समझलें क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग ?
समझलें क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग ?Social Media

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने किया स्टेट वायरोलॉजी लेबोरेटरी का निरीक्षण, समझ लें क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग?

शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट वायरोलॉजी लेबोरेटरी पहुंचे। वहां उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन का निरीक्षण किया।

भोपाल, मध्य प्रदेश। कोरोना वायरस के नये वैरिएंट बीएफ डॉट 7 की आहट से पहले ही मध्यप्रदेश सरकार एक्टिव मोड में आ चुकी है। शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट वायरोलॉजी लेबोरेटरी पहुंचे। वहां उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिये मशीने पूर्ण रूप से इंस्टाल की जा चुकी है। इस मशीन में एक बार में 96 पॉजिटिव सेंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा सकेगी। मंत्री श्री सारंग ने जीनोम सीक्वेंसिंग के संबंध में सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त करने के निर्देश दिये है।

जीनोम सीक्वेंसिंग से नये वैरिएंट की हो सकेगी पहचान

मंत्री श्री सारंग ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को कोरोना के सभी पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिये गये हैं। अभी भोपाल के एम्स में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी। अब भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर और ग्वालियर के मेडिकल कॉलेजों में भी जीनोम सीक्वेंसिंग मशीनों की स्थापना की जा चुकी है। जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन के संचालन के लिये विशेषज्ञों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से कोरोना के नये वैरिएंट की पहचान हो सकेगी।

प्रदेश के सभी ऑक्सीजन प्लांट में पीरियोडिक कैलेंडर के अनुसार हर माह किया जा रहा मॉक ड्रील

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि कोरोना की सटीक जांच एवं उपचार के लिये राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही तैयारियां कर ली गई हैं। मध्यप्रदेश के सभी ऑक्सीजन प्लांट चालू एवं पूरी क्षमता के साथ सक्रिय हैं। ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट सूचारू रूप से संचालित हो इसके लिये पीरियोडिक कैलेंडर बनाया गया है, जिसके अनुसार हर माह ऑक्सीजन प्लांट की मॉक ड्रील की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संपूर्ण मध्यप्रदेश में लगभग 43 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उनका अक्षरशः पालन किया जायेगा।

मध्यप्रदेश में कोरोना के केवल 4 एक्टिव मरीज

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के केवल 4 एक्टिव केस हैं। मध्यप्रदेश में पिछले 3 दिनों से एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया है। वहीं किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है। सभी पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश ने किया सबसे अच्छा प्रदर्शन

मंत्री श्री सारंग ने वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। मध्यप्रदेश ने टीकाकरण में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रदेश में सभी प्रथम, द्वितीय, प्रिकॉशन एवं बूस्टर डोज़ पात्र आयु वर्ग को लगाये जा रहे हैं।

क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग ?

जीनोम सीक्वेंसिंग किसी वायरस का बायोडाटा होता है। वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया, वायरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ती चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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