लिए आयोग गठित हुआ. 08 महीने जांच चली! इसके बाद रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी।भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट मिलने के बाद 15 फरवरी को मोहन यादव सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति के आदेश जारी किए।

  • NEYU की मांग है 'सरकार नियुक्तियां रोके! जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करे!' अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि बिना जांच रिपोर्ट जारी किए पिछले दरवाजे से 10-15 लाख में पेपर खरीदने वालों को नियुक्ति दी जा रही है,

  • निष्पक्ष जांच होती तो यह तमाम लोग जेल में होते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सरकार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर चंद फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले छात्रों पर कार्रवाई की बात कर रही है, लेकिन, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है।

  • एक सदस्य जांच कमेटी के पास जांच के तकनीकी संसाधन नहीं थे. ऐसे में यह जांच केवल बयानों के आधार पर हुई है. जबकि एक व्यक्ति का प्रदेशभर में शिकायतों की जांच करना आसान काम नहीं है, क्योंकि यह ऑनलाइन परीक्षा है. बिना टेक्निकल एक्सपर्ट के सभी पहलुओं की जांच करना संभव नहीं है!

जीतू पटवारी बोले- सरकार इन सवालों के जवाब कब देगी?

सरकार से इन सवालों का जवाब मांगते हुए जीतू पटवारी ने कहा- ग्वालियर के एक परीक्षा केंद्र से 10 में से 7 टॉपर और प्रदेश के केवल 3 परीक्षा केंद्रों में से 50 में से 34 टॉपर कैसे आ गए, क्या टॉपर से बातचीत कर, बयान लिए गए? क्या उनके बीच के आपसी संबंध और कनेक्शन को चेक किया गया, टॉपर की 10वीं, 12वीं की मार्कशीट की जांच की गई? कुछ चयनित अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा 35% नंबरों से पास की! कुछ चयनित अभ्यर्थी ऐसे भी हैं, जो वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिट थे, लेकिन पटवारी भर्ती परीक्षा में एयर हैंडिकैप्ड यानी उन्हें कानों से सुनाई नहीं देता? यह कैसे संभव है?

टॉपर का लॉग इन टाइम चेक किया जाए, जिससे यह पता चले कि उसने कितने बजे सिस्टम पर लॉगिन किया, क्या टॉपर की कैंडिडेट रेस्पॉन्स लॉग की जांच की गई, जिससे पता चलता है कि छात्र ने कब और कितने समय में कौन सा जवाब दिया? कब उसने जवाब के विकल्प को बदला, पेपर को 03 घंटे में हल किया? या फिर आधे-एक घंटे में ही सारे जवाब फिल कर दिए, मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड यानी ESB के सर्वर की टेक्निकल जांच की गई।

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