MP News: प्रदेश के सभी जिलों में 11 दिनों तक चली स्नेह यात्रा का आज होगा समापन
हाइलाइट्स :
16 अगस्त से प्रारम्भ हुई थी स्नेह यात्रा।
स्नेह यात्रा सभी वर्गों को समरसता के भाव से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास।
संतों का कहना है, यात्रा का संकल्प तो पूर्ण, लेकिन यात्रा ख़त्म होने पर खालीपन लगेगा।
Madhya Pradesh Sneh Yatra: भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश के सभी जिलों में 16 अगस्त से प्रतिष्ठित और पूज्य संतों के सान्निध्य में शुरू हुई स्नेह यात्रा का समापन आज, शनिवार को हो रहा है। स्नेह यात्रा को अभूतपूर्व जन-समर्थन और सहभागिता मिली है। निर्धारित रास्तों के अतिरिक्त भी बड़ी संख्या में गाँव के लोग यात्रा में उत्साह से सहभागिता कर रहे हैं। योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 16 अगस्त से 26 अगस्त तक निकाली जा रही स्नेह यात्रा का संयोजन मप्र जनअभियान परिषद द्वारा किया जा रहा है।
सन्त कहते हैं कि प्रभु को सबसे प्रिय वे लोग हैं जो दुख और पीड़ा में हैं। इनका सान्निध्य प्रभु का सान्निध्य है। इनकी पीड़ा में सहभागी होना प्रभु सेवा ही है। इसलिए भारतीय संस्कृति में नर सेवा को नारायण सेवा का रूप माना गया है। प्रभु कहते हैं मोहे परम प्रिय खिन्न। स्नेह यात्रा सभी वर्गों को समरसता के भाव से एक सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
स्नेह यात्रा की पूर्णता खुशी भी देगी और खालीपन भी:
स्नेह यात्रा में सम्मिलित संतों का कहना है कि, लोगों के अपार स्नेह में इतने दिन कैसे बीत गये, पता ही नहीं चला। प्रारंभ में लगता था कि 11 दिनों की यात्रा बड़ी है, कैसे संपन्न होगी। अब लगता है कि यात्रा कुछ और दिन चलती। यात्रा का संकल्प तो पूर्ण हो रहा है लेकिन जब यात्रा पूर्ण होगी तो खालीपन लगेगा। यही भाव यात्रा में सम्मिलित यात्रा दल के सदस्य भी व्यक्त कर रहे हैं।
स्नेह यात्रा के समापन पर्व को यादगार बनाने के लिए यात्रा दलों और सहभागी संगठनों ने विशेष प्रयास किया हैं। कुछ स्थानों पर जहाँ समरसता शपथ होगी, तो कहीं सामाजिक बुराइयों से दूर रहने का संकल्प लिया जायेगा। कही सहभोज में आसपास के सभी ग्रामवासियों को आमंत्रित किया जायेगा तो कहीं भक्ति संगीत के मधुर कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।
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