राज एक्सप्रेस। देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा भड़की थीं, जिसमें से एक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी है। यहां पर भी CAA के खिलाफ हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटना सामने आईं थीं और अब CAA के नाम पर हिंसा भड़काने वाले उपद्रवियों के खिलाफ यूपी की योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए उनके नाम और फोटो के बड़े-बड़े पोस्टर चौराहे पर लगवाएं हैं।
नुकसान वसूली का फरमान जारी :
पोस्टर में नजर आ रहे इन सभी लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है और यह हिंसा भड़काना उन्हें मंहगा भी पड़ा है, क्योंकि इस हिंसा की वजह से जो भी नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई या यूं कहें कि, वसूली के लिए लखनऊ प्रशासन द्वारा इन्हें फरमान यानी की नोटिस जारी किया गया था। अब UP सरकार सरकार इन उपद्रवियों से वसूली करेगी और बीच चौराहे पर भी इनके पोस्टर भी लगा दिए गए हैं, जिसमें करीब 57 उपद्रवियों की फोटो व नाम शामिल हैं।
बता दें कि, यूपी सरकार यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आदेश दिए जाने के बाद ही इन उपद्रवियों के पोस्टर चौराहों पर लगाए गए हैं।
कब हुई थी हिंसा :
बीते साल यानी 2019 के आखिरी माह में 19-20 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में हुई थी, इस दौरान जिन लोगों ने हिंसा भड़कायी थी, उन सभी लोगों की फोटो उनके नाम और पते के साथ एक बड़े पोस्टर पर छपवाऐ गए हैं, जिसमें कई बड़े नाम पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर, मौलाना सैफ अब्बास और रंगकर्मी दीपक मिश्रा शामिल हैं।
कैसे हुई उपद्रवियों की पहचान :
दरअसल, 19-20 दिसंबर को CAA हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था, इसके अलावा आम लोगों की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया था। इसी के चलते CCTV फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की गई है। लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों की पहचान कर प्रशासन द्वारा अब तक 1 करोड़ 55 लाख रुपये के रिकवरी का नोटिस दिया जा चुका है।
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