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स्मार्ट चिप कंपनी से छिनेगा वाहनों की फिटनेस का काम,अब वाहनों की फिटनेस एनआईसी से कराने की बन रही योजना

फिटनेस शाखा में टेक्नीशियन व्यक्ति की ड्यूटी लगानी चाहिए, यह व्यवस्था न होने से फिटनेस का काम बाबू के सहारे किया जा रहा है जिसके कारण वाहन दुर्घटना होने के बाद फिटनेस को लेकर सवाल उठते रहे है

ग्वालियर,मध्यप्रदेश । परिवहन विभाग में अभी तक स्मार्ट चिप कंपनी के द्वारा ही अधिकांश काम कराएं जा रहे थे, लेकिन अब उस कंपनी से काम छिनते जा रहे है। पहले उक्त कंपनी से रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लायसेंस के कार्ड का काम छीना गया ओर अब वाहनो की फिटनेस का काम भी छीनने की तैयारी कर ली गई है। वाहनो की फिटनेस करने का काम अब एनआईसी से कराने की तैयारी की जा रही है।

सड़क दुर्घटनाओ के बाद वाहनो की फिटनेस को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहे है इसलिए अब वाहनो की फिटनेस कराने का काम स्मार्ट चिप कंपनी से लेकर एनआईसी से कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। अभी जो वाहनो की फिटनेस का काम किया जा रहा है उसके तहत फोटो खिंचवाकर किया जाता था ओर उस वाहन पर कितना टैक्स बकाया है बीमा है कि नहीं इसका पता नहीं लग पाता था। इसके साथ ही वाहन के अंदर भी जांच में दिक्कत होती थी। वैसे फिटनेस शाखा में टेक्नीशियन व्यक्ति की ड्यूटी लगानी चाहिए, लेकिन यह व्यवस्था न होने से फिटनेस का काम बाबू के सहारे किया जा रहा है जिसके कारण वाहन दुर्घटना होने के बाद फिटनेस को लेकर सवाल उठते रहे है जो सही भी है, क्योकि अभी तक फिटनेस वाहन का फोटो खींचकर ही देने का काम किया जा रहा है। यही कारण है कि अब स्मार्ट चिप कंपनी से फिटनेस का काम वापिस लेने की प्रक्रिया चल रही है ओर यह काम जल्द ही एनआईसी से कराया जाएगा।

टैक्स व बीमा होने पर ही मिलेगी फिटनेस

एनआईसी से वाहनो की फिटनेस शुरू होने से परिवहन विभाग को यह फायदा होगा कि जिन वाहनो पर टैक्स बकाया होगा व बीमा नहीं होगा उनको फिटनेस नहीं मिल सकेगी। एनआईसी टैक्स व बीमा होने पर फिटनेस के लिए फोटो खिचवाया जाएगा ओर उसके बाद वाहन को चैक करने का काम किया जाएगा तब जाकर फिटनेस प्रणाण पत्र मिल सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से वाहनो को आसानी से मिलने वाली फिटनेस नहीं मिल सकेगी। अभी ग्वालियर में ही प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ सैकड़ा वाहन फिटनेस लेने के लिए आते है।

एम परिवहन पर दिखेगे दस्तावेज

परिवहन विभाग ने एक एप बनाया है जिसे एम परिवहन कहा जाता है। इस एम परिवहन पर लायसेंस, रजिस्ट्रेशन दिखाई देंगे उसे ही अब मान्य किया जाएगा। इस व्यवस्था से फर्जी रजिस्ट्रैशन व लायसेंस कार्ड की गतिविधियो पर रोक लग सकेगी।

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