अटकी बजट बैठक, सभापति ने जताई नाराजगी, जलविहार में 39 लाख की लागत से किया जा रहा है माईक बदलने का कार्य
ग्वालियर। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नगर निगम का बजट पारित होना है। एमआईसी ने बजट फाईनल कर दिया है, जिस पर परिषद में चर्चा कराई जानी है। लेकिन जल विहार स्थित परिषद कक्ष में चल रहे संधारण कार्य के चलते बजट बैठक शुरू नहीं हो सकी है। परिषद कक्ष में 39 लाख की लागत से नए कॉडलेस माईक, वायरिंग, साउण्ड सिस्टम एवं तीन टीवी लगाए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए दो महीने का समय दिया गया था लेकिन ठेकेदार ने काम में देरी कर दी। जब तक काम पूरा नहीं होगा तब तक बजट बैठक के लिए पत्र भी जारी नहीं किया जा सकता। इस स्थिति पर सभापति मनोज तोमर ने आपत्ति जताते हुए निगमायुक्त को पत्र जारी करते हुए कार्य जल्द कराने के लिए कहा है।
जलविहार के परिषद कक्ष में पुराने माईक सिस्टम के कारण पार्षद नाराज थे। तीन साल तक परिषद अस्तित्व में नहीं रही इसलिए परिषद कक्ष की दुर्दशा हो गई थी। माईके के तार जगह-जगह से टूट गए थे जिससे पार्षदों की बात समझ में नहीं आती थी। परिषद की पहली बैठक में ही पार्षदों ने माईक एवं साउण्ड सिस्टम बदलने की मांग की थी। इसके बाद जब दोबारा बैठक हुई तो उसमें भी माईक सिस्टम ने बहुत परेशान किया। इसे देखते हुए सभापति मनोज तोमर ने निगमायुक्त किशोर कन्याल को माईक सिस्टम बदलने के निर्देश दिए थे। परिषद के आदेश पर ही साउण्ड एवं माईक सिस्टम बदलने का कार्य शुरू कराया गया। इस कार्य के लिए 39 लाख का टेण्डर डाला गया जो एन डायनमिक कंपनी को मिला। कंपनी को 2 माह में कार्य पूर्ण करना था लेकिन ठेकेदार ने लापरवाही दिखाते हुए कार्य लेट कर दिया। अब वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पारित किया जाना है। इसके लिए परिषद की बैठकें होना है, लेकिन संधारण कार्य के चलते बैठक आयोजित नहीं हो पा रही। कार्य में हो रही देरी को देखते हुए सभापति मनोज तोमर ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। साथ ही ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए जल्द कार्य कराने के लिए भी कहा गया है।
बजट पेश होने के बाद भी लगेंगे 10 दिन
सत्ता पर काबिज कांग्रेसी पार्टी की महापौर डॉ. शोभा सिकरवार द्वारा 5 एमआईसी सदस्य बनाए गए हैं। इन सदस्यों ने बजट बैठकों में योग्यता के अनुसार संशोधन कराए हैं। अब परिषद में बजट पेश होने पर भाजपा पार्षद विभिन्न जानकारी मांग सकते हैं। इसके लिए बजट पेश होने के बाद संशोधन के लिए कम से कम तीन दिन दिए जायंगे। साथ ही बजट बैठक की सूचना के बाद भी कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में काम पूरा नहीं हुआ तो बजट को लेकर चर्चा करने के लिए कम समय मिलेगा।
इस तरह समझें बजट बैठकों का गणित
जनवरी एवं फरवरी में एमआईसी की बैठक आयोजित कर बजट पर चर्चा हो चुकी है।
निगमायुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट में एमआईसी ने अपने विवेक के अनुसार संशोधन किया है।
एमआईसी द्वारा पारित बजट नगर निगम परिषद में प्रस्तुत किया जायगा।
बजट बैठक बुलाने के लिए कम से कम पांच दिन पहले सूचना जारी की जाएगी।
होली के बाद 10 मार्च को सभापति सूचना जारी कर सकते हैं।
15 से 18 मार्च के बीच बजट पारित करने बैठक बुलाई जाएगी।
बजट बैठक के बाद संशोधन लगाने के लिए 3 से 5 का समय दिया जा सकता है।
15 मार्च को बैठक बुलाई जाती है तो संसोधन के बाद अगली बैठक 20 मार्च को होगी।
20 मार्च के बाद संशोधन प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए 3 से चार बैठकें आयोजित की जा सकती है। इसके बाद 28 से 30 मार्च के बीच बजट पारित कर दिया जायगा।
इनका कहना है
जलविहार मेें ठेकेदार द्वारा लापरवाही दर्शाते हुए कार्य में तेजी नहीं लाई गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पारित कराना है और जिसमें 15 से 20 दिन का समय लगेगा। लेकिन जब तक काम पूरा नहीं होगा तब तक बैठक बुलाना संभव नहीं है। ठेकेदार द्वारा की जा रही लापरवाही को लेकर निगमायुक्त को पत्र जारी किया गया है।
मनोज तोमर, सभापति, नगर निगम
सभापति का पत्र हमें मिल चुका है। इसे देखते हुए ठेकेदार को जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिए गए हैं। होली के बाद ठेकेदार ने काम पूरा करने के लिए कहा है। अगर तय सीमा में ठेकेदार ने कार्य नहीं किया तो हम कार्यवाही करेंगे।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त
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