ग्वालियर : अपनों को नकारने के जाल में कांग्रेस खुद फंसती दिख रही

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : दूसरे दल से आने वालो को महत्व देने से कांग्रेसी नाराज। भिण्ड जिला पंचायत अध्यक्ष हिण्डोलिया ने कांग्रेस को कहा अलविदा।
रामनारायण हिण्डोलिया ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
रामनारायण हिण्डोलिया ने छोड़ा कांग्रेस का साथSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कांग्रेस अपनों को नकारे जाने के जाल में स्वयं फसती जा रही है और जहां भी टिकट दिए हैं वहां कांग्रेस विरोध कर रही है। दिमनी, अम्बाह में तो विरोध होने लगा है साथ ही गोहद से टिकट देने के बाद नाराज होकर जिला पंचायत भिण्ड के अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया ने कांग्रेस छोड़ साइकिल की सवारी करना शुरू कर दी है। हिण्डोलिया को पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह का खास समर्थक माना जाता है और उन्हीं के कारण वह जिला पंचायत के अध्यक्ष बन सके थे। अब अचानक अपने नेता का साथ छोड़कर दूसरे दल में जाने से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि कांग्रेस उप चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है और आपस में गुटबाजी भी दिख रही है।

प्रदेश में सरकार जाने के बाद कांग्रेसी एकाएक सक्रिय हो गए थे और सिंधिया के कहने के बाद भी कई कांग्रेसियों ने पार्टी नहीं छोड़ी थी। कांग्रेसियों को उम्मीद थी कि आगे चलकर उनको महत्व मिलेगा, लेकिन जब उप चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी की तो कांग्रेसियो के अरमानों पर पानी फिर गया। इसका कारण यह रहा कि कांग्रेस ने अधिकांश सीटों पर उन्ही को मैदान में उतारा है जो दूसरे दल से आए हैं। कांग्रेस की इस नीति के कारण कांग्रेसी अब कहने लगे हैं कि अब कांग्रेस एवं भाजपा में अंतर ही क्या है। दूसरे दल से आने वालों को महत्व देने से स्वयं के दल के नेता नाराज होने लगे हैं इसका प्रभाव उप चुनाव में कांग्रेस के ऊपर पड़ सकता है। दिमनी एवं अंबाह में तो विरोध होने ही लगा है साथ ही अब ग्वालियर एवं गोहद में भी विरोधी स्वर उठने लगे हैं।

हिण्डोलिया करेगें साइकिल की सवारी :

गोहद में टिकट को लेकर जिला पंचायत के अध्यक्ष रामनारायण हिण्डोलिया पूरी तरह से आश्वस्त थे, लेकिन जब उनका नाम कट कर दिया गया तो वह नाराज हो गए। हिण्डोलिया को पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह का खास समर्थक माना जाता है, क्योंकि उन्ही के प्रयासो से हिण्डोलिया जिला पंचायत के अध्यक्ष बन पाएं थे। ऐसे में अचानक उन्होने जब कांग्रेस छोड़ी तो समझा जा सकता है कि इतना विश्वस्त साथी जब नाराज हो सकता है तो अन्य कांग्रेसी कितने नाराज होगें। दिमनी में भी कांग्रेस के दावेदारो में शामिल वीरेन्द्र सिंह दूसरे दल से मैदान में आ सकते हैं। इसी तरह का विरोध डबरा में भी देखने को मिल रहा है। कांग्रेस सूत्र का कहना है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उनको मना लिया जाएगा और कमलनाथ जब ग्वालियर दौरे पर आएंगे तो नाराज लोगों को बुलाकर उनसे बात करेंगे ओर उन्हें मना लेगें। अब देखना होगा कि नाराज लोग कितनी आसानी से कमलनाथ की बात मानते हैं।

भाजपा के नारायण पकड़ सकते हैं हाथ :

रजनीतिक गलियारो में चर्चा है कि भाजपा के एक पूर्व मंत्री जल्द कांग्रेस का हाथ पकड़ सकते हैं। इसको लेकर उनकी पार्टी नेताओं से बात हो चुकी है, लेकिन कोरोना पॉजिटिव आने के कारण वह भोपाल नहीं जा सके थे। सूत्र का कहना है कि कमलनाथ जब ग्वालियर दौरे पर आएंगे उस समय भाजपा के नारायण कांग्रेस का हाथ पकड़ सकते हैं। बताया गया है कि समीक्षा गुप्ता के भाजपा में वापिस आने के बाद से ही नारायण नाराज हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव में समीक्षा के खड़े होने के कारण ही नारायण जीती हुई बाजी हार गए थे। सूत्र का कहना है कि नारायण से बात करने के लिए कांग्रेस के कुछ नेता लगे हुए हैं और बात लगभग फाइनल हो गयी है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनको चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है जिसके लिए कांग्रेस कुछ टिकटों को बदल भी सकती है।

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