राज एक्सप्रेस। नागरिकता संशोधन कानून 2010 के खिलाफ दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में काफी गदर व उग्र प्रदर्शन को देखते हुए इस मामले की कार्रवाई का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट (Jamia-AMU Protest Case Supreme Court) में भी पहुंच गया है। इस मामले को लेकर सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार :
हालांकि, सीनियर वकील की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है और इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी। इंदिरा जयसिंह ने शीर्ष अदालत से कहा, वह इस मसले पर संज्ञान ले क्योंकि यह मानवाधिकार का उल्लंघन है।
वहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने जामिया हिंसा मामले पर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है-
CJI द्वारा यह भी कहा गया है कि, ''हमें पता है कि दंगे कैसे होते हैं। पहले उपद्रव को रोकिए। हम यह नहीं कह रहे कि, कौन सही और कौन गलत है, लेकिन हर तरफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनों तक बात ठीक थी, लेकिन इस तरह से नहीं चलेगा। आप प्रदर्शनों को सिर्फ इस आधार पर सही नहीं ठहरा सकते कि, इसे करने वाले छात्र थे। दोनों तरफ (पुलिस और छात्र) से कुछ न तो कुछ हुआ है।''
हिंसा के विरोध में 2 मामले दर्ज :
उधर, इस मामले पर दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के विरोध में रविवार को 2 मामले दर्ज किए, इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि, CAA के खिलाफ देश में हिसंक प्रदर्शन, आगजनी व लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर-
नागरिकता संशोधन कानून पर कई प्रदेशों में ग़दर : UP में भी लगी 144
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