दिल्ली, भारत। लद्दाख तनाव मामले पर विपक्ष के नेता लगातार सरकार को निशाने पर लिए हुए है। अब हाल ही में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का चीन-भारत तनाव पर एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होने अपनी प्रतिक्रिया में मोदी सरकार से चीन को जवाब देने की अपील की है।
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि :
इस दौरान उन्होंने लद्दाख सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए। 15-16 जून को गलवान वैली में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। देश के इन सपूतों ने अंतिम सांस तक देश की रक्षा की, इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं, लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं, हमारी सरकार के निर्णय और सरकार के कदम तय करेंगे कि, भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें...जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दातित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व प्रधानमंत्री का है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह
घुसपैठ को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा :
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आगे ये भी कहा कि, ''प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं समारिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए। चीन ने अप्रैल से लेकर आजतक गलवान घाटी और पैंगॉन्ग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे।''
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रूख को बल नहीं देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थित को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करे। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि, भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृ्त्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।
सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें :
मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें और कर्नल बी. संतोष बाबू एवं हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ था ‘अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।'
मनमोहन सिंह के बयान पर बोले राहुल :
वहीं, पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह जी की मोदी को दी गई इस महत्वपूर्ण सलाह के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उनके इस पत्र को अपने ट्विट पर शेयर करते हुए कहा कि, भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूं कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे।
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