राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नाम पर हिंसा भड़काने वाले उपद्रवियों के खिलाफ यूपी की योगी सरकार द्वारा सख्त रुख अपनाते हुए उपद्रव और तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों के जो पोस्टर लगवाए थे इस मामले पर इलाहाबाद HC से CM आदित्यनाथ योगी को झटका लगा है।
पोस्टर हटाने के दिए आदेश :
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर को अविलंब पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया है और पोस्टर हटाए जाने संबंधी कृत कार्रवाई की रिपोर्ट 16 मार्च से पहले दाखिल करने का आदेश दिया है।
इस दौरान चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर से यह भी पूछा कि, किस कानून के तहत लखनऊ की सड़कों पर इस तरह के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, सार्वजनिक स्थान पर संबंधित व्यक्ति की इजाजत के बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है।
मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की स्पेशल बेंच ने इस मामले पर कल रविवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बता दें कि, बीते वर्ष 2019 में 19-20 दिसंबर को CAA हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था, इसके अलावा आम लोगों की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया था। इसी के चलते CCTV फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की गई है और नुकसान वसूली का नोटिस जारी किया था। इसके अलावा UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन उपद्रवियों के चौराहे पर फोटो और नाम के साथ बड़े-बड़े पोस्टर लगवाये थे।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।