तेज हवा आंधी के साथ हुई बूंदा-बांदी, जमीन में लेटी अन्नदाता की सैकड़ो हैक्टेयर फसल
नसरूल्लागंज, मध्यप्रदेश। सोमवार देर शाम को हुए मौसम परिवर्तन ने किसानों की सांसे अटका दी। वहीं देर रात को हुई बूंदा-बांदी से फसलों में आंशिक नुकसान की स्थिति निर्मित हो गई। तेज हवा आंधी के कारण हजारों हैक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर लेट गई जिससे क्षेत्र में करोड़ो का नुकसान होने की संभावना बन गई हैं। मंगलवार को भी पूरे दिन आसमान पर कभी धूप तो कभी छाव की स्थिति बनी रही। जिससे किसानों की धड़कने लगातार बढ़ती रही। अभी क्षेत्र में रबी फसल की कटाई 5 फीसदी ही हुई हैं। अभी भी फसल कटाई में लगभग एक पखवाड़े का समय शेष बचा है। जिन किसानों ने चने की कटाई की थी वह भी खुले आसमान के नीचे पड़ी है। सोमवार - मंगलवार की दरमियानी रात को हुई बरसात के कारण कई किसानों की फसल भीग गई। ऐसे में इन किसानों को फसल के दागी होने का डर सता रहा है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर प्रारंभिक सर्वे किये जाने के निर्देश जारी किये जा चुके हैं। प्रशासन की मानें तो क्षेत्र में हल्की बूंदा-बांदी से आंशिक नुकसान संभावित है।
10 फीसदी उत्पादन पर पड़ेगा असर :
ऐसे किसान जिनकी गेहूं की फसल पकने की अवस्था में थी, ऐसी फसल तेज हवा आंधी के चलतें जमीन पर लेट गई हैं। विशेषकर गोपालपुर, सीगांव, ससली, इटावा-इटारसी, नारायणपुरा, बगवाड़ा, लाड़कुई, रफीकगंज, लोदड़ी, आंबाकदीम, वासुदेव, सुकरवास, मगरिया, श्यामपुर, गिल्हरी, बडऩगर, बोरखेड़ा, रामनगर, चांदाग्रहण, नेहरूगांव, चिचलाह कलां, राला, तिलाडिय़ा, बीजला, निम्रागांव, सेमलापानी, खरसानिया सहित लगभग चार दर्जन से अधिक गांवो में खेतो में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर सो गई हैं। ऐसे में अब किसानों को दस फीसदी उत्पादन गिरने का अदेंशा बना हुआ है। कई किसानों का मानना हैं कि जो फसल जमीन पर लेट गई हैं उसकी हार्वेस्टिंग कराने के दौरान गेहूं में मिट्टी की मात्रा अधिक होगी, ऐसे में उन्हें समर्थन मूल्य पर गेहूं तुलाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
कृषि अमला व पटवारी पहुंचे खेतो में - आशिंक नुकसान की संभावना
एसडीएम डीएस तोमर ने बताया कि सोमवार देर शाम को चली तेज हवा के बाद फसलों के नुकसान की स्थिति को जानने के लिए पटवारी व कृषि अमले का दल मंगलवार सुबह खेतो में पहुंचा। जहां प्रारंभिक सर्वे का कार्य शुरु कर दिया गया है। कृषि अमले के द्वारा क्राफ कटिंग का कार्य किया जा रहा है। कृषि विभाग की मानें तो पकी फसल आड़ी होने से कोई नुकसान नहीं है। जो गेहूं की फसल हरी बालियों के रूप में थी, ऐसी फसलों में आंशिक नुकसान उत्पादन के रूप में देखने को मिलेगा। वहीं पटवारियों को निर्देश दिए है कि अपने-अपने हल्कें में जाकर फसलों की स्थिति देख रिर्पोट दे।
हवा आंधी के चलतें मकान में लगी आग :
क्षेत्र के गांव गिल्लौर निवासी धापू बाई के मकान में देर शाम को आगजनी की घटना घटित हुई, जिसके चलतें एक लाख रुपए से भी अधिक का नुकसान परिवार को उठाना पड़ा। आगजनी की घटना में गृहस्थी का संपूर्ण सामान जलकर राख हो गया। आगजनी की सूचना मिलते ही ग्रामीण एवं फायर बिग्रेड मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पटवारी द्वारा मौका पंचनामा बनाकर रिर्पोट तहसील कार्यालय में सौंपी गई है।
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