कला, संगीत, नृत्य और उत्सव के बिना जीवन अधूरा है : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कला, संगीत, नृत्य और उत्सव के बिना जीवन अधूरा है। शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का सुख ये चार तरह के सुख होते हैं। मनुष्य को सुखी रहने के लिए इन चारों की जरूरत होती है। कला और संस्कृति सुखी जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान भारत भवन की 41 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से कलाकारों को सम्मानित किया। इनमें पद्मश्री सुश्री भूरी बाई, पद्मश्री दुर्गा बाई, भज्जू श्याम, संगीतकार श्री वसंत राव शिवलीकर, तबला वादक किरन देशपांडे, राई नृतक पं. राम सहाय पांडे, गायक पंडित उमाकांत गुंदेचा, रंग कर्मी आलोक चटर्जी, लोक जनजातीय कला के अध्येता श्री कपिल तिवारी, युवा रंगकर्मी श्री सरफराज हुसैन और बैगा नृतक अर्जुन सिंह धुर्वे का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमने अभी लाड़ली बहना योजना बनाई है। बहन सशक्त होंगी तो परिवार सशक्त होगा। इसके लिए पहले बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के लिए योजना बनाई गई थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के तहत एक-एक हजार रूपए बहनों के खाते में डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में कला, संस्कृति, गीत-संगीत का अद्भुत महत्व है। धन-दौलत से जो सुख नहीं मिलता है, वह कला संस्कृति से मिलता है। उन्होंने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत भवन ने 41 वर्ष में कला-संस्कृति का नया मुकाम कायम किया है। हमने कला ग्राम की स्थापना की है। अगले वर्ष से संचालन शुरू हो जाएगा। कला- परम्परा को आगे बढ़ाऐंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारत भवन की 41 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग श्री सुखवीर सिंह, संचालक श्री अदिति कुमार त्रिपाठी, फिल्म कलाकार श्री राजीव वर्मा और बड़ी संख्या में कला प्रेमी और दर्शकगण उपस्थित थे।
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