सरकार ने किसान संगठनों को भेजे 5 अहम प्रस्ताव- जल्‍द समाप्‍त हो सकता है आंदोलन

MSP पर कानून बनाए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर अड़े किसानों का आंदाेलन जल्‍द ही समाप्‍त हो सकता है। आज केंद्र की मोदी सरकार ने किसान संगठनों को 5 अहम प्रस्ताव भेजे हैं।
सरकार ने किसान संगठनों को भेजे 5 अहम प्रस्ताव
सरकार ने किसान संगठनों को भेजे 5 अहम प्रस्ताव Syed Dabeer Hussain - RE

दिल्‍ली, भारत। कृषि कानूनों के विरोध को लेकर शुरू हुआ किसानों के आंदोलन को एक साल हो गया है, कृषि कानूनों के रद्द होने के बावजूद भी किसानों का आंदोलन अभी तक जारी है, क्‍योंकि अब आंदोलनकारी किसान MSP पर कानून बनाए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। इस बीच आज मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार ने किसान संगठनों को 5 अहम प्रस्ताव भेजे हैं।

जल्द समाप्‍त हो सकता है किसानों का आंदोलन :

बताया जा रहा है कि, केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को भेजे गए इस अहम प्रस्ताव में न्यूनतम समर्थन मूल्य, केस की वापसी और बिजली विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट किया है। अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बुधवार को 2 बजे फिर से बैठक होगी। माना जा रहा है कि, संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए किसानों का आंदोलन जल्‍द ही समाप्‍त हो सकता है।

सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहीं यह 5 बातें-

  1. MSP पर प्रधानमंत्री ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। इस कमेटी में केंद्र, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और और कृषि वैज्ञानिक सम्मलित होंगे। हम इसमें स्पष्टता चाहते हैं कि, किसान प्रतिनिधि में एसकेएम के प्रतिनिधि होंगे।

  2. जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापिस लिए जाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापिस लेने के बाद केस वापिस लेने की सहमति बनी है।

  3. मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उपर्युक्त दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है।

  4. जहां तक इलेक्ट्रीसिटी बिल का सवाल है, संसद में पेश करने से पहले सभी स्टेकहोल्डर्स के अभिप्राय लिए जाएंगे।

  5. जहां तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है, उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसान को मुक्त दी है।

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