'सांसद आदर्श ग्राम योजना' से सासंद गायब

साल 2014 में लॉन्च सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अब तक सिर्फ 1,753 ग्राम पंचायत ही आदर्श ग्राम के लिए चयनित हुए हैं। 2019 के बाद से सभी सांसदों को 5 गाँवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श ग्राम बनाना है।
साल 2014 में लॉन्च सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अब तक सिर्फ 1,753 ग्राम पंचायत ही आदर्श ग्राम के लिए चयनित हुए हैं।
साल 2014 में लॉन्च सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अब तक सिर्फ 1,753 ग्राम पंचायत ही आदर्श ग्राम के लिए चयनित हुए हैं।Social Media

राज एक्सप्रेस। सांसद ग्राम योजना भारत की पहली ऐसी योजना है जिसमें सांसदों को एक साल के लिए अपने लोकसभा क्षेत्र के किसी एक गाँव को गोद लेकर वहां की बुनियादी सुविधाओं समेत खेती, रोज़गार, पशुपालन आदि क्षेत्रों के विकास कार्य में जोर देना है।

एक अच्छे उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजना विफल होते नज़र आ रही है।

साल 2014 से 2019 के बीच चार पड़ावों में सांसदों द्वारा अपने लोकसभा क्षेत्र में किसी भी एक गांव को गोद लेने की संख्या तेजी से घटी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट में ये डाटा उपलब्ध है।

15 अगस्त, 2014 नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री के रूप में देश को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान किया था। 11 अक्टूबर को यह स्कीम लॉन्च हुई थी, तब से 2019 तक केवल 1,753 ग्राम पंचायत ही इस स्कीम का हिस्सा बन पाए हैं।

अगर हम हर जिले में एक आदर्श गाँव तैयार करते हैं, तो उसे प्रोत्साहित होकर आसपास के सारे गाँव खुद ब खुद आदर्श गाँव बनने की राह में काम करेंगे।

नरेंद्र दामोदारदास मोदी ( प्रधानमंत्री)

चौथे पड़ाव के लिए अभी तक दो-तिहाई सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्र के किसी गाँव का चयन करना बाक़ी है, जिसे मॉडल स्वरूप दे सकें।

चार पड़ावों में घटती संख्या

2014 में शुरू की गई स्कीम में पहले पड़ाव में सांसदों ने काफी रूचि दिखाई। पहले चरण में कुल 703 गाँवों को गोद लिया गया, दूसरे पड़ाव में 497, तीसरे पड़ाव में 301 और 252 गाँवों को चौथे चरण में।

लोकसभा सदस्यों की बात करें तो पहले चरण में 500 सांसद आगे आए, दूसरे में 364, तीसरे चरण में 239 और 208 चौथे चरण में।

राज्यसभा में बैठे सांसदों की बात करें तो पहले चरण में 203 सांसदों ने अपने क्षेत्र के किसी गाँव को गोद लिया, दूसरे चरण में 133, तीसरे चरण में 62 और 44 चौथे चरण में।

प्लान से पीछे चल रहा स्कीम

आदर्श ग्राम योजना के तहत साल 2016 तक सभी सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्र के किसी एक गाँव पर विकास कार्य कर उसे आदर्श गाँव का मॉडल बनाना था। साल 2016 के बाद सांसदों को किसी दो गाँव को गोद लेकर उसे आदर्श गाँव के रूप में तब्दील करना था। वहीं 2019 के बाद यानी वर्तमान में अब से पाँच गाँव सांसदों के झोली में हैं, जिन्हें उन्हें आदर्श ग्राम बनाना है।

लोकसभा की कुल संख्या 545 सदस्यों की है जिसमें 543 निर्वाचित सदस्य और दो नामित सदस्य शामिल हैं। इसी तरह, राज्यसभा में 245 सदस्यों की संख्या है, जिसमें 12 नामित सदस्य शामिल हैं। सांसदों की संख्या और सांसद आदर्श ग्राम योजना में लचीलापन दर्शाता है कि, हमारे सासंद अपने क्षेत्र के प्रति कितने गंभीर हैं।

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