इंदौर, मध्य प्रदेश। देशी कट्टे-पिस्टल के बाद अब चाकू पुलिस के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। शहर में प्रतिदिन औसतन तीन से चार चाकूबाजी की वारदातें हो रही हैं। आपरेशन क्राइम कंट्रोल के तहत पुलिस गुंडे बदमाशों की चैकिंग कर रही है लेकिन उसके बाद भी बदमाशों के पास चाकू कहां से आ रहे हैं इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जरा-जरा सी बात पर चाकूबाजी तो आम बात हो गई है। महिलाओं पर भी चाकू से हमले होने लगे हैं। हालात तो ये हैं कि अब चाकू रखना भी फैशन होता जा रहा है।
कहां से आ रहे हैं इतने चाकू :
शहर में हर छुटभैय्ये के पास चाकू होना आम बात हो गई है। नाबालिग भी बड़े-बड़े चाकू लेकर घूमते हैं। बताते हैं कि बड़ी संख्या में चाकू ग्रामीण इलाकों एवं घुमंतू लोहे का सामान बनाने वालों के पास से आ रहे हैं। हाट बाजार में बाकायदा चाकू बेचने वाले खुले आम चाकू बेचते हैं। यहां से गुंडे बदमाश चाकू खरीदकर ले जाते हैं। सड़क किनारे टेंट और भट्टी लगाकर लोहे के औजार बनाने वाले भी मनचाहा चाकू बना देते हैं। कई बदमाश इनकी तलाश में ही रहते हैं और इनसे चाकू बनवा लेेते हैं। इसके साथ ही आन लाइन भी चाकू खरीदे जा सकते हैं। रसोई के काम में आने वाले कई बड़े चाकू आन लाइन मंगवाने के बाद बदमाश इसका उपयोग हमले और डराने धमकाने के लिए करते हैं।
पुलिस के दावों में नजर नहीं आता दम :
पुलिस का दावा है कि गुंडों पर नकेल कस दी गई है। कई गुंडे शहर छोड़कर फरार हो चुके हैं लेकिन इन दावों में कोई दम नहीं नजर आता। शराब के लिए पैसे मांगने, हफ्ता वसूली से लेकर लूट की वारदात करने वाले भी चाकू लहराते हुए नजर आते हैं। शराब की दुकान के आसपास चाकू की वारदात होना किसी सूने स्थान पर चाकू अड़ाकर लूट के मामले भी सामने आते रहते हैं। कई बार तो चाकू की नोक पर रेप जैसे मामले भी सामने आते हैं।
रात की चैकिंग में लापरवाही तो जिम्मेदार नहीं :
कुछ अरसा पहले शहर में हर प्रमुख चौराहे पर मैटल डिटेक्टर से आने जाने वालों की जांच होती थी। इससे कई अवैध हथियार बाज भी पकड़े जाते थे। गुंडे बदमाश भी सड़कों पर निकलने में डरते थे। चोरी और लूट की वारदातों में कुछ कमी आई थी लेकिन अब रात की चैकिंग में घोर लापरवाही दिखने लगी है। हालात तो इतने बिगड़े हैं कई प्रमुख सड़कों पर स्टापर तो नजर आते हैं लेकिन पुलिसकर्मी नदारद दिखाई देते हैं। रीगल तिराहे जैसे प्रमुख स्थल पर भी स्टापर के आसपास पुलिसकर्मी दिखते हैं तो वे मोबाइल पर बात करते दिखाई देते हैं। शहर के कई प्रमुख चौराहों पर इस तरह के नजारे आम बात है।
सप्ताह भर में हुई चाकूबाजी की प्रमुख वारदातें :
पानी भरने को लेकर हुए विवाद में गोमा की फेल में रहने वाले जीतू ने कल्लन को चाकू मार दिया। उसे अस्पताल ले गए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने जीतू को गिरफ्तार कर लिया।
न्यू श्यामाचरण शुक्ला नगर पप्पू पिता प्रभु रहते थे। उनके मकान पर इलाके के बदमाश रोहित काला, मनीष चिकना, रितिक और उसके साथी कब्जा करना चाह रहे थे। वे मकान खाली कर दूसरी जगह रहने चले गए। एक दिन पप्पू अपने बेटे लक्की के साथ यहां आया तो बदमाशों ने 30 हजार मांगे इनकार किया तो उन दोनों को चाकू मारकर घायल कर दिया।
परदेशीपुरा में लेनदेन के विवाद में सूरज उर्फ रोहित पिता मुन्नाराव पर सूरज और महेश ने उस वक्त चाकू से हमला कर दिया जब वह अपने भाई सचिन के घर आया था। सूरज गंभीर रुप से घायल हो गया। सूरज के खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं,वह कुछ दिनों पहले ही जेल से छूटा था।
जितेंद्र पिता नारायण राठौर टिगरिया बादशाह रोड पर पानी पतासे का ठेला लगाता है। आकाश नामक बदमाश उसके पास पहुंचा और हफ्ता वसूली के पैसे मांगे। मना करने पर आकाश ने जितेंद्र को चाकू मारकर घायल कर दिया।
सागर और प्रियंक आहूजा निवासी क्रांति कृपलानी नगर की कनाडिय़ा रोड पर हिटलर द मैन गारमेंट शाप है। बीती रात जब दोनों भाई दुकान बंद कर रहे थे, तो चार बदमाश पहुंचे और सागर पर चाकुओं से हमला कर दिया। छोटा भाई प्रियंक बचाने आया तो उसे भी चाकू मारे। बताते हैं बदमाश मुफ्त में कपड़े लेना चाहते थे। हमलावरों के नाम देबु राणा, रोहन बौरासी, काला उर्फ योगेश एवं बंटी मालवीय बताए गए हैं।
बाणगंगा पुलिस ने अक्षय उर्फ बिल्लौरी, रवि यादव, गोलू परमार के खिलाफ प्राणघातक हमले का केस दर्ज किया है। गोविंदनगर निवासी दीपक गीतकर से ये बदमाश शराब पीने के लिए पैसे मांग रहे थे। दीपक ने पैसे देने से मना कर दिया। गोलू और अक्षय ने दीपक को पकड़ा लिया और रवि ने चाकू से हमला बोल दिया।
गांधीनगर निवासी संतोष तायड़े का कुछ लोगों से पुराना विवाद चल रहा है। बीती रात जब संतोष घर आ रहा था तो राहुल, नवीन और सूरज ने उसका रास्ता रोक लिया। संतोष ने विरोध किया तो इन लोगों ने उसके साथ मारपीट करते हुए चाकू भी मार दिए।
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