चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने किया जेएएच का निरीक्षण, लगाई फटकार

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जब मेरे आने पर यह स्थिति है तो पहले क्या होता होगा। मंत्री ने तत्काल संभागायुक्त को निर्देश दिए कि सफाई एजेंसी का भुगतान रोकें एवं जुर्माना भी लगाया जाए।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने किया जेएएच का निरीक्षण
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने किया जेएएच का निरीक्षणSocial Media

हाइलाइट्स :

  • कार्डियोलॉजी विंग में जमीन पर मरीज पड़े होने पर जताई नाराजगी

  • कार्डियक विंग में खुले स्थान पर पलंग लगाने के दिए निर्देश

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के सामने जयारोग्य अस्पताल की व्यवस्थाओं की कलई खुल गई। शनिवार को जब वह जेएएच पहुंचे तो गैलरी में उन्हें कचरे का ढेर दिखाई दिया। इसे देखकर मंत्री भड़क गए, उन्होंने कहा कि जब मेरे आने पर यह स्थिति है तो पहले क्या होता होगा। मंत्री ने तत्काल संभागायुक्त को निर्देश दिए कि सफाई एजेंसी का भुगतान रोकें एवं जुर्माना भी लगाया जाए। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कार्डियक विंग की व्यवस्थाएं भी देखी। यहां भी जमीन पर पड़े मरीज देखकर वह नाराज हुए और विंग के खुले एरिए में पलंग लगाकर वार्ड जैसी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।

चिकित्सकों की बैठक ली :

चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जाएं और क्या आवश्यकता है इस पर चर्चा करने के लिए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग शनिवार को ग्वालियर के गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय (जीआरएमसी) पहुंचे। सर्व प्रथम यहां उन्होंने चिकित्सकों की बैठक ली। इस बैठक में विभिन्न चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें आमजनों को उपलब्ध कराना सरकार की सर्वो'च प्राथमिकता है। चिकित्सक अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। अस्पताल में आने वाले मरीज को बेहतर उपचार मिले, यह हमारी पहली प्राथमिकता है। मंत्री ने कहा है कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने की कार्रवाई की जायेगी। इसके साथ ही न्यूरोसर्जरी विभाग में भी जो पद खाली हैं उनको भरने की कार्रवाई की जायेगी। बैठक के बाद मंत्री ने अस्पताल का निरीक्षण किया और गंदगी मिलने पर नाराजगी जताते हुए सफाई एजेंसी पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, डीन मेडीकल कॉलेज डॉ. एस एन अयंगर, अधीक्षक जेएएच डॉ. आर एस धाकड़, पूर्व अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष ग्वालियर विकास प्राधिकरण अभय चौधरी सहित मेडीकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

कार्डियोलॉजी विभाग में बाइपास सर्जरी की सुविधा मिलेगी :

मंत्री सारंग ने कहा कि ग्वालियर में कार्डियोलॉजी विभाग में बाइपास सर्जरी की सुविधा भी शीघ्र उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये कार्डियोलॉजी सर्जन की नियुक्ति भी शीघ्र होगी। उन्होंने एक हजार बिस्तर के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की। मंत्री सारंग ने बैठक में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही एक मंथन कार्यक्रम का आयोजन भी भोपाल में किया जायेगा। इस कार्यक्रम में चिकित्सा से जुड़े चिकित्सक एवं स्टाफ के साथ बैठकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में विचार-विमर्श कर नीतिगत निर्णय लिए जायेंगे।

ट्रॉमा सेंटर की क्षमता बढ़ाई जाए :

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर का मेडीकल कॉलेज एवं गजराराजा चिकित्सालय बहुत ही पुराना और प्रतिष्ठित कॉलेज है। ग्वालियर के अस्पताल में न केवल ग्वालियर-चंबल अंचल के मरीज उपचार हेतु आते हैं बल्कि उत्तरप्रदेश और राजस्थान के भी अनेक मरीज ग्वालियर में उपचार हेतु आते हैं। ग्वालियर में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की दिशा में जो भी आवश्यकता है उसकी पूर्ति शीघ्र की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेंटर की क्षमता बढ़ाने का कार्य भी हमें प्राथमिकता से करना चाहिए। इसी प्रकार बायपास सर्जरी की सुविधा भी ग्वालियर वासियों को मिले, यह भी जरूरी है।

यह भी हुआ :

  • संभागायुक्त आशीष सक्सेना ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़कर सप्ताह में एक दिन जन सहयोग से अस्पताल में कार्य किया जा रहा है। इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आए हैं।

  • जीआरएमसी डीन डॉ. एसएन अयंगर एवं अधीक्षक डॉ. आरएस धाकड़ सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एवं एक हजार बिस्तर के अस्पताल के निर्माण के साथ-साथ अन्य प्रोजेक्टों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

  • निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मरीजों से भी चर्चा की। मरीजों से चर्चा के दौरान उन्होंने जब मरीज के पास डॉक्टर द्वारा लिखित पर्ची देखी तो उस पर डॉक्टर का नाम एवं सील न पाए जाने पर उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जब भी मरीज को दवा लिखकर दी जाए तो उस पर चिकित्सक का नाम एवं उसकी सील अवश्य होना चाहिए।

  • मंत्री ने चिकित्सकों को यह भी निर्देशित किया है कि अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को तत्काल स्ट्रेचर एवं व्हील चेयर उपलब्ध होना चाहिए। इसके लिये मैदानी स्तर के अमले को तैनात किया जाए। कोई भी मरीज बिना स्ट्रेचर या व्हील चेयर के वार्ड में न पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाए।

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