मप्र में भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस नीति
मप्र में भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस नीतिSyed Dabeer Hussain - RE

मप्र में भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस नीति- 2022 में लोकायुक्त ने 26 फीसदी अधिक भ्रष्ट्रों को रंगे हाथों पकड़ा

वर्ष 2022 में कुल 279 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए, जिनमें 252 ट्रेप , 17 आय से अधिक संपत्ति (छापे) के प्रकरण तथा 10 पद के दुरूपयोग के प्रकरण शामिल हैं।

हाइलाइट्स :

  • सात फीसदी अधिक भ्रष्ट्राचार के आरोपी न्यायालय में दोषी सिद्ध।

  • 2021 की तुलना में 2022 में कुल दर्ज प्रकरण 12 प्रतिशत से अधिक।

  • 98 प्रकरणों में अभियुक्तों को भ्रष्ट्राचार के मामलों में मिली सजा।

  • 252 ट्रेप, 17 आय से अधिक संपत्ति और 10 पद के दुरूपयोग के प्रकरण।

भोपाल, मध्यप्रदेश। भ्रष्ट्राचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल करते हुए लोकायुक्त संगठन ने साल 2021 की तुलना में 2022 में कुल 26 फीसदी अधिक भष्ट्र अफसरों को ट्रेप, आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरूपयोग करने पर प्रकरण दर्ज किए है। इसके साथ ही एक वर्ष में 98 प्रकरणों में अभियुक्तों को न्यायालय से सजा दिलाने में भी सफलता मिली है।

लोकायुक्त संगठन के अनुसार 2021 की तुलना में 2022 में कुल पंजीबद्ध प्रकरणों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा ट्रेप के पंजीबद्ध प्रकरणों में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में कुल 279 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए, जिनमें 252 ट्रेप , 17 आय से अधिक संपत्ति (छापे) के प्रकरण तथा 10 पद के दुरूपयोग के प्रकरण शामिल हैं।

वर्ष 2022 में प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में 202 प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए है । विशेष न्यायालयों द्वारा वर्ष 2022 में 140 प्रकरणों में अंतिम निर्णय पारित किया गया, जिसमें से 98 प्रकरणों में अभियुक्तों को दंडित किया गया तथा 42 प्रकरणों में दोषी को दोषमुक्त किया गया है। इस प्रकार सजा का प्रतिशत 70 प्रतिशत रहा है। विगत वर्ष 2021 में हुई सजा के प्रकरणों की तुलना में इस वर्ष 07 प्रतिशत अधिक प्रकरणों में सजा हुई है।

358 आपराधिक प्रकरणों की विवेचना :

वर्ष 2022 में कुल 358 आपराधिक प्रकरणों की विवेचना पूर्ण की गई, जिनमें 269 ट्रेप प्रकरण, 25 आय से अधिक संपत्ति (छापे) के प्रकरण तथा 64 पद के दुरूपयोग के प्रकरण शामिल है। आपराधिक प्रकरणों के अतिरिक्त 52 प्राथमिक जांच प्रकरणों का भी निराकरण किया गया।

15 प्रकरण में अभियोजन की स्वीकृति लंबित :

कुल दर्ज प्रकरणों में से 15 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति लंबित है। इसमें साल 2015, 16, 17, 18, 19, 20, 21 और 2020 में दर्ज प्रकरण शामिल है।

सिर्फ भोपाल संभाग में ही 32 प्रकरण दर्ज :

लोकायुक्त द्वारा भ्राष्ट्रचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हुए सिर्फ भोपाल संभाग में ही 32 प्रकरण किए गए है, इनमें कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारी शामिल है।

मप्र में जनता को भ्रष्ट्राचार से मिलेगी मुक्ति : सीएम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट कहा था कि मध्यप्रदेश में भ्रष्ट्राचार पर जीरो टॉलरेंस नीति चलेगी। भ्रष्ट्राचार करने वाले और उसमें शामिल अफसरों पर तत्काल एक्शन लिया जाए, फिर चाहे वो कोई भी हो।

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