इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर कई लोगों से पैसा लेकर फरार
इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर कई लोगों से पैसा लेकर फरारSocial Media

इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर पांच करोड़ की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने सूरत से किया गिरफ्तार

इसके पकड़े जाने की खबर के बाद कई पीड़ित थाने पहुंचे और ठगी का ये आंकड़ा पांच करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, संभावना है कि ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

इंदौर, मध्यप्रदेश। शादी समारोह में इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर कई लोगों से पैसा लेकर फरार हुए आरोपी को पुलिस सूरत से पकड़कर इंदौर लाई है। इसके पकड़े जाने की खबर के बाद कई पीड़ित थाने पहुंचे और ठगी का ये आंकड़ा पांच करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। संभावना है कि ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

एरोड्रम पुलिस सूरत से संजय सिंह को लेकर आई है। संजय सिंह छोटा बागड़दा में जेड्स होटल एंड रिसोर्ट की बुकिंग के साथ शादी समोरोह में इवेंट मैनेजमेंट का काम करता था। आयोजन कराने के लिए उसने कई लोगों से पैसे ले रखे थे। दिसंबर में वह अचानक गायब हो गया था। कई पीड़ितों ने उसकी हरकत को लेकर शिकायतें भी दर्ज करवाई। पुलिस ने संजयसिंह के बारे में जानकारी निकाली तो पता चला कि वह इस समय सूरत में है। उसके बाद पुलिस टीम ने अपने स्तर पर पता लगाया। जब ये पता चला कि वह सूरत में ही है तो पुलिस टीम ने उसे सूरत से धर दबौचा और इंदौर लेकर आ गई है। संजयसिंह इतना शातिर है कि होटल मालिक के साथ ही उसने 60 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर रखी है।

इसके साथ ही कई लोगों से लाखों रुपए एडवांस ले रखे हैं। बताते हैं कि इसकी ठगी के शिकार लोगों में दर्जनों लोग शामिल हैं और संजयसिंह ने करीब 5 करोड़ रुपए की ठगी की है। पता चला है कि उसने ये सारा पैसा दिसंबर 2022 तक ले लिया था और 25 दिसंबर के बाद वह शहर से गायब हो गया था। पुलिस का कहना है कि इस मामले में पीड़ितों के बयान लिए जा रहे हैं। उसके बाद इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

निगम में नौकरी के नाम पर 16 लाख की ठगी, आरोपी रिमांड पर

ठगी के एक अन्य मामले में नगर निगम में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर दो लोगों से 16 लाख की ठगी करने वाले फरार आरोपी को रावजीबाजार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शंकरबाग में रहने वाले ध्रुव वर्मा ने एक माह पूर्व हरसिद्वि क्षेत्र में रहने वाले निखिल खानविलकर और विजय यादव से नगर निगम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर 8-8 लाख रूपए ले लिए थे। पैसा लेने के बाद दोनों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिए थे। ये दोनों जब पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी हैं।

इसके बाद पीडि़तों को पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। इसे लेकर रावजीबाजार पुलिस ने केस दर्ज किया था। थाना प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही थी। पुलिस को खबर मिली कि आरोपी ध्रुव वर्मा अपने रिश्तेदार के यहां मूसाखेड़ी में देखा गया है। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर उसे पकड़ा। गिरफ्तारी के बाद ध्रुव शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया वहां से उसे रिमांड पर लिया गया है। रिमांड में पूछताछ के दौरान आरोपी के कई और मामले सामने आने की संभावना है।

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