त्रिपुरा में कांग्रेस की रैली पर हमला, 32 घायल
अगरतला, त्रिपुरा। त्रिपुरा कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के एक घंटे के अंदर जिरानिया में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांग्रेस की एक रैली पर कम से कम चार बार हमला हुआ, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पार्टी प्रभारी डॉ. अजय कुमार समेत कम से कम 31 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि शिकायत दर्ज कर ली गई हैं और जांच जारी है।
कांग्रेस विधायक सुदीप रॉयबर्मन ने मीडिया को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मोटरसाइकिल रैली के बाद वापस लौटते समय सचिंद्र कॉलोनी स्कूल इलाके में रैली में शामिल लोगों पर पथराव किया गया लेकिन वह किसी प्रकार से इस जानलेवा हमले से बच कर निकलने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि इसके बाद मोहनपुर में जिरानिया के पुलिस उपाधीक्षक और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सामने कांग्रेस रैली पर हमला किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि रानीरबाजार में राज्य के सूचना मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक सुशांत चौधरी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ रैली के मार्गों को अवरुद्ध कर दिया और डॉ. कुमार के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ झड़प में शामिल हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि, "राज्य के मंत्री ने अचानक अपने कार्यकर्ताओं से कांग्रेसियों को मारने के लिए कहा और वे तुरंत रैली में शामिल लोगों पर पत्थर, खाली बोतलें और लाठियों से वार करने लगे। केंद्रीय बलों के साथ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और उन्होंने उपद्रवियों को रोकने का भी प्रयास नहीं किया।"
श्री रॉयबर्मन ने आरोप लगाया कि जब कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता अगरतला की ओर भागे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने बृधिनगर इलाके में उन पर हमला किया जिसमें कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए। उन्होंने कहा कि न केवल पुलिस या केंद्रीय बल बल्कि सीआरपीएफ के एक आईजीपी अपने एस्कॉर्ट के साथ वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जो कि अपराधियों को नियंत्रित करने में निर्वाचन आयोग की अक्षमता को उजागर करता है, जबकि उनकी यात्रा के दौरान हमने ऐसी घटनाओं के बारे में पहले ही आशंका व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा, "पुलिस ने घायलों को अस्पताल ले जाने के बजाय दो घंटे तक थाने में हिरासत में रखा और अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। दिल्ली में चुनाव आयोग ने त्रिपुरा में चुनावी हिंसा के खिलाफ अपना कड़ा रुख दोहराया है लेकिन हमले के पांच घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है और अपराधी चुनाव आयोग और चुनाव मशीनरी को चुनौती दे रहे हैं। अगर मंत्री और उनकी टीम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो हमें अन्य उपायों के बारे में सोचना होगा।"
उन्होंने कांग्रेस और माकपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में संयुक्त बैठक आयोजित करने और भाजपा को करारा जवाब देने की बात की। अब तक न तो श्री चौधरी और न ही भाजपा की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी प्राप्त हुई है।
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