शरीर को कोई कष्ट न हो, लोग आनंद से जी सकें, यही सुशासन : शिवराज सिंह

भोपाल, मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सुशासन संगोष्ठी, मध्यप्रदेश सुशासन एवं डेवलपमेंट रिपोर्ट और सुशासन डायजेस्ट पत्रिका के विमोचन समारोह को संबोधित किया।
शरीर को कोई कष्ट न हो, लोग आनंद से जी सकें, यही सुशासन : शिवराज सिंह
शरीर को कोई कष्ट न हो, लोग आनंद से जी सकें, यही सुशासन : शिवराज सिंहSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गुड गवर्नेंस वह है, जिससे दूसरों का भला हो और किसी को तकलीफ न हो। उन्होंने कहा कि शरीर को कोई कष्ट न हो और लोग आनंद से जी सकें, यही सुशासन है। राम राज्य का मतलब भी गुड गवर्नेंस ही है। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रामायण में वर्णित एक चौपाई दैहिक, दैविक, भौतिक तापा। राम राज नहिं काहु ब्यापा का उल्लेख भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की बुनियादी जरूरतें रोटी-कपड़ा और मकान पूरी करने, मन और बुद्धि का सुख देने के साथ आनंद के लिए साधन जुटाने के कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सुशासन संगोष्ठी, मध्यप्रदेश सुशासन एवं डेवलपमेंट रिपोर्ट और सुशासन डायजेस्ट पत्रिका के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न नवाचारों के माध्यम से देश को हर दिशा में आगे ले जा रहे हैं, जिसकी सराहना विश्व स्तर पर हो रही है। उन्होंने कहा कि सुशासन के लिए हमने प्रदेश में विभिन्न पंचायतों का आयोजन किया। पंचायतों के बीच से यह आवाज आई कि जब तक बेटी को बोझ से वरदान नहीं बनाएंगे, तब तक बेटी को लोग आने नहीं देंगे। उसी सोच में से लाड़ली लक्ष्मी योजना निकली। उन्होंने कहा कि मुझे कहते हुए गर्व है कि सेक्स रेशियो अब परिवर्तित हो रहा है। बेटियां जन्म ले रही हैं और बेटों की बराबरी से चल रही हैं। चौहान ने कहा कि स्व-रोजगार के माध्यम से हम प्रदेश की तस्वीर बदल देंगे। महिला सशक्तिकरण के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।

स्व-सहायता समूह के माध्यम से बदलेंगे प्रदेश को :

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा आत्मविश्वास है कि स्व-सहायता समूहों के माध्यम से हम प्रदेश को बदल देंगे। हमारा लक्ष्य है स्वास्थ्य और शिक्षा में बेहतर सुधार करना। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद को हम क्रियान्वित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोग अब गेहूं नहीं, मोटा अनाज खाना चाहते हैं। चौहान ने कहा कि विकास और जन-कल्याण की योजनाओं में हम जनता को साथ लेकर कार्य कर रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मतलब ही है जनता का शासन जनता के द्वारा चलाया जाना है। पंचायतों में हमने जनता से पूछ कर मध्यप्रदेश के विकास की रणनीति तय की है।

कार्यक्रम में भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी और डीएआरपीजी के सचिव वी.श्रीनिवास ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मप्र में सुशासन के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों और योजनाओं की सराहना की। कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त कर सुशासन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। सुशासन संस्थान की सीईओ श्रीमती जीव्ही रश्मि ने संगोष्ठी के उद्देश्यों की जानकारी दी।

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