पेट्रोल-डीजल पर महंगाई की मार झेल रहे व्यापारियों ने बजट को बताया औसत
जबलपुर, मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश शासन के मंगलवार को पेश किए गए बजट को लेकर लोगों की खासी उम्मीदें रहीं। यूं भी कोविड महामारी के चलते लोग इस बात का इंतजार कर रहे थे कि आखिर मप्र सरकार का यह बजट पहले से ही पैट्रोल-डीजल की मंहगाई का दंश झेल रहे लोगों को कितनी राहत प्रदान करता है। बजट सामने आने के बाद शहर में लोगों की इसको लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमेन प्रेम दुबे ने बताया कि जब प्रदेश की वित्तीय स्थिति कोविड आपदा के चलते खराब हुई हो, प्रति व्यक्ति आय में कमी आई हो, व्यापार पुन: स्थापित होने संघर्षषील हो, योजनाओं में फंड की कमी हो तब ऐसी परिस्थिति में यह बजट अनेकों संभावनाओं से भरा हुआ हो सकता था लेकिन इससे हर वर्ग निराश हुआ है। महंगाई से जूझ रही जनता को इस बजट से घोर निराशा हुई है।
उद्योग-व्यापार जगत में निराशा :
फेडरेशन ऑफ मप्र चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि आत्म निर्भर मप्र की परिकल्पना को साकार करने यह बजट असफल साबित हुआ है। एमएसएमई सेक्टर में अनुदान के लिए रु. 1437 करोड़ की राशि अपर्याप्त है। बजट में वित्त मंत्री ने आय के स्त्रोतों पर कोई बात नहीं की, अ'छा होता कि सरकार घाटे में चल रहे निगम, उपक्रम में विनिवेश करती ताकि निजी भागीदारी से वित्तीय स्थिति में सुधार आता।
पेट्रोल-डीजल पर वैट की मार जारी :
जबलपुर चेम्बर सचिव नरिन्दर सिंह पांधे ने सभी ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों की ओर से रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश शासन ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कमी न करके इस व्यवसाय को बहुत नुकसान पहुंचाया है तथा महंगाई भी इसके चलते बढ़ रही है। जबलपुर चेम्बर के कोषाध्यक्ष पंकज माहेश्वरी ने इस बजट में एक प्रावधान का स्वागत करते हुए कहा कि अब अधिकतम 20 हेक्टेयर भूमि के साथ भूस्वामी को गौण-खनिज के उत्खनन की अनुमति मिल सकेगी जो कि सार्थक पहल है।
बजट से हर तबका नाखुश :
मंगलवार को बजट विश्लेषण व परिचर्चा में सम्मिलित अमरप्रीत छाबड़ा, दीपक सेठी, प्रदीप चड्डा, अनिल अग्रवाल, अभिषेक ध्यानी, राजेन्द्र श्रीवास्तव, षषिकांत पांडेय, योगेश बिंजोलकर आदि ने बताया कि हर तबके को प्रसन्न करने के प्रयास में वित्त मंत्री किसी को भी खुश नहीं कर पाये। सभी ने कहा कि कोई भी नया कर बजट में नहीं लगाया गया जिसका जबलपुर चेम्बर स्वागत करता है परन्तु यह बजट प्रदेश के आर्थिक विकास को किस तरह से दिशा प्रदान करेगा यह समझ के परे है। एक बार फिर जबलपुर व महाकौशल क्षेत्र को बजट से निराशा हाथ लगी है।
प्रदेश बजट में महाकोशल अछूता : महाकोशल चेम्बर
महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री ने मप्र के वर्ष 2021-22 के प्रस्तुत बजट प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि करोना काल से प्रभावित उद्योग एवं व्यापार पर नये कर न लगाने व करों के दर न बढ़ाने से परेशानी नहीं बढ़ेगी। उद्योग जगत करोना काल में बिजली, लेबर पेमेंट, बैंक ब्याज जैसे ओवरहेड के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। इस बजट में इन मदों में छूट की घोषणा व उदार आर्थिक पेकेज की अपेक्षा की जा रही थी। महाकोशल के उपलब्ध संसाधनों पर आधारित उद्योग स्थापना हेतु रखे गये 30 दिवस की समय सीमा का स्वागत है। यह मूर्त रूप ले मात्र घोषणा या दिवास्वप्न बनकर न रह जाये। पर्यटन उद्योगों के प्रोत्साहन हेतु महाकोशल अंचल के विश्व स्तरीय स्थलों के विकास हेतु बजट में प्रावधान न होने से मायूसी है। चेम्बर अध्यक्ष रवि गुप्ता, राजेश चंडोक, हेमराज अग्रवाल, शंकर नाग्देव, युवराज जैन गढ़ावाल, अखिल मिश्र, अनूप अग्रवाल एवं अनिल जैन पाली ने प्रदेश सरकार से प्रदेश के पूर्वी अंचल-महाकौशल के विकास के लिये विशेष आर्थिक पेकेज देने पूरक बजट में शामिल करने की अपील की है।
ऐतिहासिक है मप्र सरकार का पेपर लेस बजट : प्रो. शैलेष चौबे
