Pegasus Spyware : न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के चलते फिर चर्चा में है 'पेगासस मामला'

पिछले साल की तरह ही एक बार फिर इस पेगासस मामला मामले पर सियासत गरमाई नजर आरही है और यह सब अमेरिकी न्यूजपेपर न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के चलते हो रहा है।
Pegasus Spyware : न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के चलते फिर चर्चा में है 'पेगासस मामला'
Pegasus Spyware : न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के चलते फिर चर्चा में है 'पेगासस मामला'Syed Dabeer Hussain - RE

Pegasus Spyware : बीते साल काफी चर्चा में रहा इजरायली स्पाइवेयर पेगासस सॉफ्टवेयर से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में नजर आरहा है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से पिछले साल राहुल गांधी और कई विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों आदि की जासूसी करने की खबर सामने आई थी। पिछले साल की तरह ही एक बार फिर इस मामले में सियासत गरमाई नजर आरही है और यह सब अमेरिकी न्यूजपेपर न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के चलते हो रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट :

दरअसल, अमेरिकी न्यूजपेपर न्यूयॉर्क टाइम्स द्वाराने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का दावा है कि, साल 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल गए थे, तब दोनों देशों के बीच दो अरब डॉलर का रक्षा सौदा हुआ था। इस डील के तहत ही पेगासस को लेकर भी डील हुई थी। हालांकि, इस इस रिपोर्ट के सही होने का न्यूजपेपर कंपनी के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है। इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी अब मोदी सरकार और BJP पार्टी पर सीधा निशाना साधती हुई नजर आरही है।कांग्रेस पार्टी ने BJP सरकार को घेरते हुए इस मामले में जवाब की मांग की है।

कांग्रेस पार्टी ने माँगा जवाब :

बताते चलें, देश की मुख्य विपक्ष कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार से प्रश्न करते हुए पूछा है कि, अब इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों चुप हैं ? इसके अलावा कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोविल ने अपने ट्वीटर से ट्वीट कर लिखा है कि, ‘’नरेंद्र मोदी चुप हैं? न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया कि करदाताओं के 300 करोड़ का भुगतान इजरायली NSO को किया गया। इसका मतलब है कि, हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और संसद को गुमराह किया।"

शिवसेना ने भी उठाये सवाल :

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को मद्देनजर रखते हुए इस मामले पर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने भी BJP सरकार को घेरते हुए सवाल उठाना शुरू कर दिया है। शिवसेना ने कहा कि, "रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि, विपक्ष ने जो मुद्दा उठाया था वो सही था।" उधर संजय राउत का कहना है कि, 'यह लोकतंत्र है क्या? यह तो बहुत ही घटिया तरह की हिटलरशाही है। जो बात हमने एक साल पहले रखी थी। राहुल जी ने भी रखी थी। हम लोगों ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया। BJP के बड़े-बड़े लोगों पर भी निगरानी रखी जी रही थी। हमारे परिवार के बैंक अकाउंट चेक किए जा रहे हैं, हमारे फोन सुने जा रहे हैं।'

क्या है पेगासस और यह मामला ?

जानकारी के, लिए बता दें, पेगासस एक तरह का स्पाइवेयर है। जो निगरानी या कह सकते है की जासूसी करने के काम आता है। इसको इजरायल की कंपनी NSO द्वारा निर्मित किया गया है। इस स्पाइवेयर लो लेकर ऐसा दावा किया गया है कि इसको अधिकृत सरकारी एजेंसियों को बेचा गया था और उन्होंने इसकी मदद से स्मार्ट फोन के जरिए जासूसी की थी। इसके बाद ही इस तरह के आरोप भारत की मोदी सरकार पर लगाए गए थे। इन आरोपों में पेगासस स्पाइवेयर की मदद से 300 से ज्यादा भारतीय नंबरों की जासूसी करने की बात सामने आई थी। इन लोगों में बड़े-बड़े पत्रकार और नेताओं के नाम शामिल थे।

गौरतलब है कि, पिछले साल यह मामला इतना चर्चा में था कि, इस मामले के चलते राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे 'भारतीय जनता पार्टी' से 'भारतीय जासूस पार्टी' का नाम तक दे डाला था।

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