MP Politics : चुनाव नजदीक पर कांग्रेस गुटबाजी के चक्रब्यूह में ही फंसी, भोपाल प्रदर्शन को लेकर नहीं हुई तैयारी
ग्वालियर,मध्यप्रदेश। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में सोमवार को भोपाल में बड़ा आंदोलन किया जा रहा है ओर इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिलो के अध्यक्षो को काफी दिन पहले पत्र भेजकर स्पष्ट संदेश दिया था कि वह अपने जिलो से कांग्रेसियो को ब़डी संख्या में लेकर भोपाल पहुंचे। इस फरमान के बाद भी ग्वालियर में कांग्रेस ने कोई तैयारी नहीं की ओर किसी तरह की बैठक करने की भी जरूरत नहीं समझी जिसके चलते अधिकांश कांग्रेसी भोपाल नहीं जा सके। राजनीति के जानकार कह रहे है कि कांग्रेस अभी भी गुटबाजी के चक्रब्यूह से बाहर नहीं निकल सकी है ओर शहर का हर बड़ा नेता अपनी दुकान सजाने की कौशिश में जुटा हुआ है।
शहर में कांग्रेस संगठन किस तरह से चल रहा है यह किसी भी कांग्रेसी से छिपा नहीं है, क्योंकि संगठन के मुखिया की एक नेता को छोड़ दूसरे नेता के साथ चलने की कार्यप्रणाली से अधिकांश कांग्रेसी नाराज है ओर यही कारण है कि कई कांग्रेसी तो अपने निवास पर कार्यक्रम कर एक तरह से अपनी दुकान सजाने में जुटे हुए है ओर प्रदेश कांग्रेस को यह भी बताने में लगे है कि वह कांग्रेस के लिए काम कर रहे है जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस संगठन शहर में एक तरह से निष्क्रिय हो चुका है ओर जो टिकट के दावेदार है वही फील्ड में सक्रिय नजर आ रहे है।
प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में होने वाले प्रदर्शन को एतिहासिक बनाने के लिए कांग्रेस ने जिस तरह से जिला अध्यक्षो को पत्र लिखकर बड़े पैमाने पर कांग्रेसियो को भोपाल लाने का फरमान जारी किया था उसका असर ग्वालियर संगठन में नहीं दिखाई दिया। प्रदेश स्तर पर होने वाले प्रदर्शन की तैयारी की बात करें तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने इसको लेकर किसी तरह की बैठक नहीं की ओर रविवार को जब कांग्रेसियो ने उनसे पूछा कि भोपाल कैसे जाना है तो उनको एक ही जवाब दिया गया कि जिसको जो साधन बेहतर लगे वह जाएं क्योंकि हम किसी को लेकर जाने में असमर्थ है। अब सवाल यह उठने लगा है कि जब संगठन के मुखिया ही यह बात कांग्रेसियो से कह रहे है तो फिर संगठन किस दिशा में काम कर रहा है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
इससे पहले जो भी अध्यक्ष रहे वह करते थे व्यवस्था
कांग्रेस संगठन के वर्तमान अध्यक्ष से पहले जो भी अध्यक्ष रहे वह प्रदेश स्तर से आने वाले किसी भी परिपत्र को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिक ारियों व ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियो की बैठक करते रहे है, लेकिन वर्तमान अध्यक्ष ने इस परंपरा को एक तरह से तोड़ दिया है ओर यही कारण है कि संगठन की कार्यप्रणाली को लेकर अब कांग्रेस एक नहीं बल्कि कई गुटो में फंसी हुई है। दक्षिण कांग्रेस के विधायक तो अपने क्षेत्र में स्वंय ही संगठन को चला रहा है ओर वह शहर कांग्रेस के अधिकांश कार्यक्रमो से दूरी बनाए रहते है वहीं कुछ बुर्जुग कांग्रेसी है वह भी अपनी राजनीति को एक नए सिरे से चलाने में लगे हुए है इसका उदाहरण यह है कि पूर्व मंत्री बालेन्दु शुक्ला अपने निवास पर पुराने कांगे्रेसियो बुलाकर एक तरह से अपनी सक्रियता दिखाने में लगे हुए है ओर वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को यह बताने की कौशिश में है कि हम कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का काम तो कर ही रहे है साथ ही पुराने कांग्रेसियो का भी सक्रिय करने का काम कर रहे है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर एक नेता के निवास से किस तरह कांग्रेस मजबूत होगी, क्योंकि मजबूती के लिए तो कांग्रेसियो को फील्ड में निकलना चाहिए ओर सत्ता पक्ष के खिलाफ जनता की आवाज बनकर आंदोलन की राह पकड़नी होगी, लेकिन यह काम दिखाई नहीं दे रहा है।
अपने साधनो से भोपाल रवाना हुए कांग्रेसी...
संगठन ने जब भोपाल ले जाने से हाथ खड़े कर दिए तो कुछ कांग्रेसी जिनके पास साधन थे वह अपने साथियो को लेकर भोपाल रवाना हो गए, लेकिन जिनके पास कोई साधन नहीं वह भोपाल नहीं जा सके। इसको लेकर अब कांग्रेसियो में खासा आक्रोश है, क्योंकि उनका कहना है कि इससे पहले भी आयोजन होते थे ओर उसमें संगठन ही कांग्रेसियो को भोपाल ले जाने की जिम्मेदारी निभाता रहा है, लेकिन अब संगठन क्यों पीछे हट रहा है इसको लेकर कई तरह का चर्चाएं हो रही है। वैसे प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी राजीव सिहं ने जरूर सभी विधायको को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने क्षेत्र से आने वाले लोगों के रुकने व भोजन की व्यवस्था करें।
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