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रानी दुर्गावती अर्थशास्त्र विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. शैलेष चौबे ने बताया कि इस बजट में सामाजिक क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता प्रदान की गई है और शिक्षा स्वास्थ्य तथा बुनियादी सेवाओं के विस्तार पर ध्यान दिया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में जहां स्कूल शिक्षा के लिए स्मार्ट कक्षा डिजिटल लर्निंग और 24 हजार से ज्यादा नए शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान, साथ ही उच्च शिक्षा के लिए भी पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। चिकित्सा शिक्षा से जुड़े हुए क्षेत्र में विस्तृत प्रावधान किए गए हैं। सौभाग्य से जबलपुर को इस बजट से विशेष लाभ होने की संभावना है। जबलपुर में नर्मदा एक्सप्रेस वे अभी भी प्रस्ताव के स्तर पर ही है परंतु उसके पूर्ण होने से ऐसा लगता है कि जबलपुर के आर्थिक विकास को बल मिलेगा। साथ ही जबलपुर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र की स्थापना और रोपवे के निर्माण का प्रस्ताव जो संभवत चौसठ योगिनी के मंदिर के लिए होगा विशेष रुप से शहर के विकास में योगदान देने वाला होगा। शिक्षा स्वास्थ्य नगरीय निकायों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि और स्मार्ट सिटी एवं फूड प्रोसेसिंग यूनिट को दी जाने वाली सहायता जबलपुर के विकास को प्रोत्साहित करेगी परंतु प्रदेश सरकार ने वेट कम करके पेट्रोल और डीजल के दामों को कम करने का प्रयास नहीं किया जिसका विपरीत प्रभाव आम जनता पर महंगाई के रूप में दिखाई देगा।
शहर को मिली बेहतर स्वास्थ्य की सौगात : डॉ.शुभम अवस्थी
मप्र वित्तमंत्री द्वारा केंद्र की तर्ज पर पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया। दो लाख 40 हजार करोड़ के बजट में वित्तमंत्री ने यूं तो पूरे प्रदेश को कुछ न कुछ देने की कोशिश की है। यदि महाकौशल और जबलपुर की बात की जाए तो इस बजट में नवीन विज्ञान केंद्र और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की सौगात मिली है। एक तरफ जबलपुर में कैंसर अस्पताल का कार्य निर्माणाधीन है तो वहीं 2017 में जबलपुर में साइंस सेंटर बनाने की घोषणा हुई थी, इसके तहत भेड़ाघाट के भटिया देवी भड़पुरा में तारामंडल-साइंस सेंटर बनाने की योजना थी। इसके लिए करीब सात एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली गई थी, लगभग 15-20 करोड़ की लागत से साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को निर्माण होना है। लेकिन फं ड स्वीकृत न होने से यह योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही थी। अब इसका मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। इस प्रस्तावित साइंस सेंटर में एक इनोवेशन हब होगा। इसमें शोधार्थियों के लिए जरूरी संसाधन भी मौजूद रहेंगे। दो साल में एमबीबीएस की 1235 सीटें बढ़ाई जाएंगी, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और सुधार के लिए मिशन निरामय योजना लागू की जाएगी।
बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का स्वागत : डॉ. देवेन्द्र कुमार
मप्र बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए युवा आर्थिक परिषद के अध्यक्ष एवं भारतीय आर्थिक परिषद के सदस्य डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की बहुत आवश्यकता है। जल जीवन मिशन-5 हजार 962 करोड़, 24,200 करोड़ शिक्षा, 1 लाख 27 हजार करोड़ की नई सिंचाई परियोजना, कॉलेजों के बुनियादी ढांचों के सुधार हेतु 829 करोड़ के बजट का स्वागत है, परंतु युवा मप्र के के युवाओं को रोजगार की आवश्यकता है। केन्द्र और मप्र सरकार के उद्योगों में रोजगार की आवश्यकता है। केन्द्र और मप्र सरकार के उद्योगों में रोजगार मिल सकता है। राज्य सरकार की यूनिवर्सिटी में भर्ती बंद पड़ी है उन्हें चालू करने की आवश्यकता है।
झूठी आशाओं से भरा है बजट, महंगाई से राहत नहीं :
शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव ने मध्य प्रदेश शिवराज सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि जैसे भाजपा और उसके नेता झूठ पर आधारित राजनीति करते हैं, वैसे ही शिवराज सरकार का वर्ष 2021-22 का बजट की घोषणाओं से भरा हुआ झूठ का एक पुलंदा हैं। महंगाई से आम जनता को कोई राहत नहीं दी गई, झूठी आशाओं पर जनता का विश्वास टिका हुआ है। बेरोजगारी का प्रतिशत घटाने की कोई योजना कारगार दिख नहीं रही है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतें कम होने की जो आशा प्रदेशवासियों को थी उसमें भी निराशा ही हुई है। कोरोना काल के कारण शिक्षा बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई है उसमें कोई सुधार या फीस में कमी की घोषणा सरकार के द्वारा नहीं की गई। सिवाय इसके कि हर 15 किलोमीटर पर स्कूल बनेंगे यह हास्यास्पद है कि पूर्व में भी भाजपा शिवराज सरकार हर 3 किलोमीटर पर स्कूल बनाने की योजना बजट में रखती थी। उसे ही अब 15 किलोमीटर बनाने की घोषणा यह सिद्ध करती है कि सरकार का यह बजट सिर्फ लिखा पढ़ी में कोरे कागज पर काले रंग की स्याही का एक धब्बा है। आधे से अधिक मद केंद्र सरकार के बजट के आंकड़ों को बता कर प्रदेश भाजपा सरकार झूठा श्रेय लूटना चाह रही है।
