Gwalior Politics : क्या बीजेपी नेता कमल की मदद कर रहे हैं कांग्रेसी?
ग्वालियर। कांग्रेस प्रदेश स्तर से आने वाले परिपत्र के अनुसार कार्यक्रम तो करने में असमर्थ दिख रहे है, लेकिन भाजपा नेताओ की मदद करने का काम जरूर कर रहे है। भाजपा जिलाध्यक्ष पद से कमल माखीजानी को हटाए जाने के बाद उनकी पीड़ा कुछ कांग्रेसियो को हो रही है ओर कमल के द्वारा प्रायोजित पत्रकारवार्ता एक मार्च को कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित कराई गई है, जिसमें सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी, क्योंकि कमल इसी के सहारे भाजपा पार्टी नेताओ के ऊपर दबाव बनाने का काम कर रहे है ओर उसमें कुछ कांग्रेस नेता उनका साथ देने का काम कर रहे है।
शहर कांग्रेस के कार्यालय पर एक मार्च को सिंधी समाज के नेताओ ने पत्रकारवार्ता कर आरोप लगाया था कि सिंधी समाज को राजनीतिक दल प्रतिनिधित्व नहीं दे रहे है, जिसके कारण आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में समाज कुछ अलग तरह का निर्णय ले सकता है। यहां बता दें कि जब ग्वालियर में दो विधानसभा के उप चुनाव हुए थे उस समय पत्रकारवार्ता में शामिल सिंधी समाज के लोग ही कमल माखीजानी के घर पर उनको बधाई देते हुए नजर आए थे ओर अब कांग्रेस कार्यालय पर भी वहीं लोग सिंधी समाज की बात कहने का काम कर रहे थे। अब पहला सवाल तो यह है कि जिस तरह से कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अलग-अलग समाज के नेताओ को बुलाकर उनकी पत्रकारवार्ता कराने का काम कर रहे है उससे तो यह लग रहा है कि कांग्रेस ही समाज को बांटने का काम कर रही है, क्योकि इस तरह हर समाज आकर अपने समाज को प्रतिनिधित्व देने की बात कर सकता है जिससे पार्टी के भीतर ही विरोध होने की संभावना अधिक रहेगी, लेकिन यहां खेल अपने दल को मजबूत करने का नहीं बल्कि भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी की मदद करने का है।
आखिर दबाव बनाने कांग्रेस का क्यों लिया सहारा...
भाजपा के जब कमल माखीजानी अध्यक्ष थे, उस समय उन्होने अपने कार्यकर्ताओ को ही कोई महत्व नहीं दिया ओर नगर निगम चुनाव में टिकट बेंचने तक के आरोप लगे थे ओर एक मामले में तो कमल माखीजानी का नजदीकी पदाधिकारी पैसे लेते हुए नजर आया था जिसका वीडियो भी जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके बाद से ही कमल के विरोधी सक्रिय हो गए थे ओर उनको पद से हटाकर ही दम लिया था। अब कमल तो पद से हट गए तो आगे क्या करना है इसको लेकर उनके दिमाग में लम्बे समय से रणनीति चल रही थी ताकि किसी तरह वह अपने दल के नेताओ के ऊपर दवाब बना सके। अब दबाव बनाने के लिए स्वयं व भाजपा नेता तो कुछ कर नहीं सकते तो उन्होंने इसके लिए कांग्रेस का सहारा लेना बेहतर समझा। इससे कोई उनके ऊपर यह आरोप नहीं लगा सकेगा कि वह दबाव बनाने का खेल खेल रहे है ओर दूसरी तरफ पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर वह दवाब बना कर किसी तरह से सिंधी समाज को साधने के लिए उनको कुछ पद हासिल हो सके।
अब उसमें वह कितने सफल होते है यह तो बाद की बात है, लेकिन इस एपीसोड के पीछे जो गेम चला गया उसका खुलासा फोटो से ही हो गया। उप चुनाव में जो लोग कमल माखीजानी के घर पर उनको बधाई देते हुए नजर आ रहे थे उन्ही में से कुछ लोग कांग्रेस कार्यालय पर सिंधी समाज की बात कहते नजर आएं। इससे साफ होता है कि कमल की मदद करने का काम कांग्रेस के कुछ नेता कर रहे है ओर इसको लेकर अब कांग्रेस के ही नेता कई तरह की चर्चा कर रहे है।
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