राज एक्सप्रेस। भारतीय पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाएं जाने के बाद से सेना प्रमुख पद जिम्मेदारी मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) संभाल रहे हैं और आज शनिवार को भारतीय सेना के नए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे द्वारा दिल्ली में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान उन्होंने यह बातें कहीं...
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले नरवणे?
भारतीय सेना के नए सेना प्रमुख से जब यह सवाल किया कि, क्या राजनीतिक नेतृत्व के कहे अनुसार गुलाम कश्मीर भारत का हिस्सा हो सकता है?
इस पर मनोज मुकुंद नरवणे ने यह जवाब दिया कि, ''यह एक संसदीय संकल्प है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (POK) भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह संकल्प पारित करेगा कि पीओके हमारा होना चाहिए और इस संबंध में हमें आदेश मिलेगा, तो हम इसे हासिल करने के लिए उचित कार्रवाई करेंगे।''
सीमाओं पर तैनात कमांडर के बारे में बोले नरवणे :
इसके अलावा कश्मीर घाटी में तैनात सैन्य अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर नए प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे का कहना है कि, ''सीमाओं पर तैनात कमांडर के फैसले का सम्मान करना होगा, जो भी शिकायतें दर्ज हुईं, वे निराधार साबित हुई हैं।''
सुरक्षा बल अधिकारियों की कमी पर सेना प्रमुख का यह कहना है-
सुरक्षा बल अधिकारियों की कमी है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों की कमी है। हमने बल में अधिकारियों के चयन मानक के स्तर को कम नहीं होने दिया है। आने वाले दिनों में सेना को लेकर अपनी दूरदर्शिता को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि, आने वाले दिनों में सेना में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा न कि तादाद पर, फिर चाहे सेना के लिए उपकरण खरीदने हो या फिर जवानों की भर्ती।
सेना में महिला जवानों के शामिल पर सेना प्रमुख ने दिया यह जवाब :
सेना में महिला जवानों को शामिल किए जाने को लेकर जनरल नरवणे ने कहा कि, 6 जनवरी से 100 महिला जवानों के पहले बैच का प्रशिक्षण शुरु कर दिया गया है।
CDS इस क्षेत्र में एक बड़ा कदम :
इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के नए सेना प्रमुख ने यह बात भी कही कि, तीनों सेनाओं के भीतर तालमेल बेहद जरूरी है। CDS इस क्षेत्र में एक बड़ा कदम है, सेना बदलाव की प्रक्रिया में है। हम हमेशा यह तय सुनिश्चित करेंगे कि, यह सफल रहे। हमारे सामने जो भी चुनौतियां आएं भविष्य में हम उनके लिए तैयार रहें, यही हमारा फोकस है। अभी हम भविष्य में काम आने वाली ट्रेनिंग दे रहे हैं।
वहीं, सेना की संचालन के मुद्दे पर मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि, ''जहां तक भारतीय सेना का संबंध है, हमारे लिए कम समय का खतरा उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाना है और लंबे समय का खतरा पारंपरिक युद्ध है। हम इसी तैयारी में जुटे हैं। पाकिस्तान और चीन सीमा पर सुरक्षा बल को फिर से संतुलित करने की आवश्यकता है। हमें उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है।"
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