मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, किसानों की आय दोगुनी होगी

मोदी सरकार लगातार कृषि क्षेत्र को फ़ायदे का सौदा बनने के लिए प्रयास कर रही है। अब जानिए कि कृषि विभाग के नए फैसलों से किसानों को क्या फ़ायदा मिलेगा।
मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, किसानों की आय दोगुनी होगी
मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, किसानों की आय दोगुनी होगीSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। लॉक डाउन का प्रभाव भारत समेत दुनिया के हर देश पर पड़ा है। इसी लॉक डाउन के चलते भारत का कृषि बाजार भी प्रभावित हुआ है। किसानों को फसल कटाई से लेकर फसल बेचने तक कई मुसीबत उठानी पड़ी है। अब किसानों को इस संकट से निकालने के लिये मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला है कि किसानों को मंडी के अलावा फसल बिक्री के लिए विकपल की सुविधा दी जाएगी।

भारतीय कृषि पद्धति के विकास के लिये प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में कृषि क्षेत्र में आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया गया, ताकि कृषि उपज की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो सके। इससे जहां लागत घटेगी वहीं उपज की गुणवत्ता बेहतर होगी। घरेलू किसानों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उसे हर तरह की सुविधाओं से लैस किये जाने पर भी विचार किया गया। फसलों में जैव-प्रौद्योगिकी को लेकर चल रहे परस्पर विरोधी विचारों के साथ इनपुट लागत में आने वाली कमी पर भी विचार किया गया है।

भारत सरकार ने चालू किया ई-नाम

किसानों को फसल का उचित मूल्य मिले इसके लिये भारत सरकार ने ऑनलाइन मंडी का भी कॉन्सेप्ट चालू किया गया है इसके जरिये किसान अपनी फसल उचित दाम पर बेच सकता है । लगातार देश में कई सालों से किसानों को उचित मूल्य ना मिलने की बात सामने आई हैं। बता दें कि ई-नाम योजना किसानों के लिए बनाई गई है। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि से संबंधित उपजों के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा ए.पी.एम.सी मंडी का एक प्रसार है।

इतने पढ़े लिखे होते तो खेती क्यों करते

सरकार ने ई-नाम पोर्टल तो चालू कर दिया है पर ज़मीनी स्तर पर इसका क्या परिणाम होता है इसके लिए कुछ समय इंतज़ार करना होगा। जब किसानों की इस पोर्टल के विषय में राय ली गई तो उन्होंने बताया कि "भैया इतने पढ़े लिखे होते तो खेतीवाड़ी क्यों करते? नौकरी-चाकरी नहीं करते क्या" किसानों की ये बात भी गौर करने लायक क्योंकि अभी भारत देश के अधिकत्तर किसान स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल भी नहीं करते इस स्थिति में आम किसान को ई-नाम से जोड़ पाना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है।

किसानों की आय हो सकती है दुगनी

अगर सरकार के बनाए हुए प्लान के अनुरूप कार्य होता है और किसान से डायरेक्ट कस्टमर से फसल का आदान-प्रदान चालू हो जाता है तो किसानों की आय दुगनी हो जाएगी अभी की मौजूदा परिस्थिति के अनुरूप किसान व्यापारियों को मंडी में अपनी फसल विक्रय करता है। उसके बाद मंडी से फसल अगले स्टेप की ओर जाती है और इस कारण से किसान को अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता है अगर किसान टू कस्टमर प्लान सक्सेसफुल होता है तो इससे किसानों को एवं फसल खरीदने वालों को दोनों को फायदा होगा।

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