उज्जैन: शिप्रा नदी में मिला नाले का पानी, कार्यपालन यंत्री मनीष जैन को हटाया
हाइलाइट्स-
मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी में गंदा पानी मिलने का मामला
कार्यपालन यंत्री मनीष जैन को हटाया
स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निर्देश रोशन कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है
शिप्रा नदी के लिए अलग बोर्ड बनाने की मांग की जा रही है
शिप्रा के लिए बेहतर काम हो, इसके लिए अलग से बोर्ड बनाने का विचार मन में आया है
उज्जैन, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में शिप्रा नदी में गंदा पानी मिलने के मामले में आज स्मार्ट सिटी के कार्यपालन यंत्री मनीष जैन को तत्काल पद से हटा दिया गया है। उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशानुसार निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निर्देश रोशन कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है।
शिप्रा नदी के लिए अलग बोर्ड बनाने की मांग:
बता दें कि, शिप्रा नदी के लिए अलग बोर्ड बनाने की मांग की जा रही है। ये मांग महापौर मुकेश टटवाल की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की जाएगी। इसके लिए वे बकायदा एक-दो दिन में एक पत्र भेजेंगे। महापौर का कहना है कि, सिंहस्थ भूमि में प्रवाहित शिप्रा का जल स्वच्छ और शुद्ध रखने के लिए सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए पहले से संभागायुक्त की अध्यक्षता में एक न्यास गठित है, मगर न्यास का काम नजर नहीं आता।
शिप्रा के लिए बेहतर काम हो, इसके लिए अलग से बोर्ड बनाने का विचार मन में आया है। देख रहा हूं कि, शिप्रा नदी के लिए नगर निगम, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण सब अलग-अलग स्तर पर काम करते हैं, मगर समस्या उत्पन्न होने पर ठिकरा नगर निगम के जिम्मे आ जाता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।