राज एक्सप्रेस। वर्ष 2018 में सामने आए दिल्ली के यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी घोटाले की जांच अब CBI द्वारा की जाएगी, आज बुधवार को एजेंसी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की सिफारिश के बाद इस जमीन खरीद पर हुए 126 करोड़ रुपये के महा घोटाले (Yamuna Expressway Scam Case) की जांच अपने हाथ में ली है, इसमें जांच एजेंसी द्वारा अपनी FIR में एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के पूर्व CEO पीसी गुप्ता सहित अन्य 20 लोगों के नाम दर्ज किए हैं।
क्या है आरोप :
दरअसल, सामने आए इस यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी महा घोटाले मामले में अथॉरिटी के CEO पीसी गुप्ता द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों से साठ-गांठ करके मथुरा के 7 गांवों में 19 कंपनियों की सहायता से 85.49 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी गई थी। यह जमीन खरीदने के बाद इसे उच्च कीमतों में बेच दिया, जिससे राज्य सरकार को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
अथॉरिटी के CEO जेल में बंद :
जानकारी के लिए बता दें कि, जब इस जमीन खरीद महा घोटाले की पुलिस ने जांच शुरू की तो इस दौरान पता चला कि, बुलंदशहर से अजीत नाम का शख्स अथॉरिटी के तत्कालीन ओएसडी का रिलेटिव है। तभी पुलिस ने पिछले दिनों ही इसे आरोपी के तौर पर गिरफ्तार कर लिया। वहीं, इस मामले में अथॉरिटी के पूर्व CEO पीसी गुप्ता जेल में बंद हैं और 15 दिसंबर को तत्कालीन CEO सतीश कुमार को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
शासन ने अपनाया सख्त रुख :
यमुना एक्सप्रेस-वे के 'महा जमीन घोटाले' के केस को लेकर हो रही कार्रवाई में लापरवाही को देखते हुए शासन ने सख्त रुख अपनाया। इस जुलाई के माह में जमीन घोटाले केस पर यूपी सरकार द्वारा CBI से जांच की सिफारिश की गई थी।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।