पन्ना : मध्यप्रदेश के पन्ना में सड़क हादसे में बाघिन की दर्दनाक मौत

पन्ना, मध्य प्रदेश : पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला निरंतर जारी। एक साल में 6 बाघों की असमय मौत से प्रबंधन पर सवाल।
मध्यप्रदेश के पन्ना में सड़क हादसे में बाघिन की दर्दनाक मौत
मध्यप्रदेश के पन्ना में सड़क हादसे में बाघिन की दर्दनाक मौतAnil Tiwari

पन्ना, मध्य प्रदेश। पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की निरंतर मौत का सिलसिला जारी है। दीपावली के दिन भी पार्क से बुरी खबर आई और पता चला कि बाघिन की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है। गौरतलब है कि विगत 1 वर्ष में पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों की यह 6वीं मौत है। सभी मौत असमय हुईं। इस संबंध में पार्क प्रबंधन द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि 14.11.2020 को प्रात: लगभग 04.00 से 05.00 बजे के बीच परिक्षेत्र पन्ना कोर के अकोला बफर वृत्त अंतर्गत बीट अमझिरिया में पन्ना-कटनी राजमार्ग पर हुए एक हादसे में बाघिन की मौत हो गई। बताया गया कि कक्ष क्रमांक 399 एवं 400 की सीमा पर गर्रोहा नाला की पुलिया पर अज्ञात वाहन की टक्कर से सड़क दुर्घटना में मादा बाघ शावक की मृत्यु हो गई। सूचना प्राप्त होते ही वन कर्मचारी मौके पर पहुंचे व वरिष्ठ को सूचना दी गई। मृत बाघ शावक के सिर में गम्भीर चोटें पाई गई। बाघ शावक की उग्र लगभग 01 वर्ष है। सूचना प्राप्त होते हुए उत्तम शर्मा क्षेत्र संचालक, जरांडे ईश्वर रामहरि उप संचालक, डा. संजीव गुप्ता वन्यप्राणी चिकित्सक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि इन्द्रभान सिंह बुन्देला की उपस्थिति में मृत मादा बाघ शावक के घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। अज्ञात वाहन का पता करने का प्रयास किया गया। तत्पश्चात मृत बाघ शावक के शव को पोस्टमार्टम हेतु राजाबरिया कक्ष क्रमांक पी 394 में लाया गया। मृत बाघ शावक के सिर में काफी चोटें आई थी। वन्यप्राणी चिकित्सक डा. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम पश्चात क्षेत्र संचालक, उप संचालक वन्यप्राणी चिकित्सक, इन्द्रभान सिंह बुन्देला, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि, परिक्षेत्र अधिकारी व अन्य वन कर्मचारियों की उपस्थिति में बाघ शावक के शव को जलाया गया। प्रथम दृष्ट्या बाघ शावक की मृत्यु अज्ञात वाहन की टक्कर के कारण सड़क दुर्घटना में होना पाया गया, जिसकी खोजबीन जारी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। हालाकि बाघिन की मौत ने प्रबंधन पर कई सवाल खड़े किए हैं।

सामने आई घोर लापरवाही :

पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा बाघों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करने का दावा किया जाता है, लेकिन बाघों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। विदित हो कि पन्ना-कटनी मुख्य मार्ग पर अक्सर बाघ की चहल कदमी देखी जाती रही है। बाघ से राहगीरों को हमेशा ही खतरा बना हुआ था, लेकिन प्रबंधन ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए। इतना ही नहीं बारिश के बाद कोर जाने से लगी मुख्य सड़क किनारे उगने वाली झाडियों की सफाई का काम भी नहीं किया गया। जानकार बताते हैं कि बाघ हमेशा इस क्षेत्र में रहता रहा है, लेकिन झाड़िया नहीं होने के कारण वह सुरक्षित स्थान पर चले जाते थे। लेकिन झाड़ियों की कटाई नहीं होने के कारण सड़क किनारे ही झाड़ियों में बाघ छिपने लगे। जिसके चलते बाघ जंगल की ओर कम वापस होने लगे। ज्यादातर समय सड़क किनारे होने के कारण ही आज यह हादसा हुआ। समय पर यदि झाड़ियों की सफाई का काम होता तो इस तरह के हादसों से बचा जा सकता था।

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