मध्यप्रदेश में अब लम्बी चलेगी कृषि मंडी की हड़ताल
मध्यप्रदेश में अब लम्बी चलेगी कृषि मंडी की हड़तालRaj Express

अनाज व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष के व्हाट्सऐप सन्देश ने मचाया हड़कंप, अब लम्बी चलेगी कृषि मंडी की हड़ताल...

MP Agricultural Produce Market Strike: अनाज व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल के व्हाट्सऐप सन्देश ने व्यापारियों को भावुक कर दिया है। इस सन्देश ने अधिकारियों की हठधर्मिता को उजागर किया है।

हाइलाइट्स

  • अनाज व्यापारियों की हड़ताल से अब स्थिति प्रदेश की बिगड़ने लगी है।

  • व्यापार महासंघ और कृषि मंत्री ने बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया लेकिन उनका प्रयास विफल हो गया।

  • मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने मांगों पर सहमति का नहीं दिया लिखित पत्र।

भोपाल, मध्यप्रदेश। कृषि उपज मंडी के अपनी 11 सूत्रीय मांगो को लेकर अनाज व्यापारी बीते 9 दिनों (4 सितंबर-13 सितंबर) से हड़ताल पर है। उनकी मांगो पर चर्चा करने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल ने सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया था। दो दिन चली चर्चा के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला इसलिए हड़ताल अभी जारी रहेगी। इस बीच सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ के अध्यक्ष गोपाल दास अग्रवाल के व्हाट्सऐप सन्देश ने प्रदेश भर के व्यापारियों को भावुक कर दिया है। इस सन्देश ने अधिकारियों की हठधर्मिता को उजागर किया है।

प्रदेश की 230 कृषि उपज मंडी में अनाज व्यापारियों की हड़ताल से अब स्थिति बिगड़ने लगी है। अनाज व्यापारियों का व्यापार चौपट होने के साथ-साथ कृषि उपज मंडी से जुड़े अन्य व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे है। सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ ने शासन के समक्ष अपनी मांगे रखकर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया था लेकिन उनका प्रयास विफल हो गया है। अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ के अध्यक्ष ने हड़ताल निरंतर जारी रखने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने एक सन्देश सभी जिला अनाज व्यापारी संघ को भेजा है जिसमें उन्होंने बताया कि, बीते दो दिनों से कृषि मंत्री कमल पटेल से बातचीत की जा रही थी, अधिकांश मांगों पर कृषि मंत्री की सहमति हो गई थी लेकिन मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने मांगों पर सहमति का लिखित पत्र नहीं दिया। जिसकी वजह से व्यापारियों को मजबूर होकर, अपनी हड़ताल निरंतर रखना पड़ रही है।

गौरतलब है कि, प्रदेश की 230 कृषि उपज मंडी में अनाज व्यापारियों की हड़ताल से अब स्तिथि बिगड़ने लगी है। अनाज व्यापारियों का वयापार चौपट होने के साथ-साथ कृषि उपज मंडी से जुड़े अन्य व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे है।

सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ के अध्यक्ष का सन्देश

सम्माननीय व्यापारी भाइयों,

मंडी बोर्ड में 11 सूत्री मांगों को लेकर गहन विचार विमर्श हुआ, मीटिंग 5 से 6 घंटे चली 11 में से 9 मांगों पर सहमति हो गई है बाकी दो मांगों पर माननीय मंत्री महोदय ने माननीय मुख्यमंत्री जी से व्यापारियों के सामने चर्चा की, जिसमें माननीय मंत्री जी ने मुख्यमंत्री जी को स्पष्ट शब्दों में लीज रेंट से कलेक्टर गाइडलाइन और 2009 की जगह 2005 का नियम लागू करने को लेकर और निराश्रित हटाने और मंडी टैक्स कम करने को लेकर बात की, माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह कहा आज रात को या कल सुबह इस पर निर्णय ले लिया जाएगा, साथियों आज मंडी बोर्ड में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उसमें माननीय मंत्री जी, व्यापार महासंघ अध्यक्ष और प्रबंधक मंडी बोर्ड को साइन करना था परंतु आखिरी समय में मंडी बोर्ड के एमडी द्वारा हस्ताक्षर करने से मना करने के बाद व्यापारी हित में कोई लिखित डॉक्यूमेंट जारी नहीं हो सका,आज माननीय मंत्री कमल पटेल जी पूरी तरह व्यापारियों के साथ थे उन्होंने स्पष्ट शब्दों में प्रबंधक मंडी बोर्ड को लिखित में देने को या प्रेस रिलीज करने को कहा जिसे अधिकारियों द्वारा इनकार कर दिया गया साथियों आज मंडी बोर्ड के अधिकारियों की हट धर्मिता की वजह से बातचीत आज निर्णायक दौर में पहुंचने के बाद भी निर्णय नहीं हो पाया है इसलिए साथियों हड़ताल अभी जारी रहेगी

महासंघ अध्यक्ष

गोपाल दास अग्रवाल

ये हैं मंडी व्यवसायी की प्रमुख मांगें

  • मंडी अधिनियम की धारा 19 (2), धारा 19 (8), धारा 46 (ड) एवं धारा 46 (च) में संशोधन-2 विलोपन करने की मांग।

  • धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाने की मांग।

  • मंडी समितियों को धारा 17 (2) (14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखने की मांग।

  • मंडी समितियों में पूर्व आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संरचना आवंटन नियम 2009 लागू नहीं करने की मांग।

  • कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नॉमिनल दरें रखने की मांग।

  • वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस 25 हजार रुपए की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5 हजार रुपए बहाल करने की मांग।

  • कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दबाव पर रोक लगाने की मांग।

  • लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म करने की मांग।

  • लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाने की मांग।

  • निराश्रित शुल्क समाप्त करने की मांग।

  • मंडी फीस दर 1% करने की मांग।

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