आत्मनिर्भर मप्र को दर्शाता प्रदेश का बजट : सांसद राकेश सिंह
प्रदेश के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा मुख्य सचेतक सांसद राकेश सिंह ने कहा प्रदेश सरकार के बजट में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की है उसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आत्मनिर्भर मप्र को दर्शाते हुए बजट पेश किया है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद भी प्रदेश सरकार ने आशाजनक बजट पेश किया है और इस बजट में किसानों और गरीबों के साथ प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओंए इंफ्रास्ट्रक्चर और महिलाओं की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर इसे जनता के लिए बनाया गया है।
टैक्स न बढ़ाकर प्रदेश सरकार ने दी राहत : जीएस ठाकुर
भाजपा नगराध्यक्ष जीएस ठाकुर ने मप्र बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि प्रदेश सरकार ने जनता को राहत देते हुए इस बजट में किसी भी टैक्स में बढ़ोतरी न करते हुए राहत दी है। साथ ही शिक्षकों की नई भर्ती, किसानों को शून्य प्रतिशत पर ब्याज, हर जिले महिला थानो का निर्माण, हाउसिंग फॉर आल जैसे विषय शामिल कर हर वर्ग के उत्थान के लिए बजट 2021 प्रस्तुत किया गया है।
प्रदेश की जनता के हितों का रखा ध्यान : विधायक रोहाणी
मप्र बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंट विधायक अशोक रोहाणी ने कहा कि बिना किसी अतिरिक्त कर प्रावधान के प्रदेश की जनता के हितों का ध्यान रखते हुए प्रदेश सरकार ने गांव, गरीब, किसान, महिलाओं के उत्थान की योजनाओं हेतु पर्याप्त राशि का प्रावधान बजट में किया गया है। जबलपुर में कैंसर अस्पताल खोले जाने के साथ नया क्षेत्रीय विज्ञान उपकेंद्र खोले जाने की घोषणा भी की गई है, इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं वित्त मंत्री का आभार है।
जनहितैषी है बजट: विधायक अजय विश्नोई
मप्र बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटन विधायक अजय विश्नोई ने कहा कि कोविड की परेशानियों के बाद भी जनहितैषी बजट पेश किया गया है। इससे यह साबित होता है कि प्रदेश में विकास की गति रुकेगी नहीं और प्रदेश विकास की ऊंची छलांग लगायेगा। विधायक विश्नोई ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए चार नई सड़को के निर्माण को स्वीकृति देने के साथ पाटन अस्पताल को सिविल अस्पताल बनाने का निर्णय भी बजट में हुआ है यह जनता के लिए सौगात होगी।
पुराने मकान की रंगाई पुताई करके नया साबित करने की कोशिश : विजय रजक
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विजय रजक ने बताया कि मप्र सरकार का आम बजट पुराने जर्जर मकान का रंग रोगन करके नया साबित करने जैसा दिखाई दे रहा है। इसमें कुछ भी नए प्रावधान नहीं हैं। भाजपा सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लाई गई जनसरोकारी योजनाओं के ऊपर अपने स्टीकर लगाने का काम कर रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सरकार द्वारा 1000 नई गौशालाओं की घोषणा करने से साफ दिखाई दे रहा है। अगर सरकार को युवाओं की इतनी ही चिंता होती तो वो पहले पुरानी भर्तियों में सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान करती। प्रदेश में बढ़ रहे महिला अपराधों में पर अंकुश लगाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नही किया गया। महंगाई कम किये जानेए वैट और पंजीयन शुल्क में कमी किये जाने की उम्मीद लगाए बैठी थी परंतु सरकार ने ठेंगा दिखाते हुए प्रदेश की जनता को निराश किया है। नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा झूठी कोरी घोषणा है पूर्व में ही जिन कॉलेजों की नींव रख दी गई थी, उन पर भाजपा सरकार अपना स्टीकर चिपकाने का प्रयास कर रही है। कृषि प्रधान मप्र में किसानों को राहत देने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारिता साख समितियों के माध्यम से सरकार कर्जा बांटने की तैयारियां कर रही है परंतु पूर्व की कांग्रेस सरकार की लाभकारी किसान ऋण माफी योजना को बंद करने का काम किया है।
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