जल्द ही जिलों में भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी मंडल स्तर पर संचालित अभ्युदय कोचिंग शीघ्र ही जिलों में भी उपलब्ध होगी।
जल्द ही जिलों में भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगी
जल्द ही जिलों में भी मिलेगी अभ्युदय कोचिंग की सुविधा : योगीSocial Media

राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी मंडल स्तर पर संचालित अभ्युदय कोचिंग शीघ्र ही जिलों में भी उपलब्ध होगी। एनेक्सी भवन में शुक्रवार को अभ्युदय कोचिंग के छात्रों से बात करते हुये श्री योगी ने कहा कि अभ्युदय कोचिंग के चयनित छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने के लिए राज्य सरकार ने बजट में व्यवस्था की है ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उन्हें कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा '' हमें जीवन में सिद्धांत के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान की भी जरूरत होती है, जो अभ्युदय योजना के तहत विद्यार्थियों को मिल रही है। सफल अधिकारी मार्गदर्शन करें, ऐसी व्यवस्था किसी कोचिंग में नहीं होती है। उन्होंने सफलता के लिए लगातार, धैर्य और पूरे मन से प्रयास करने की सलाह दी। "

सीएम योगी ने कहा कि आज की पीढ़ी भाग्यशाली है कि उसे अब पुस्तकों के ढेर से घिरना नहीं पड़ रहा। स्मार्ट फोन में ही उसे दुनिया भर की किताबें उपलब्ध हो जा रही हैं। इस अवसर पर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय, एडीजी अखिल कुमार, कमिश्नर जयंत नार्लीकर, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन आदि मौजूद रहे। गोरखपुर के एनेक्सी भवन में अभ्युदय कोचिंग के विद्यार्थियों से बात कर श्री योगी ने उनकी जिज्ञासाओं को शान्त किया। छात्रा अपर्णा मिश्रा ने उनसे पूछा '' आप एक योगी, संत हैं और आपके सबल कंधों पर देश के सबसे बड़े राज्य की भी जिम्मेदारी है, दोनों में समन्वय कैसे बनाते हैं। " सीएम योगी ने कहा '' एक योगी का लक्ष्य लोक कल्याण होता है और मुख्यमंत्री के रूप में मेरा दायित्व लोक कल्याण के पथ पर चलते रहने का है। लोक कल्याण ही मेरा लक्ष्य है। मेरा धर्म राष्ट्रधर्म है। धर्म का अर्थ वह नहीं जो हम सामान्य भाषा में समझते हैं।

पूजा पद्धति और उपासना विधि मेरी व्यक्तिगत आध्यात्मिक साधना का विषय है। मैं इसे किसी और पर नहीं थोप सकता और न ही कोई अन्य मुझ पर थोप सकता, लेकिन राष्ट्रधर्म हरेक व्यक्ति के लिए है। मेरे लक्ष्य और धर्म को लेकर कोई दुविधा नहीं है। " उन्होंने कहा कि अभ्युदय के विद्यार्थी भी सफलता प्राप्त करने के लिए दुविधा मुक्त लक्ष्य निर्धारित करें क्योंकि दुविधा रहने पर 'माया मिली न राम ' वाली स्थिति हो जाती है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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