मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संकल्प व प्रयासों से संभव हुआ ओबीसी आरक्षण : भूपेंद्र सिंह

भोपाल, मध्यप्रदेश : मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के दृढ़ संकल्प और कोशिशों से ही नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण मिलना संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संकल्प व प्रयासों से संभव हुआ ओबीसी आरक्षण : भूपेंद्र सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संकल्प व प्रयासों से संभव हुआ ओबीसी आरक्षण : भूपेंद्र सिंहSyed Dabeer Hussain - RE

भोपाल, मध्यप्रदेश। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के दृढ़ संकल्प और कोशिशों से ही नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण मिलना संभव हुआ है। यहां जारी बयान में मंत्री श्री सिंह ने बताया कि इस बार संपन्न हुई आरक्षण प्रक्रिया के बाद तथ्य बताते हैं कि इस बार ओबीसी वर्ग के लिए विभिन्न पदों पर आरक्षण देने में सफलता मिली है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश और पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों में तय की गई सीमाओं का ध्यान रखते हुए भी पिछली बार की आरक्षण प्रक्रिया से ज्यादा ओबीसी आरक्षण मिला।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिए गए हैं, कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग का कुल आरक्षण प्रत्येक निकाय में 50 प्रतिशत की सीमा में रहे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश पूर्व के आदेश के माडिफिकेशन हेतु लगाए गए प्रार्थना पत्र पर जारी किया गया जिससे ओबीसी आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र मुरैना, नीमच, भोपाल, निवाड़ी में 30 प्रतिशत और मंदसौर में 29 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षित किए गए हैं। जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद निवाड़ी व भोपाल में 50 प्रतिशत तथा अगर मालवा, अशोकनगर, शाजापुर , छतरपुर, टीकमगढ़, में 25 प्रतिशत पद अन्य पिछड़ा वर्ग को प्राप्त हुए हैं। मुरैना जिले में जनपद सदस्यों के 26 प्रतिशत पद तथा भिंड में जनपद पंचायत सदस्यों के 25 प्रतिशत पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। सरपंच पदों पर मुरैना व भिंड जिलों में 27 प्रतिशत तथा राजगढ़ व मंदसौर जिलों में 26 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हुआ है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह सच्चाई है कि ओबीसी वर्ग आरक्षण के लिए किए जा रहे सारे संघर्षों को तथ्यवार देख समझ रहा है। ओबीसी वर्ग ने कांग्रेस द्वारा विभिन्न न्यायालयों में रोड़े अटकाने की साजिशों को भी देखा है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराए जाने के आदेश के बाद कांग्रेस द्वारा किए गए उपहास को भी देखा है। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि विगत आरक्षण प्रक्रिया में प्रदेश की 16 नगर निगमों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पार्षदों के कुल 221 पद आरक्षित हुए थे जबकि इस बार ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की संख्या 13 बढ़ कर कुल 234 हो गई है। ग्वालियर, बुरहानपुर, खंडवा तथा रतलाम नगर निगमों में तो पार्षद पदों पर ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत 30 से 35 प्रतिशत तक हुआ है।

इस बार ओबीसी आरक्षण के पदों में हुई वृद्धि :

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उक्त तथ्य बताते हैं कि 9 दिसंबर,2021 को संपन्न हुई आरक्षण प्रक्रिया की तुलना में ओबीसी आरक्षण के पदों में वृद्धि हुई है। नगर निगम भोपाल में आरक्षित वार्डोंकी संख्या 21 से बढ़कर 23 (27.06 प्रतिशत), ग्वालियर में 17 से बढ़कर 20 (30.30 प्रतिशत), जबलपुर में 20 से बढ़कर 21 (26.58 प्रतिश), बुरहानपुर में 12 से बढ़कर 17 (35त्न), सिंगरौली में 11 से बढ़कर 12 (26.67 प्रतिशत), खंडवा में 13 से बढ़कर 16 (32 प्रतिशत), रतलाम में 12 से बढ़कर 15 (30.61प्रतिशत), उज्जैन में 14 से बढ़कर 15 (27.78प्रतिशत) एवं सागर में 12 से बढ़कर 13 (27.08 प्रतिशत) पद हो गए है। इसी तरह रीवा, कटनी और देवास में पूर्व में भी 11 पद ओबीसी पार्षदो के लिए आरक्षित थे और वर्तमान में भी 11 पद आरक्षित हैं। वहीं मुरैना व छिंदवाड़ा में 12 के स्थान पर 11 एवं इंदौर नगर निगम में 21 के स्थान पर 18 व सतना में 11 के स्थान पर 9 पद ओबीसी पार्षदों के लिए आरक्षित हुए है। नगर निगम महापौर के पिछली बार 04 पद ओबीसी हेतु आरक्षित थे। इस बार भी 04 पद ही आरक्षित हैं। इस प्रकार श्री सिंह ने कहा कि निगम, पालिकाओं व परिषदों में ओबीसी वर्ग के लिए वार्ड वार आरक्षित पदों के विस्तृत आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि वहां भी आरक्षण का प्रतिशत 25 से 30 प्रतिशत तक रहा है। इस तरह से हमने लगभग 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी वर्ग को देने में सफलता प्राप्त की है, जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार ने लगातार अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co