शिवराज सरकार ने पूरे प्रदेश में की डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था
शिवराज सरकार ने पूरे प्रदेश में की डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्थाSocial Media

शिवराज सरकार ने ग्वालियर समेत पूरे प्रदेश में की डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था

ऑनलाइन पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने ग्वालियर समेत पूरे प्रदेश में सरकारी शिक्षको द्वारा भी डिजिटल तरीके से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की है।

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कोरोना वायरस महामारी के दौरान लागू हुए लॉकडाउन से देश में ऑनलाइन पढ़ाई का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। इस दौरान कई ऐसे एप्स और प्लेटफार्म सामने आये हैं, जिनसे ऑनलाइन पढ़ाई करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं तब से देश में ऑनलाइन पढ़ाई को काफी महत्व दिया जाने लगा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने ग्वालियर समेत पूरे प्रदेश में सरकारी शिक्षको द्वारा भी डिजिटल तरीके से बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की है।

डिजिटल पढ़ाई के लिए सरकार ने लिया फैसला :

दरअसल, देश में बढ़ रही ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने पर प्रदेश सरकार ने अब एसी व्यवस्था की है कि, अब सरकारी शिक्षक भी डिजिटल तरीके से बच्चों की पढ़ाई करवा सकेंगे। इस सुविधा के तहत प्रदेश सरकार प्राइमरी स्कूल के सभी शिक्षकों को अब टेबलेट मुहैया कराने वाली है। इस टेबलेट के लिए सरकार हर शिक्षक के अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर करेगी और शिक्षक इन पैसों से टेबलेट खरीद कर बच्चों को डिजिटल तरीके से शिक्षा प्रदान कर सकेगी। सरकार यह सुविधा सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई के लिए भी डिजिटल माध्यम की व्यवस्था के लिए करने जा रही है। सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइमरी शिक्षकों को टेबलेट दिलवाने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि, सरकार सिर्फ पैसे देगी शिक्षक यह टेबलेट खुद से खरीद सकते हैं।

सरकार देगी इतना पैसा :

बताते चलें, प्रदेश सरकार ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश के सभी प्राइमरी शिक्षकों के अकाउंट में दस-दस हजार रुपए पहुंचाने जा रही हैं। इसके लिए सरकार ने गणना की है। इस गणना के अनुसार, प्रदेश में कुल 172956 शिक्षक हैं। जिनके खाते में यह पैसे पहुंचाये जाएंगे। बता दें, यह राशि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत डिजिटल पढ़ाई के लिए शिक्षकों को टेबलेट दिलाने के लिए दी जाएगी। सरकार इस योजना के तहत प्रदेश के 172956 प्राइमरी शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के लिए उनके खाते में राशि पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा शिक्षक टेबलेट से बच्चों की शिक्षा के लिए आवश्यक सामग्री ऑनलाइन हासिल कर पाएंगे। जिससे बच्चों की डिजिटल पढ़ाई और आसानी से हो सके।

4 साल बाद टेबलेट की कीमत हो जाएगी शून्य :

शिक्षकों के खाते में 10 हजार रूपये की राशि पहुंचने के बाद शिक्षक टेबलेट खरीद सकेंगे। हालांकि, यह सिर्फ वन टाइम के लिए रहेगी। यानी किसी भी हाल में अगर शिक्षक इस टेबलेट को खो देते हैं या ख़राब कर देते है तोड़ देते हैं तो उन्हें दूसरा खुद खरीदना होगा। उन्हें किसी हाल में यह टेबलेट साल तक चलाना होगा। क्योंकि चार साल बाद इस टेबलेट की कीमत शून्य हो जाएगी। इसके बाद वह इस टेबलेट का इस्तेमाल व्यक्तिगत कार्यों के लिए कर सकते हैं। बता दें, राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि, 'टेबलेट खरीदने के लिए सभी तैयारियां 15 दिसंबर तक पूरी कर लिए जाएं। जिसके बाद आने वाले नए साल में बच्चों को डिजिटल तरीके से शिक्षा दी जा सके।'

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