सदन में गूंजा सीएम राइज स्कूलों का मुद्दा
सदन में गूंजा सीएम राइज स्कूलों का मुद्दासांकेतिक चित्र

विधानसभा : सदन में गूंजा सीएम राइज स्कूलों का मुद्दा, विपक्ष ने लगाए पक्षपात के आरोप

भोपाल, मध्यप्रदेश : भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा बोले कि डीपीआर पर अफसरों ने किया अनावश्यक खर्च। मंत्री ने कहा कि सीएम राइज स्कूल योजना में किसी विधायक के साथ नहीं हुआ भेदभाव।

भोपाल, मध्यप्रदेश। सीएम राइज स्कूलों में अव्यवस्थाओं और कमियों को लेकर विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी शिक्षा विभाग पर सवाल उठाए। भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने तो यहां तक आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना पर अधिकारी पानी फेरने में तुले हुए। इन पर कार्यवाही होना जरूरी है।

मंगलवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही विधायक उमाकांत शर्मा ने सवाल किया कि प्रदेश के कितने जिलों में सीएम राइज और आदर्श संस्कृत विद्यालय हैं। कितने शिक्षकों की पदस्थापना और कितनों में अतिथि कार्यरत है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के सिरोंज में सीएम राइज स्कूल की निर्माण प्रक्रिया पर सवाल उठाए। विधायक का आरोप था कि जिस जगह कमर तक बरसात का पानी भरता है। अधिकारियों ने उस स्थल पर स्कूल के निर्माण की डीपीआर तैयार की है। नवाबों के समय से यहां ऐतिहासिक मैदान है, जहां क्रिकेट और हॉकी खेली जाती है। यहां संकीर्ण मार्ग हैं। बसों का आगमन होगा तो निश्चित तौर पर भविष्य में बच्चों को परेशानी होगी। जब यह हालत हैं तो आखिर डीपीआर क्यों बनाया गया इस पर लाखों रुपए क्यों खर्च कर दिए गए। उन्होंने मांग उठाई कि डीपीआर पर खर्च करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए। मंत्री ने जवाब दिया कि जिस स्थान का डीपीआर बनाया गया। वह शिक्षा विभाग की जमीन है। विधायक ने जो स्थान बताए, उनकी दूरी ज्यादा पड़ती है। मंत्री के इस जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने मंत्री को सुझाव दिया कि अधिकारियों की तानाशाही मत चलने दीजिए। मुख्यमंत्री की यह महत्वाकांक्षी योजना है। उनकी पीड़ा इस बात को लेकर भी झलकी कि वर्ष 2013 में सिरोंज में आदर्श संस्कृत विद्यालय स्वीकृत हुआ था, लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं किया गया है। भवन का अभाव है तो शिक्षकों के पद भी स्वीकृत नहीं है। शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भी हाथ जोड़े कि शीघ्र मेरा संस्कृत भवन निर्मित करवा दीजिए। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मौके का परीक्षण कराया जाएगा। स्थान परिवर्तित कर विधायक की जहां मंशा होगी उधर स्कूल का निर्माण होगा। उन्होंने यह आश्वस्त भी किया कि सिरोंज में शीघ्र संस्कृत स्कूल भवन का निर्माण होगा। इसके लिए भी प्रक्रिया चल रही है।

करोड़ों खर्च कर दिए प्रचार-प्रसार पर :

प्रश्नकल में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि सीएम राइज स्कूलों के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों खर्च कर दिए, लेकिन सुविधाएं नहीं है। एक प्रकार से प्रचार करके वाहवाही लूटने की कोशिश की गई।

स्कूलों में प्राचार्य और शिक्षकों की कमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम राइज स्कूल योजना में भेदभाव किया गया है। विधायक ने अपने क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि सोनकच्छ में मांग करने के बाद भी सीएम राइज स्कूल नहीं खोला गया। यहां तक कि बच्चों को धरने पर बैठना पड़ा था। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि इस योजना में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। प्रदेश में 275 स्कूल संचालित है। सरकार ने बजट में प्रावधान कर प्लानिंग के साथ स्कूल शुरू किए हैं। जगह की टेस्टिंग कर स्कूल बनाए जा रहे हैं, ताकि उनकी अवधि ज्यादा से ज्यादा चलें। मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 104 प्राचार्य और 102 उप प्राचार्य स्कूलों में पदस्थ हैं।

यह पक्षपात नहीं तो क्या धर्मराज है :

मंत्री इंदर सिंह परमार जब कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा की बात का जवाब दे रहे थे। तभी नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि पहले कहा गया था कि हर ब्लॉक में स्कूल खुलेंगे। उन्होंने अपना दर्द ही बताया कि वे स्वयं मंत्री से व्यक्तिगत आग्रह करके आए थे। लेकिन उनके क्षेत्र में स्कूल नहीं खोला गया है। यह पक्षपात नहीं तो क्या धर्मराज है। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 72 कांग्रेसी विधायकों के क्षेत्रों में स्कूल खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान मासिक 500 रूपए में गुरुजियों की भर्ती की थी। हमने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन की बात हो या सेना के पराक्रम की अथवा ईवीएम मशीन की बात हो। कांग्रेस तारीफ करने की बजाय आलोचना ही करती है।

सभी स्कूल रंग रोगन सफाई से होंगे चाक-चौबंद :

प्रश्नकाल में भोपाल से विधायक आरिफ अकील ने भी स्कूलों में अवस्थाओं के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि भोपाल में बच्चों के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। शौचालय भी नहीं है। सफाई और पुताई व्यवस्था का अभाव है। विधानसभा अध्यक्ष ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि जिन स्कूलों में यह अव्यवस्था है। वे सूची उपलब्ध कराएं। वहां काम होगा। मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सभी स्कूलों में सफाई और पुताई व्यवस्था होगी।

निराश ना हो सात माह ही बचे हुए हैं : कमलनाथ

सदन में कांग्रेस के विधायक जब सीएम राइज स्कूलों को लेकर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे। तभी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर तंज कसा तो अपने दल के विधायकों को भी उन्होंने एक प्रकार से ढाढस बंधाया। कमलनाथ ने अपने दल के विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुखी न हों। सात महीने ही शेष बचे हैं। प्रदेश की जनता गवाह है कि वर्तमान में क्या चल रहा है। कमलनाथ ने कहा कि हालात यह हैं कि खंभों में तार नहीं तो तारों में बिजली नहीं है। प्रदेश की जनता सब देख रही है और चुनाव में इसका जवाब देगी। कमलनाथ की बात का संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी जवाब दिया। मंत्री ने कहा कि आज कमलनाथ जी ने दिग्विजय शासनकाल की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने का उनका यह दिवास्वप्न है। जब बनी बनाई सरकार चली नहीं तो, बनाएंगे कैसे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संजीव और पंडित की दया से उन्होंने सरकार बनाई। लेकिन वोट हमको ज्यादा मिले।

14 महीने बनेंगे सीएम राइज स्कूल :

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 12 माह में 25 करोड़ की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। मंत्री ने बताया कि अब प्रदेश में 14 माह की अवधि में स्कूल भवन बनकर तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल की क्षमता के मान से ही बच्चों को एडमिशन दिए जा रहे हैं। निकट भविष्य में सभी जगह स्थाई प्राचार्य होंगे। मंत्री ने कहा कि 9200 स्कूलों की स्थापना प्रदेश में होना है। इसका बाकायदा बजट में प्रावधान हुआ है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।

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