जम्मू कश्मीर, भारत। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पिछले साल यानी 2019 से ही जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद रही, लेकिन मंगलवार को करीब 14 महीने 8 दिन बाद उनकी रिहाई हो गई है।
रिहाई होते ही संघर्ष का ऐलान :
मंगलवार की रात रिहाई होने के फौरन बाद ही महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर करीब 1 मिनट 23 सेकेंड का ऑडियो संदेश जारी कर अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को हटाए जाने को काला फैसला करार देते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए संघर्ष का ऐलान किया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व CM महबूबा मुफ्ती इस ऑडियो संदेश में कहा, ''मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता और इसके लिए वह संघर्ष करेंगी।''
दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा, बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर के मसले को हल करने के लिए जद्दोजहद जारी रखनी होगी, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा। आज जब मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
महबूबा मुफ्ती
यहां सुनिए महबूबा मुफ्ती का संदेश-
बता दें, पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और धारा 35 ए को खत्म करने से ठीक पहले जन सुरक्षा कानून के तहत महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था।
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