लेखाधिकारी के इर्द-गिर्द सिमट गई तबादलों की फाईल
लेखाधिकारी के इर्द-गिर्द सिमट गई तबादलों की फाईलराज एक्सप्रेस, संवाददाता

Shahdol : जिला पंचायत में मोर नाचा, किसी ने न देखा

राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए थे कि वर्षों से पदस्थ ग्राम पंचायतों के अधिकारी और कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाए, लेकिन जिला पंचायत के जिम्मेदारों ने इसमें भी जुगाड़ की कैंची चला ली।
Summary

जिले की पांचों जनपदों में पंचायती चुनाव की आचार संहिता का हवाला देकर सचिवों के तबादले हुए, चुनाव तो टल गए, लेकिन तबादलों में संशोधन और वापसी का सिलसिला चलता रहा, जिला पंचायत के लेखापाल एक बार फिर चर्चा में आए और उनके घर से लेकर जिला पंचायत कार्यालय व पास के टपरे तक परेशान सचिव झोला लेकर मिलते नजर आए।

शहडोल, मध्यप्रदेश। पंचायत चुनाव की हलचल के बीच चुनाव आयोग के निर्देशों पर पंचायत के सचिवों के तबादले आदेश जारी हुए थे। जिला पंचायत सीइओ के आदेश जारी जांच के बाद तबादला सूची जारी हुई थी, यह तबादले चुनावी प्रक्रिया के तहत किए गए हैं, इसमें चार साल से एक ही जगह पर जमे पंचायत सचिव भी शामिल थे, इनमें से कई सचिव अपने गृह ग्राम में ही तैनात थे। राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए थे कि वर्षों से पदस्थ ग्राम पंचायतों के अधिकारी और कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जाए, लेकिन जिला पंचायत के जिम्मेदारों ने इसमें भी जुगाड़ की कैंची चला ली।

तत्काल प्रभावशील आदेश :

त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश के बाद जिला पंचायत शहडोल कार्यालय से 18 दिसम्बर के आस-पास जिले की सोहागपुर, बुढ़ार, गोहपारू, जयसिंहनगर सहित ब्यौहारी में 3 वर्षाे से अधिक समय से पदस्थ रहे सचिवों का थोक में तबादला हुआ, इसमें कुछ सचिवों को एक जनपद से दूसरी जनपद और जिले के अंतिम छोर में पहुंचा दिया गया और उक्त आदेश तत्काल से प्रभावशील होने थे, लेकिन इसके बावजूद संशोधन की सूचियां कार्यालय से जारी होती रही।

50-50 का चला खेल :

पंचायतों के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही आचार संहिता लगने के बाद सचिवों के तबादले की सूची जारी हुई, संभवत: 18 दिसम्बर के आस-पास पहली सूची जारी हुई, उसमें सचिवों को एक जनपद से दूसरे जनपद के अंतिम छोर में फेंका गया, सचिवों में चर्चा है कि जिला पंचायत में बैठे अशोक शुक्ला द्वारा सचिवों के तबादलों में जुगाड़ खोज लिया गया, दूर गये सचिवों को पूर्व में पदस्थापना स्थल के बगल वाली पंचायत का प्रभार देने के लिए लगभग 50-50 का खेल चला और ऊपर वालों के सामने मोर नाचता रहा, लेकिन वह संभवत: नाच नहीं देख पाये।

6 रोजगार सहायक कुशल :

जिला पंचायत शहडोल के सचिवों की पहली संशोधित लिस्ट पत्र क्रमांक- 4604 के माध्यम से 28 दिसम्बर 2021 को जारी हुई, जिसमें कुछ सचिवों को अगल-बगल की पंचायतों का लाभ दिया गया, वहीं जिला मुख्यालय की सोहागपुर जनपद के सचिवों को भी अतिरिक्त प्रभार के अलावा अगल-बगल की पंचायतों में बैठाने के लिए पत्र क्रमांक-272 के माध्यम से 25 जनवरी 2022 को जिला पंचायत से सोहागपुर जनपद के 23 सचिवों के तबादले किये गये, मजे की बात तो यह है कि 6 रोजगार सहायकों को वित्तीय प्रभार के साथ पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें सारंगपुर, जोधपुर, लखबरिया, छिरहटी, अरझुला के रोजगार सहायक शामिल हैx।

जल्दबाजी ने बिगाड़ दिया खेल :

जिंप के आस-पास स्थित टपरों में चर्चा रही कि प्रभार देने और पैसे लेने की जल्दबाजी में बंधवाबड़ा के सचिव आमोल सिंह को कोटमा एवं मोलन सिंह सचिव को कर्राटोला के अलावा बंधवाबड़ा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, चर्चा है कि अगर उक्त सचिव अपनी कार्य कुशलता में माहिर थे तो, अतिरिक्त प्रभार उन पंचायतों का देना चाहिए था, जिनमें रोजगार सहायकों को वित्तीय प्रभार सौंपा गया है, लेकिन एक तरफ साहब को खुश करने एवं अपनी जेब गरम करने की जल्दबाजी में शुक्ला जी यह भूल गये कि जिन मोरों का नाच वह अकेले में देख रहे हैं, वह टपरों या ठेलों पर चर्चा करते हैं कि शुक्ला जी अंदर कमरे में बैठकर नाच देख रहे हैं, जो जितना नाचा, उसको उतना फायदा हुआ।

इनका कहना है :

मैं अभी गांव में हूँ, भागवत सुन रहा हूँ।

लेखाधिकारी, जिला पंचायत, शहडोल

तबादलों की जानकारी है, लेकिन यदि इस तरह के आरोप हैं तो, इनकी भी जांच कराई जाएगी।

वंदना वैद्य, कलेक्टर, शहडोल

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