मुलताई : नगर पालिका द्वारा चलाया जा रहा आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान

पूरे नगर में लगातार बढ़ती कुत्तों की संख्या तथा उनके हमले से परेशान लोगों द्वारा इसकी शिकायत नगर पालिका से की गई थी, शिकायत के बाद नगर पालिका द्वारा कुत्तों को पकड़कर बाहर छोड़ने का अभियान प्रारंभ किया।
मुलताई :  कुत्तों को पकड़ते हुए नगर पालिका कर्मी।
मुलताई : कुत्तों को पकड़ते हुए नगर पालिका कर्मी।रवि सोलंकी।

मुलताई, मध्य प्रदेश। नगर में लगातार बढ़ती कुत्तों की संख्या तथा उनके हमले से परेशान लोगों द्वारा इसकी शिकायत नगर पालिका से की गई थी। शिकायत के बाद नगर पालिका द्वारा कुत्तों को पकड़कर बाहर छोड़ने का अभियान प्रारंभ किया। जिसके तहत कुत्तों को पकड़कर नगर सीमा से बाहर छोड़ा जा रहा है।

गुरूवार नगर पालिका कर्मचारियों के द्वारा नेहरू वार्ड, गांधी वार्ड सहित महावीर वार्ड में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते पकड़े गए जिन्हें बाहर छोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि विगत कुछ समय में नगर में अप्रत्याशित तौर पर कुत्तों की संख्या बढ़ी है जिससे जगह- जगह बच्चों को कुत्तों द्वारा काटने की घटना में भी वृद्धि हुई है।

रात में जहां कुत्तों के झुंड के झुंड मुख्य मार्ग सहित गलियों में नजर आते हैं वहीं वे पैदल चलने वाले राहगीरों सहित दुपहिया वाहन चालकों के पीछे भी लपकते हैं। ऐसी स्थिति में रात में राहगीरों का गलियों एवं मुख्य मार्गों से गुजरना मुश्किल हो गया है। इधर दिन में भी बड़ी संख्या में कुत्तों के झुंड नगर में देखे जा सकते हैं।

लोगों ने बताया कि कुत्तों की लगातार संख्या बढ़ने से परेशानियां बढ़ रही हैं, इसलिए इसकी शिकायत नगर पालिका से की गई। अस्पताल में भी रैबिज के इंजेक्शन हर समय मौजूद नहीं रहने से कुत्तों के काटने की घटनाओं के बाद लोगों के सामने समस्या खड़ी हो जाती है। विगत दिनों नगर में बच्चों को कुत्तों द्वारा घायल किया गया जिसके बाद कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए लोगों ने नगर पालिका से गुहार लगाई थी।

अमानवीय तरीके से पकड़कर बांधने का आरोप :

इधर नगर में नगर पालिका द्वारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ नगर के नागरिकों द्वारा नगर पालिका पर कुत्तों को अमानवीय तरीके से पकड़कर बांधने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के सुमीत शिवहरे ने बताया कि नगर पालिका द्वारा नियमानुसार कुत्तों की नसबंदी की जाना चाहिए ताकि कुत्तों की संख्या स्वत: ही कम हो जाए और लोगों को राहत मिले।

लेकिन नगर पालिका द्वारा अमानवीय तरीके से कुत्तों को पकड़कर उनके पैर और मुंह बांधकर छोड़ दिया जा रहा है जो गलत है। सुमीत शिवहरे ने बताया कि नसबंदी के लिए नगर पालिका में फंड आता है लेकिन उसे हड़प लिया जाता है तथा इसकी जगह कुत्तों पर अत्याचार करते हुए उन्हे बांधकर नगर सीमा से बाहर किया जा रहा है, उन्होंने बताया कि यह समस्या का हल नहीं है, क्योंकि बाहर छोड़ने के बावजूद कुत्ते वापस नगर में आ रहे हैं।

नसबंदी का नहीं पकड़कर बाहर छोड़ने का आदेश :

नगर पालिका में कुत्ता पकड़ने के अभियान प्रभारी मनोज झरबड़े से जब इस संबन्ध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हे अधिकारी से कुत्ते पकड़कर नगर से 40 से 50 किलोमीटर दूर छोड़ने का ही आदेश मिला है, इसलिए उनके द्वारा 5 अगस्त से प्रारंभ अभियान के तहत लगभग 55 कुत्तों को शहर से बाहर सदाप्रसन्न घाट की ओर छोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि बिना सख्ती के कुत्ते आसानी से हाथ नहीं आते इसलिए फंदा लगाकर पकड़ा जाता है। कुत्तों की नसबंदी के संबन्ध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नसबंदी भी करके इस समस्या का हल किया जा सकता है, जिसके लिए नगर पालिका में वैक्सीन प्रभारी भी है लेकिन इसके लिए उन्हें फिलहाल कुत्तों को पकड़कर बाहर छोड़ने का आदेश मिला है, इसलिए वे वही कर रहे हैं।

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