19 को प्रधानमंत्री करेंगे एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण

इंदौर शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर तैयार किए गए बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री सिलावट। जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने लिया कार्यक्रम हेतु की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा।
टेचिंग ग्राउंड पर संभागायुक्त और निगम कमिश्नर, कलेक्टर एवं मंत्री तुलसी सिलावट ने दौरा किया
टेचिंग ग्राउंड पर संभागायुक्त और निगम कमिश्नर, कलेक्टर एवं मंत्री तुलसी सिलावट ने दौरा कियाRavi Verma - RE

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर जिसने देशभर में स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है, अब एक और उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। 19 फरवरी 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर शहर में निर्मित किए गए एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे।

इस अवसर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, आईडीए के पूर्व अध्यक्ष श्री मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल आदि शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचे।

कार्यक्रम में 20 राज्यों के मिशन डायरेक्टर होंगे शामिल :

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में देश के 20 राज्यों से स्वच्छ भारत मिशन के मिशन डायरेक्टर शामिल होंगे तथा केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों के अधिकारीगण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। यह सभी अधिकारी इंदौर शहर के अन्य स्थान जहां स्वच्छता के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे हैं उनका भ्रमण भी करेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले लोगों को आने जाने में दिक्कत नहीं हो इसलिए आवागमन की सुविधा का पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है। विशेष तौर पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने स्वच्छता के क्षेत्र में बस्तियों एवं दूरस्थ क्षेत्रों में महती भूमिका निभाई है। उनको भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक संगठन, व्यापारी संगठन एवं अन्य गणमान्य नागरिकजन के सहयोग से इंदौर ने स्वच्छता में देश भर में अपना परचम लहराया है वे सभी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

2.5 करोड़ का रेवेन्यू भी प्राप्त होगा :

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इस बायो सीएनजी प्लांट की विशेषता यह है कि इससे उत्पन्न गैस में मेथेन गैस 96 प्रतिशत प्योरिटी में पाई गई है। इससे ना केवल कैलोरीफिक वैल्यू अच्छी होगी, बल्कि बायो सीएनजी की इफेक्टिवनेस भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यह प्लांट पीपीपी मोड पर बना है, जिससे इंदौर नगर निगम को प्रतिवर्ष 2.5 करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि एक समय में गीला कचरा जो सभी के लिए एक परेशानी था आज इंदौर के लिए एक उपलब्धि बन गया है। जिसके कारण आज बायो सीएनजी प्लांट के रूप में यह सौगात शहर को मिली है।

शत प्रतिशत गीले वेस्ट से संचालित होगा बायो सीएनजी प्लांट :

नगर निगम आयुक्ति प्रतिभा पाल ने कहा कि यह बायो सीएनजी प्लांट 100 प्रतिशत गीले वेस्ट से संचालित होगा। यह उपलब्धि इंदौर शहर को केवल इंदौर के नागरिकों के अनुशासन और दृढ़ संकल्प के कारण प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी द्वारा यह बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया जा रहा है, उसके सर्वे में पाया गया था कि इंदौर से प्राप्त कचड़े के सैंपल में 99 प्रतिशत से अधिक सेग्रीगेशन प्योरिटी पाई गई है, जो देश के अन्य किसी राज्य से लिए गए सैंपल में नहीं पाई गई। उन्होंने बताया कि बायो सीएनजी प्लांट से उत्पन्न 18 हजार केजी गैस से प्रतिदिन 400 बसें संचालित हो सकेंगी जिससे ना केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलेगा बल्कि वायु की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।

बायो-सी.एन.जी. प्लांट की संक्षिप्त जानकारी :

नगर निगम, इन्दौर द्वारा चोईथराम सब्जी मण्डी में 20 मेट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता एवं कबीटखेड़ी गारबेज ट्रांसफर स्टेशन पर 15 मेट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का गीले कचरे से बायो-सीएनजी गैस का प्लांट स्थापित किया है। दोनों ही प्लांट से उत्पन्न गैस का उपयोग लोक परिवहन बसों को संचालित करने में किया जा रहा है। इन्दौर में स्त्रोत पर ही कचरे का पृथक्कीकरण किये जाने से उच्च गुणवत्ता के गीले कचरे को संग्रहित किया जाता है। आईईआईएसएस नई दिल्ली द्वारा इन्दौर के गीले कचरे को बायो सीएनजी गैस बनाने हेतु अत्यंत उपयुक्त पाया जाने से 550 एमटीडी के बायो-सीएनजी प्लांट की स्थापना देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड की भूमि पर की गई है। इस प्लांट से 550 एमटी प्रतिदिन गीला कचरा (घरेलु जैविक कचरा) का प्रस्संकरण किया जावेगा, जिससे 17500 कि. ग्रा. बायो-सी.एन.जी. एवं 100 टन उच्च गुणवत्ता वाली सिटी कंपोस्ट का उत्पादन होगा। यह एक ज़ीरो इनर्ट मॉडल भी है जहॉं किसी प्रकार का अनुपचारित कचरा नहीं निकलेगा।उक्त प्लांट की स्थापना पीपीपी मॉडल पर आधारित होकर आईईआईएसएस नई दिल्ली द्वारा लगभग रू. 150 करोड़ निवेश किया गया है। प्लांट से प्रतिदिन उत्पन्न होने वाली कुल 17500 किलो बायो सीएनजी गैस का 50 प्रतिशत नगर निगम, इन्दौर को लोक परिवहन बसों के संचालन हेतु बाज़ार दर से रू. 5 रु. प्रतिकिलो कम की दर पर उपलब्ध होगी तथा शेष 50 प्रतिशत गैस आईईआईएसएस नई दिल्ली द्वारा विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को विक्रय की जा सकेगी। इस प्लांट की स्थापना से जहॉं एक ओर नगर निगम पर कोई वित्तीय भार नहीं आया है, वहीं दूसरी ओर इस प्लांट को स्थापित करने वाली कंपनी नगर निगम, इन्दौर को रू. 2,52,50,000 प्रतिवर्ष प्रीमियम के रूप में 20 वर्षों तक भुगतान करेगी।

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